गुरुवार, 10 मार्च 2022

मेरठ दक्षिण से दोबारा जीते भाजपा के सोमेंद्र तोमर करीब 7653 वोटो से आदिल चौधरी को हराया

 

मेरठ दक्षिण से दोबारा जीते भाजपा के सोमेंद्र तोमर करीब 7653 वोटो से आदिल चौधरी को हराया




मेरठ।11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज)मेरठ दक्षिण सीट से भाजपा के प्रत्याशी डा. सोमेंद्र तोमर ने नजदीकी मुकाबले में सपा-गठबंधन प्रत्याशी को हरा दिया। उन्होंने सपा-गठबंधन के प्रत्याशी आदिल चौधरी को 7653 मतों के अंतर से पटखनी दी। डा. सोमेंद्र ने 2017 में भी इसी सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि पूर्व के मुकाबले इस बार जीत का अंतर कम रहा। जातिगत समीकरण व गठबंधन की कोशिशों के बीच डा. सोमेंद्र तोमर के लिए जीत दर्ज करना चुनौती बन गया था, मगर भाजपा के प्रति मतदाताओं के स्नेह की वजह से उनकी राह आसान होती चली गई। 4.75 लाख मतदाता वाले इस क्षेत्र में आदिल चौधरी ने करीब 1.75 लाख मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे जीत का ताना-बाना बुना था। सपा के मुस्लिम नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर प्रचार भी किया, मगर इस मेहनत पर आदिल के ही भड़काऊ बयान वाले वीडियो ने पानी फेरना शुरू कर दिया। रफीक अंसारी वैसे तो शहर के प्रत्याशी थे मगर उनकेभड़काऊ भाषण ने दक्षिण के मतदाताओं को भीउकसाने का काम किया। एक-दो गुर्जर बहुल गावों में सोमेंद्र तोमर के लिए व्यक्तिगत विरोध को गुर्जर समाज का विरोध माना गया, जबकि इस समाज ने बड़ी संख्या में सोमेंद्र के पक्ष में वोट किया। करीब 55 हजार वैश्य, 35 हजार ब्राह्मण-त्यागी, 15 हजार पंजाबी में लगभग एकतरफा बढ़त सोमेंद्र ने हासिल की। 25 हजार जाट मत आदिल को ट्रासफर होने का दावा किया जा रहा था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के पक्ष में गुर्जर के साथ-साथ जाट वोट भी गए। सपा व रालोद ने ओबीसी वोटों के लिए खूब लामबंदी की लेकिन करीब 45 हजार मतदाताओं ने गठबंधन को अपनाने के बजाए भाजपा की तरफ गलबहिया की। इन वोटों से सोमेंद्र का ग्राफ बढ़ता गया और इसी में करीब 90 हजार वोट वाले अनुसूचित जाति के लोगों ने बसपा से उतना प्रेम नहीं दिखाया जितना मानकर चला गया था। बसपा के दिलशाद अली ने मुस्लिम मतों में तो बंटवारा किया लेकिन बाकी मतदाताओं में वह ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सके। इसी तरह से काग्रेस के नफीस सैफी पूरी तरह सेप्रभावहीन रहे, लेकिन उन्होंने जो भी थोड़ा बहुत मुस्लिम मतों को हासिल किया उससे सोमेंद्र तोमर की राह आसान हो गई। उधर, सोमेंद्र तोमर को सबसे अधिक फायदा बसपा प्रत्याशी द्वारा हासिल किए गए मतों से हुआ। बसपा प्रत्याशी ने 39685 मत हासिल कर आदिल को हार के मुहाने पर पहुंचा दिया। उधर, सोमेंद्र तोमर की जीत इसलिए भी पहले से सुनिश्चित मानी जा रही थी क्योंकि उनके क्षेत्र से अधिकाश विकास वाले प्रोजेक्ट गुजरे हैं। इसका भी लोगों ने ध्यान रखा। आदिल पहले भी इस सीट से हार चुके थे। महानगर अध्यक्ष रहने के दौरान भी कोई जनाधार नहीं बना पाए। जबकि सोमेंद्र लगातार सक्रिय रहे थे।

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