बुधवार, 8 दिसंबर 2021

भारतीय सशस्त्र सेना की ओर से डा. शल्या राज को ध्वज लगाकर किया गया सम्मानित



भारतीय सशस्त्र सेना की ओर से डा. शल्या राज को ध्वज लगाकर किया गया सम्मानित

सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा सैनिकों के उत्थान हेतु दिया गया पांच लाख रूपयें का चेक

By-  मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ












मेरठ। भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर जिला सैनिक बोर्ड मेरठ के अध्यक्ष कैप्टन राकेश शुक्ला ने स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज को ध्वज लगाकर सम्मानित किया।

सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीयता की भावना से युद्ध में शहीद हुए सैनिकों व दिव्यांग सैनिकों तथा उनके बच्चों व विधवाओं सहित पूर्व सैनिकों की मदद हेतु किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यो से प्रभावित होकर भारतीय सशस्त्र सेना की ओर से डा. शल्या राज को ध्वज लगाकर सम्मानित किया गया है।

इस अवसर पर सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने भारतीय सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की।

कुलपति सभागार में आयोजित सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के कार्यक्रम में जिला सैनिक बोर्ड मेरठ के अध्यक्ष व नौसेना के कैप्टन राकेश शुक्ला को विश्वविद्यालय के 70 यूपी एनसीसी बटालियन के जवानों ने सलामी दी। डा.शल्या राज ने सभी को सुभारती परिवार की ओर से सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की बधाई दी। उन्होंने युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों, दिव्यांग सैनिकों के बच्चें एवं पूर्व सैनिकों आश्रितों की मदद हेतु सुभारती विश्वविद्यालय की ओर से पांच लाख रूपयें का चेक कैप्टन राकेश शुक्ला को सौंपा।

कैप्टन राकेश शुक्ला ने बताया कि झंडा दिवस का उद्देश्य भारत की जनता द्वारा देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। जिसमें भारतीय सशस्त्र सेना के कर्मियों के कल्याण हेतु भारत की जनता से प्राप्त धनराशि द्वारा युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार या हताहत हुए सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में खर्च की जाती है। यह राशि सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से खर्च की जाती है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा दिये गये योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय हमेशा से सैनिकों के प्रति सहानुभूति रखता है जो सभी के लिये प्रेरणादायी है।

डा.शल्या राज ने कहा कि भारतीय सेना हमारा अभिमान है और सुभारती विश्वविद्यालय भारतीय सेना के उत्थान हेतु हमेशा सजग रहता है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में सेना के विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त अधिकारी कार्यरत है और विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी. सिंह एवं कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के थापलियाल सेना की पृष्ठभूमि से सम्बंध रखते है, जो विश्वविद्यालय के लिये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय राष्ट्र के प्रति समर्पित है और हमेशा अपने सैनिकों व उनके परिवार के प्रति सेवाभाव से विभिन्न कार्य किये जा रहे है।

प्रति कुलाधिपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी. सिंह ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने कारगिल शहीद स्मृति उपवन की स्थापना करके 527 शहीदों के नाम पौधें लगाकर ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय सैनिकों को अपने परिवार का हिस्सा मानकर उनके उत्थान हेतु हमेशा प्रतिबद्ध रहता है।

कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के. थापलियाल ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये गौरव का क्षण है कि विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज को भारतीय सशस्त्र सेना की ओर से ध्वज लगाकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय अपने निजी प्रयासों से सेना के उत्थान हेतु कार्य कर रहा है जिसमें कुछ समय पूर्व शहीद सैनिकों के परिवार के सहयोग हेतु  17 लाख रूपये का चैक प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा किया गया था।

सुभारती डिफेन्स एकेडमी के निदेशक कर्नल राजेश त्यागी ने कैप्टन राकेश शुक्ला व जिला सैनिक बोर्ड मेरठ को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस दौरान बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में डिफेन्स एकेडमी  स्थापित है। जिसमें विद्यार्थियों को एनडीए, वायु सेना, नौसेना, सेना, तटरक्षक बल, पुलिस और अर्धसैनिक बलों आदि में प्रवेश के संबंध में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करके प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कर्नल एन.के त्यागी, सुरक्षा अधिकारी नरेश कुमार, एनसीसी से प्रभात कुमार सिंह, सिमरन मेहंदी, प्रियंका, विवेक गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

