गुरुवार, 10 मार्च 2022

पेट्रोल-डीजल सस्ता होने का रास्ता साफ, क्रूड रिकार्ड सस्ता

 

पेट्रोल-डीजल सस्ता होने का रास्ता साफ, क्रूड रिकार्ड सस्ता














नई दिल्ली। मार्च 11 (मेरठ ख़बर लाइव न्यूजआज कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के रेट में आज रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई है। अगर लोगों को याद हो तो कल यानी 9 मार्च 2022 को देश की सबसे बड़ी रिफायनरी चलाने वाली कंपनी बीपीसीएल के चेयरमैन और एमडी अरुण कुमार सिंह ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल का रेट बढ़ने की जगह घटने वाला है। उनका अनुमान था कि कच्चे तेल के रेट में बहुत ही जल्द गिरावट आएगी। लेकिन एक दिन में रिकॉर्ड गिरावट आ जाएगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा। आइये जानते हैं कि आज क्रूड ऑयल का रेट कितना घटा है और कल बीपीसीएल के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने और क्या क्या कहा था।

पहले जानिए कितना घटा है कच्चे तेल का रेट

दुनिया में क्रूड ऑयल के दाम जिस तेजी से बढ़ रहे थे, उसके बाद तेल उत्पादक देशों के सामने दबाव की स्थिति बन गई थी। अभी तक ओपेक देश कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने को तैयार नहीं हो रहे थे। लेकिन अब वैश्विक दबाव के बाद यूएई कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का तैयार हो गया है। जैसे ही यह बात सामने आई है ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स का रेट करीब 16.84 डॉलर (13.2 फीसदी) की गिरावट दर्ज हुई है। इस गिरावट के बाद ब्रेंट क्रूड का दाम 111.14 डॉलर प्रति बैरल पर आकर बंद हुआ है। आज कच्चे तेल में जो गिरावट आई है वह 21 अप्रैल, 2020 के बाद की एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके अलावा यूएस क्रूड फ्यूचर्स भी 15.44 डॉलर (12.5 फीसदी) गिरावट के बाद 108.70 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है। यह नवंबर 2021 के बाद से सबसे बड़ी दैनिक गिरावट है।

मेरठ दक्षिण से दोबारा जीते भाजपा के सोमेंद्र तोमर करीब 7653 वोटो से आदिल चौधरी को हराया

 

मेरठ दक्षिण से दोबारा जीते भाजपा के सोमेंद्र तोमर करीब 7653 वोटो से आदिल चौधरी को हराया