नेचर हैल्थ क्लीनिक की छठी वर्षगांठ धूम धाम से मनाई

 नेचर हैल्थ क्लीनिक की छठी वर्षगांठ धूम धाम से मनाई

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ








मेरठ।आज दिनांक 7 दिसंबर को नेचर हैल्थ एवं ब्यूटी क्लिनिक की छठी वर्षगांठ धूम धाम से मनाई गई। सबसे पहले निदेशक शालू जैन ने सभी के साथ मिलकर केक काटा, सभी आगंतुकों को नेचर ब्यूटी क्लिनिक की विशेषताएं बताई, जिसके बाद फन गेम, तंबोला आदि खेला। जिसमे सभी ने प्रतिभाग किया एवं भरपूर आनंद लिया। सभी महिलाओं को निशुल्क गिफ्ट कूपन दिया गया। इस अवसर पर सपना अग्रवाल, शिल्पा, ज्योति, सरिता, पायल गर्ग, रामांशी, गोरांगी, यशिका, आदित्य जैन, मनीष जैन आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम के उपरांत शालू जैन ने सभी का धन्यवाद प्रकट किया।

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

संस्कृति विभाग में हुआ सुभारती दिवस का आयोजन



संस्कृति विभाग में हुआ सुभारती दिवस का आयोजन

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ















मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं श्री अरविन्द घोष की पुण्य तिथि सुभारती दिवस के रूप में मनाई गई। मुख्य वक्ता श्री अशोक त्यागी एवं विशिष्ट अतिथि श्री विवेक त्यागी ने संस्कृति विभागाध्यक्ष डा. विवेक कुमार एवं सचिव कुलदीप नारायण के साथ मिलकर बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं श्री अरविन्द घोष के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।मुख्य वक्ता श्री अशोक त्यागी ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान की रचना करके मानव मूल्यों को देश में स्थापित करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि श्री अरविन्द घोष अपनी युवावस्था में क्रान्तिकारी बनकर मॉ भारती की रक्षा हेतु अपना साहस दिखाया। उन्होंने डा. भीमराव अम्बेडकर एवं श्री अरविन्द घोष के विस्तृत जीवन परिचय से सभी को रूबरू कराया। विशिष्ट अतिथि श्री विवेक त्यागी ने कहा कि जिस प्रकार सुभारती विश्वविद्यालय का संस्कृति विभाग महापुरूषों के बलिदान एवं उनके इतिहास को देश के विद्यार्थियों में रोपित कर रहा है, वह बहुत सराहनीय है।संस्कृति विभागाध्यक्ष डा. विवेक कुमार ने बताया कि संस्कृति विभाग में देश के सभी क्रान्तिकारी महापुरूषों की जयंती व पुण्यतिथि सुभारती दिवस के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं इतिहास सहित सभी महापुरूषों के बलिदानों की स्मृतियों को संरक्षित करना होगा। इससे हम अपने युवाओं का कुशल मार्ग दर्शन कर सकते है।

इस अवसर पर जावेद, सतेन्द्र कुमार, हर्ष मलिक, अभिषेक मलिक, नागराज आदि उपस्थित रहे।

सुभारती विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन


सुभारती विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ









मेरठ।स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के डॉ. बी.आर.अम्बेडकर पीठ, सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज एवं फैकल्टी ऑफ आर्ट एवं सोशल साईन्स के राजनीतिक विज्ञान एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में डॉ.बी.आर.अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। यूट्यूब एवं फेसबुक पर लाइव हुए इस कार्यक्रम का विषय था “उभरता भारत एवं डॉ.बी.आर.अम्बेडकर की विचारधारा”। इस वेबिनार का संचालन करते हुए राष्ट्रीय वेबिनार के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम के विषय व उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर चेयर तथा स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय का परिचय विस्तार पूर्वक दिया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित  सभी अतिथियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. जी. के. थपलियाल को सम्बोंधन के आमंत्रित किया। अपने सम्बोंधन में माननीय कुलपति ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने हमारे संविधान के माध्यम से अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उन्होंने समाज में व्याप्त तमाम बुराईयों को रेखांकित किया तथा एक समान सामाजिक व्यवस्था बनाने का दृष्टिकोण दिया। भारत को एक सम्प्रभुत्व राष्ट्र बनाने में उनकी बडी भूमिका थी। उनका मानना था कि भारत जैसे देश में जहां लोग धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बँटे हुए है भारत का संविधान ही एक दिशा निर्देशक के रूप में एक अहम भूमिका निभाएगा। वे अपने समय के सर्वाधिक समर्पित नेताओं में से एक थे। 

महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार के माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने सम्बोंधन में कहा कि डॉ. बी.आर.अम्बेडकर को समझने के लिए हमें अपनी सोच में व्यापकता, सहजता, तटस्थता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाना होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब राष्ट्रीय आंदोलन में सर्वाधिक शिक्षित और उपाधि प्राप्त विद्धवानों में से थे। वे विधि के विद्धवान होने के साथ साथ पत्रकार, लेखक, राजनेता, वक्ता, दल निर्माता तथा समाज सुधारक थे। प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन मे कहा कि अम्बेडकर की संविधान निर्माण में भूमिका अतुलनीय है। भारतीय संविधान राष्ट्र निर्माण का एक सजीव दस्तावेज है। सामाजिक न्याय एवम् समतामूलक समाज की स्थापना हम मूल्योन्मुखी होकर ही कर सकते है। अम्बेडकर का मानना था कि लोकतंत्र की सफलता उसके चलाने वालो की कार्यकुशलता पर निर्भर करती है। उनका मानना था कि वही लोकतंत्र सफल हो सकता है। जहाँ नागरिको को आलोचना करने का एवम् शासन व्यवस्था से प्रश्न पूँछने का अधिकार हो बिना सामाजिक एवम् आर्थिक लोकतंत्र की सफलता के लोकतंत्र सफल नही हो सकता है। 

पी.जी डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल सांईस, गर्वमेन्ट विदर्भ, इंस्टीट्यूट ऑफ सांईस एण्ड ह्यूमिनिटी, अमरावती, महाराष्ट्र  के  प्रो. (डॉ.) कुँवर लाल वासनिक ने कहा कि अम्बेडकर मानते थे कि राष्ट्रीय संसाधनों का राष्ट्रीयकरण हो और उसमें गरीबों एवं वंचितों को उचित स्थान मिले। उनके विचार उदयमान और उभरते भारत के लिए बहुत ही सार्थक एवं महत्वपूर्ण हैं। मानवता और प्रत्येक व्यक्ति के गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार के लिए उनका संघर्ष नही भुलाया जा सकता। 

अर्थशास्त्र विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के प्रो. (डॉ.) दिनेश कुमार ने कहा कि यदि आर्थिक वृद्धि सामाजिक विकास की लागत पर हो तो वह न्याय संगत नही हो सकती। डॉ. अम्बेडकर ने समाज के विकास के लिए और मानव सेवा के लिए अपने जीवन की बलिदान किया। समाज में फैली विभिन्न बुराईयाँ जैसे जाति आधारित व्यवस्था मानवता के विरूद्ध हैं। बाबा साहिब जीवन-पर्यन्त मानव सेवा के लिए लगे रहें। वे मानते थे कि राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक समानताएं तभी तक महत्व रखती है जब मनुष्यों के बीच में समानता हो। दीर्घकालीन विकास एवं भविष्य निर्माण में नीति-नियंताओं को अपनी भूमिका निभानी होगी। प्रो.(डॉ.) दिनेश कुमार ने कहा सचिव भारतीय अर्थशास्त्र परिषद एवम् प्रो. अर्थशास्त्र विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने कहा कि शासन व्यवस्था में मानव कल्याण के केन्द्र बिन्दु में मनुष्य होता है एवम् समाज के अंतिम छौर के मनुष्य का कल्याण उद्धेश्य होता है। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि भारत जातियो का देश है और जाति है कि हरती नही। हमें उन कारको पर गम्भीरता से विचार विमर्श करना होगा कि आजादी के 75 वर्षो बाद भी हम समतामूलक एवम्  सामाजिक न्याय की स्थापना भारत में क्यों नही कर पाये। वर्तमान में आर्थिक विषमता बढ़ी है। हमें इसके अंतर को कम करना होगा। सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर लोकतांत्रिक मूल्यों की कीमत पर नही होनी चाहिए। असमान शिक्षा के माध्यम से हम साक्य सामाज एवम समावेशी समाज की सकल्पना नही कर सकते। आज 90% लोग अंसगठित क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर रहे। हमारे पास अंसगठित क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगो का कोई आंकडा(Data) नही है। आंकडो का विकास के खांचा निर्धारित करने में योगदान है। सरकारो को इस दिशा में गंभीर प्रय़ास करने होगें । अम्बेडकर के विकास की परिकल्पना वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक एवम् आर्थिक परिदृश्य में प्रांसगिक है।राजकीय महिला पी.जी.कॉलिज बादलपुर, यू.पी. के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रो. ( डॉ.) किशोर कुमार ने अपने सम्बोंधन में कहा कि धारणाओं एवं पूर्वाग्रहों से रहित होकर डॉ. अम्बेडकर के लेखन को पढ़ना चाहिए। आजादी के बाद 75 वर्षो में सबसे बडे लोकतंत्र के रूप में उभरता भारत डॉ. अम्बेडकर का ऋणी है। भारत के जिन महान लोगों ने दुनिया को जीवन दर्शन दिया, अम्बेडकर भी उन्हीं महान लोगों में शामिल है। शासन को स्कूल कॉलिज आदि से विद्यार्थियों के जाति वाले कॉलम को खतम कर देना चाहिए और एक आदर्श जाति विहीन समाज के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए यही हमारी सच्ची श्रृद्धाजंलि उन्हें होगी।सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक दल जनता को केवल वोट बैंक मानते है। आज के नेता चुनाव आने के समय जनता को रिझाने और प्रसन्न करने का कार्य करते है जबकि एक कुशल व्यवस्था बनाने की बात होनी चाहिए। अधिकारों की बात करें तो बुजुर्गों के अधिकार, दिव्यांगजनो के अधिकार, बच्चों के अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं स्वास्थय के अधिकार आदि पर गंभीर चिंतन होना चाहिए। डॉ. अम्बेडकर शिक्षा को अत्याधिक महत्वपूर्ण मानते थे उनका कहना था कि वास्तव में शिक्षा नही होगी तो देश भटक जायेगा। नई शिक्षा नीति 2020 उनके शिक्षा के उद्धेश्यों को पूरा करेगी ऐसी हमारी आशा है। डॉ. अम्बेडकर के दो महत्वपूर्ण उद्धेश्य थे कि सम्पूर्ण भारत के प्रत्येक समाज को शिक्षित करना होगा एवं कानूनी जागरूकता फैलानी होगी। अपने अध्यक्षीय सम्बोंधन में स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के उपकुलाधिपति प्रो. (डॉ.) वी.पी.सिंह ने सर्वप्रथम बाबा साहब को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वास्तव में वे एक बौद्धिक व्यक्तित्व थे। महिला सशक्तिकरण, समाज के वंचित वर्ग के उत्थान एवं विभिन्न सामाजिक कार्यो के लिए उन्होंने कार्य किया भारत के विधि मंत्री के रूप में उन्होंने अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय दिया। बौद्ध अध्ययन केन्द्र के भंतेचन्द्र कीर्ति ने कहा कि आज भी जाति के आधार पर भेद-भाव किया जाता है, ऐसी घटनाएं समाज के विकास क्रम को बाद्धित करती है। शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके आधार पर हम समाज में जाति-विहीन चेतना लाने का प्रयास कर सकते है। डॉ. प्रेम चन्द्र ने वेबिनार के अंतिम चरण धन्यवाद ज्ञापित किया।