मेरठ।11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज)मेरठ दक्षिण सीट से भाजपा के प्रत्याशी डा. सोमेंद्र तोमर ने नजदीकी मुकाबले में सपा-गठबंधन प्रत्याशी को हरा दिया। उन्होंने सपा-गठबंधन के प्रत्याशी आदिल चौधरी को 7653 मतों के अंतर से पटखनी दी। डा. सोमेंद्र ने 2017 में भी इसी सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि पूर्व के मुकाबले इस बार जीत का अंतर कम रहा। जातिगत समीकरण व गठबंधन की कोशिशों के बीच डा. सोमेंद्र तोमर के लिए जीत दर्ज करना चुनौती बन गया था, मगर भाजपा के प्रति मतदाताओं के स्नेह की वजह से उनकी राह आसान होती चली गई। 4.75 लाख मतदाता वाले इस क्षेत्र में आदिल चौधरी ने करीब 1.75 लाख मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे जीत का ताना-बाना बुना था। सपा के मुस्लिम नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर प्रचार भी किया, मगर इस मेहनत पर आदिल के ही भड़काऊ बयान वाले वीडियो ने पानी फेरना शुरू कर दिया। रफीक अंसारी वैसे तो शहर के प्रत्याशी थे मगर उनकेभड़काऊ भाषण ने दक्षिण के मतदाताओं को भीउकसाने का काम किया। एक-दो गुर्जर बहुल गावों में सोमेंद्र तोमर के लिए व्यक्तिगत विरोध को गुर्जर समाज का विरोध माना गया, जबकि इस समाज ने बड़ी संख्या में सोमेंद्र के पक्ष में वोट किया। करीब 55 हजार वैश्य, 35 हजार ब्राह्मण-त्यागी, 15 हजार पंजाबी में लगभग एकतरफा बढ़त सोमेंद्र ने हासिल की। 25 हजार जाट मत आदिल को ट्रासफर होने का दावा किया जा रहा था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के पक्ष में गुर्जर के साथ-साथ जाट वोट भी गए। सपा व रालोद ने ओबीसी वोटों के लिए खूब लामबंदी की लेकिन करीब 45 हजार मतदाताओं ने गठबंधन को अपनाने के बजाए भाजपा की तरफ गलबहिया की। इन वोटों से सोमेंद्र का ग्राफ बढ़ता गया और इसी में करीब 90 हजार वोट वाले अनुसूचित जाति के लोगों ने बसपा से उतना प्रेम नहीं दिखाया जितना मानकर चला गया था। बसपा के दिलशाद अली ने मुस्लिम मतों में तो बंटवारा किया लेकिन बाकी मतदाताओं में वह ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सके। इसी तरह से काग्रेस के नफीस सैफी पूरी तरह सेप्रभावहीन रहे, लेकिन उन्होंने जो भी थोड़ा बहुत मुस्लिम मतों को हासिल किया उससे सोमेंद्र तोमर की राह आसान हो गई। उधर, सोमेंद्र तोमर को सबसे अधिक फायदा बसपा प्रत्याशी द्वारा हासिल किए गए मतों से हुआ। बसपा प्रत्याशी ने 39685 मत हासिल कर आदिल को हार के मुहाने पर पहुंचा दिया। उधर, सोमेंद्र तोमर की जीत इसलिए भी पहले से सुनिश्चित मानी जा रही थी क्योंकि उनके क्षेत्र से अधिकाश विकास वाले प्रोजेक्ट गुजरे हैं। इसका भी लोगों ने ध्यान रखा। आदिल पहले भी इस सीट से हार चुके थे। महानगर अध्यक्ष रहने के दौरान भी कोई जनाधार नहीं बना पाए। जबकि सोमेंद्र लगातार सक्रिय रहे थे।

मेरठ कैंट विधानसभा से अमित अग्रवाल और मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला हुआ लेकिन मनीषा के हिस्से में हार और अग्रवाल ने 117526 वोटो से जीते।

 

मेरठ कैंट विधानसभा से अमित अग्रवाल और मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला हुआ लेकिन मनीषा के हिस्से में हार और अग्रवाल ने 117526 वोटो से जीते।













मेरठ। (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) कैंट विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक दशक में पहली बार वोटों की बारिश हुई। 2012, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान का प्रतिशत बेहतर रहा। पहली बार 61.08 प्रतिशत मतदान रिकार्ड हुआ। मतदान के रुझान से साफ है कि भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल और रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला है। हालांकि परिणाम 10 मार्च को ही फाइनल होगा।

मेरठ कैंट में जिस तरह से मतदान की उम्मीद थी उसी तरह मतदान हुआ। सुबह से ही मतदाता लाइन लगाकर मतदान करते रहे। भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल और रालोद प्रत्याशी के बीच हर बूथ पर मुकाबला दिखा। कैंट में बसपा प्रत्याशी अमित शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी अवनीश काजला ने भी उपस्थिति दिखाने की पूरी कोशिश की। समीकरण के हिसाब से भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल की बढ़त दिख रही है। उन्हें रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत ने टक्कर देने की कोशिश की। उपस्थिति अच्छी दिखाई। बस समीकरण के हिसाब से भाजपा प्रत्याशी को कैंट में अच्छी बढ़त दिख रही है। मतदाताओं के रुझान से मेरठ कैंट में भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत दिख रही है। जिले की दूसरी बड़ी सीट कैंट में सुबह से ही मतदाताओं की उपस्थिति दमदार रही। चार लाख 28 हजार 597 मतदाता वाले कैंट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपने को सबसे सुरक्षित मान रही है।मेरठ कैंट की जनता ने व्यापक समर्थन दिया है। कैंट में हर वर्ग और जाति के लोगों ने वोट दिया है। कैंट की जनता ने पहले भी दो बार मुझे बहुत प्यार दिया था। इस बार अधिक मतदान से प्यार दिया है। 10 साल में सबसे अधिक मतदान। यह कैंट की जनता का प्यार है। 

शहर विधानसभा सीट खूब दौड़ी रफीक अंसारी की साइकिल भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को करीब 26482 वोटो से हराया

 शहर विधानसभा सीट  खूब दौड़ी रफीक अंसारी की साइकिल भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को करीब 26482 वोटो से हराया











मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) मेरठ शहर सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रफीक अंसारी लगातार दूसरी बार जीतेंगे या फिर भाजपा के कमल दत्त शर्मा, इस पर सबकी निगाह लगी थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत वाजपेयी को रफीक अंसारी ने 28 हजार 769 वोटों से हराया था। इस बार कांग्रेस से रंजन शर्मा ने भी अच्छा चुनाव लड़ा लेकिन वह बेहतर नहीं कर पाए। मुस्लिम मतों का बंटवारा कम होने से रफीक अंसारी जीते के प्रति आश्वस्त थे, वहीं कमलदत्त सर्वसमाज के वोट मिलने से अपनी जीत को पक्की मानकर चल रहे थे। लेकिन नतीजे चौंकाने वाले आए। मेरठ शहर विधानसभा सीट पर रफीक अंसारी की 26282 वोटो से जीत हो गई। आधिकारिक घोषणा का इंतजार बाकी है। शहर सीट से भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को लगभग 85000 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा लोहिया नगर मंडी मतगणना स्थल से कार्यकर्ताओं के साथ बाहर निकल गए। 

मेरठ की चर्चित सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद करीब 9495 हजार से जीत कर भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल को चारो खाने चित किया।

 

मेरठ की चर्चित सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद  करीब 9495 हजार से जीत कर भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल को चारो खाने चित किया।




सिवालखास : गुलाम मोहम्मद के हाथ लगी बाजी

मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) सिवालखास सीट पर सबकी नजर लगी थी। एक समय रालोद का गढ़ रही यह सीट 2017 में भाजपा के खाते में गई थी। इस बार यहां से भाजपा ने जिला सहकारी बैंक चेयरमैन मनिंदरपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया था। रालोद ने यहां 2012 में सपा के टिकट पर विधायक रहे हाजी गुलाम मोहम्मद को उतारा। गुलाम मोहम्मद 2017 में वे भाजपा के जितेंद्र सतवाई से 11,421 वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर रहे थे। 
सिवालखास, 8वें राउंड में भाजपा 1168 वोट से आगे चल रही थी। गुलाम मोहम्मद को 27577 और मनिंदर पाल को 28745 वोट मिले। 11वे राउंड में रालोद ने बढ़त ले ली, भाजपा से 7868 वोट की बढ़त बनी थी। सिवालखास में 18वे राउंड तक रालोद को 61469, भाजपा को 61024 वोट मिले। 26वें राउंड तक रालोद 95313 पर रही, भाजपा 83313 पर पहुंची यहां  गठबंधन प्रत्याशी ने 12060 की लीड ली।सभी राउंड के समाप्त होने पर भाजपा के पल्ले में हार मिली और सपा गठबंधन प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद ने करीब 9495 वोटो से जीत हासिल की।


किठौर विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी शाहिद मंजूर ने मारी बाजी मारकर भाजपा प्रत्याशी सतवीर त्यागी को किया ढेर।

 किठौर विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी शाहिद मंजूर ने मारी बाजी मारकर भाजपा प्रत्याशी सतवीर त्यागी को किया ढेर।














मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) किठौर में सपा गठबंन के नेता शाहिद मंजूर और भाजपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक सत्यवीर त्यागी का कड़ा मुकाबला जारी रहा। बसपा से केपी मावी और कांग्रेस से बबीता गुर्जर ने भी चुनाव लड़ा है। शाहिद मंजूर किठौर से लगातार तीन बार विधायक रह चुके थे। 2017 में शाहिद को भाजपा के सत्यवीर त्यागी ने 20822 मतों से हराकर विधानसभा में दस्तक दी थी। सत्यवीर दोबारा जीतने में कामयाब नहीं हो सके ।मतगणना के अंतिम राउंड में 2388 मतों से शाहिद मंजूर बाजी मार ले गए।

पश्चिमी यूपी की छह सीटों पर रहा जबरदस्त मुकाबला, सरधना में अतुल प्रधान ने संगीत सोम को किया चित

 

पश्चिमी यूपी की छह सीटों पर रहा जबरदस्त मुकाबला, सरधना में अतुल प्रधान ने संगीत सोम को किया चित












मेरठ।11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) मेरठ की हॉट सीट सरधना विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है।उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। वर्ष 2017 में प्रचंड लहर में जहां मेरठ जिले की छह सीटें जहां भाजपा की झोली में जा गिरी थीं, वहीं इस बार पार्टी कांटे के मुकाबले में फंसी रही। कैंट सीट पर सबकी निगाहें हार-जीत के अंतर पर लगी थीं। सरधना में संगीत सोम की हैट्रिक कड़े मुकाबले में फंसी, तो हस्तिनापुर में प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटीक की साख दांव पर लगी थी। किठौर में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर कड़े मुकाबले में फंसे रहे। किसान आंदोलन के सबसे ज्यादा असर वाली सिवालखास सीट को भाजपा इस बार नहीं बचा सकी। कैंट को छोड़ जिले की बाकी छह सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद करीबी रहा। 

सरधना विधानसभा सीट : संगीत सोम की नहीं लगी हैट्रिक, अतुल ने जीता जनता का दिल  

सरधना में बड़ा सवाल यह था कि भाजपा और विधायक संगीत सोम हैट्रिक लगाएंगे या फिर सपा के अतुल प्रधान बाजी मारेंगे। लगातार दो बार से संगीत सोम जीत रहे थे। सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं। साथ ही ठाकुर चौबीसी का भी बड़ा प्रभाव है। इसके अलावा जाटव, गुर्जर, सैनी और जाट मतदाता भी हराने और जिताने का दम रखते हैं। साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना काफी सुर्खियों में रहा था।सरधना विधानसभा सीट से सपा रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है। संगीत सोम इससे पहले दो बार यहां से चुनाव जीते थे, जबकि अतुल प्रधान दो बार चुनाव हारे थे। सरधना सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का कोई प्रत्याशी जीता है। हार जीत का अंतर करीब 18000 वोटों का है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जब चार राउंड की मतगणना होनी बाकी थी, उससे पहले ही संगीत सोम मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय स्थित मतगणना स्थल से चले गए थे।

मतगणना स्थल पर ही चलते रहे प्रत्याशियों में शब्द बाण

सरधना सीट पर गिनती पर ही चल रहे दोनों प्रत्याशियों में सरधना की हॉट सीट पर गठबंधन और भाजपा प्रत्याशी में कांटे की टक्कर चलती रही। सरधना सीट पर शुरुआती रुझानों में भाजपा विधायक संगीत सोम 12000 से आगे तक पहुंच गए थे लेकिन आठवें राउंड की मतगणना तक अतुल प्रधान 1489 वोटों से आगे हो गए। दोपहर होने तक सरधना हॉट सीट पर 20 राउंड आते आते स्थिति बदल गई है। जिसके बाद भाजपा विधायक खेमे में हलचल पैदा हो गई है। समर्थक मायूस हो गए। भाजपा विधायक का जो गढ़ था वोटों का वह लगभग टूट गया।  यहां अतुल प्रधान लोगों का दिल जीतने में कामयाब हुए। अतुल प्रधान 18160 वोटों से जीते हैं। उन्हें 118047 वोट मिली है, जबकि संगीत सोम को 99887 वोट मिले हैं।

संगीत सोम का घमंड टूटा: अतुल प्रधान

जीत के बाद बोले अतुल प्रधान संगीत सोम का घमंड टूटा, हिंदू मुस्लिम की राजनीति करते थे। लोगों ने सबक सिखाया दलितों का शोषण किया, इसलिए इनकी हार हुई है। हम जनता के बीच रहे इसलिए हम जीते हैं।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...