राष्ट्रीय जागरूक ब्राह्मण महासंघ के तत्वावधान में संत शिरोमणि सम्मान समारोह का आयोजन रामलीला मैदान गाजियाबाद मे किया गया


राष्ट्रीय जागरूक ब्राह्मण महासंघ के तत्वावधान में संत शिरोमणि सम्मान समारोह का आयोजन रामलीला मैदान गाजियाबाद मे किया गया


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार ।। गाजियाबद












गाज़ियाबाद। आज गाजियाबाद में राष्ट्रीय जागरूक ब्राह्मण महासंघ के तत्वावधान में संत शिरोमणि सम्मान समारोह का आयोजन रामलीला मैदान गाजियाबाद मे किया गया जिसमे मुख्यातिथि श्री महंत नारायण गिरी जी का साधिन्य प्राप्त हुआँ पूर्व विधायक लोकश दीक्षित के सनातन संस्कृति को बचाने ब्राह्मणों को एक मंच पर आने की बात कही इस दौरान राष्ट्रीय मंत्री /राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मतदाता संघ पंडित आदेश फौजी ने सनातन धर्म को बचाने और ब्राह्मणों को एक मंच पर लाने के लिये हमारा संगठन भारत के हर राज्य मे काम कर रहा है जिसमे संगठन ब्राह्मणों को एक मंच पर लाने में कामयाब भी रहा है और आज संगठन मे 15 लाख से ज्यादा सदस्य हमारे परिवार का हिस्सा है  इस दौरान 2100 संतों ,और पुजारियों एवं पंडितों को सम्मानित किया गया उपरोक्त कार्यक्रम मे भारतीय मतदाता संघ के पदाधिकारियों का भरपूर सहयोग रहा ।

शांति निकेतन विद्यापीठ में ऑल इंडिया डांस चैंपियनशिप शो -दंगल ऑफ डांस सीजन 3 का आयोजन

 शांति निकेतन विद्यापीठ में ऑल इंडिया डांस चैंपियनशिप शो -दंगल ऑफ डांस सीजन 3 का आयोजन

By- मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ













मेरठ। शांति निकेतन विद्यापीठ मवाना रोड़ मेरठ में 5 दिसंबर रविवार को ऑल इंडिया डांस चैंपियनशिप, शो दंगल ऑफ डांस सीजन 3 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अथितियो के रूप में नगीन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन डॉ विशाल जैन, नमन भारद्वाज (सदस्य श्रम कल्याण परिषद उ०प्र० सरकार) शांति निकेतन विद्यापीठ की प्रधानाचार्या श्रीमती विभा गुप्ता, ललित प्रधान समाज सेवी ,अमन शाह( इंडियाज बेस्ट डांसर सोनी चैनल)ने ईश वंदना के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया।जिसमे कई प्रदेशों के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में कई नन्हे नृत्य कलाकर प्रतिभागी ऐसे देखने को मिलें जिन्होंने अपनी प्रतिभा से कई बड़े टी.वी. चैनलो पर धमाल मचाया है और आज भी सभी को भावविभोर कर दिया। इस कार्यक्रम के निर्णायक के रूप में मुंबई से रितिक दिवाकर ( सुपर डांसर सोनी चैनल), मोहम्मद अर्श और अर्सलान (डांस दीवाने कलर्स चैनल), रिदम (सुपर डांसर सोनी चैनल), वैष्णवी राजपूत ( सुपर डांसर सोनी चैनल), आध्या भगत ( एम एक्स टकाटक) अंशिका सिंह (ईश्वर चैनल) आदि उपस्थित रहें। प्रतियोगिता में लगभग ढाई सौ बच्चों ने आवेदन किया, जिनमें से 50 बच्चे इस प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का आयु वर्ग के अनुसार पुरस्कार वितरण इस प्रकार रहा - 


डीओडी 3 ( दंगल आफ डांस 3)

 ऑल इंडिया डांस चैंपियनशिप

 कुल नकद पुरस्कार :- 61000/-

 समूह

 पहला :- 15000/-

 दूसरा:- 10000/-

 उम्र :- कोई उम्र नहीं

 समय :- 3 मिनट


 युगल वरिष्ठ

 पहला :- 7100/-

 दूसरा :- 3100/-

 उम्र :- कोई उम्र नहीं

 समय :- 2:30 मिनट


 युगल युगल

 पहला :- 3100/-

 दूसरा :- 2100/-

 आयु :- 4 से 12 वर्ष

 समय :- 2:30 मिनट


 सीनियर सोलो

 पहला :- 7100/-

 दूसरा :- 2100/-

 आयु :- 14 से ऊपर

 समय :- 2 मिनट


 जूनियर सोलो

 पहला :- 5100/-

 दूसरा :- 2100/-

 आयु :- 9 से 13

समय-2 मिनट

 सब जूनियर सोलो

 पहला :- 3500/-

 दूसरा :- 1500/-

 उम्र:- 3 से 8 साल

 समय :- 2 मिनटस

मापन के अवसर  पर श्री अमित जैन जी ( एम डी - एस एस आई केबल) श्री रजत शर्मा जी (सपा नेता) श्री शैलेंद्र यादव जी ( राष्ट्रीय अध्यक्ष - राष्ट्रीय केसरी  हिंदू वाहिनी)श्री सौरव सिसोदिया जी (लैंमफोर्ड बायोटेक)आदि लोग उपस्थित रहे जिनके द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में पुरस्कार विजेता इस प्रकार रहे-


सब जूनियर वर्ग

 1. फलक सैफी

 2. करण पॉपर

 3. जाह्नवी

 जूनियर वर्ग

 1. वंश भाटी

 2. देवांश वर्मा

 3. आराध्य शर्मा


 वरिष्ठ श्रेणी

 1. रिंकुजी

 2. अमन नैयरी

 3. शिवम वर्मा

 4. शहद

  युगल जूनियर

 1. चाहत और वंशिका

 2. आदर्श और भाग्यशाली

 3. खुशी और अमूल्य


 युगल वरिष्ठ

 1. दिवाकर और आकांक्षा

 2.चमन और खुशबू

 3. राज और जिकुली


 ग्रुप के विजेता

 1. 3डी क्रू

 2. शुन्ये

 3.फंकी इंडियन्स

 4. वी डी ए ग्रुप

इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को उनकी आयु के ग्रुप के अनुरूप नगद धन राशि के रूप में पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों ने अपने सम्मान में दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र मेडल वितरित किए गए। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए  विभिन्न क्षेत्रों मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, मवाना, अलीगढ़, हरियाणा, हिमाचल, देहरादून, मथुरा, आगरा, राजिस्थान, उत्तराखंड, आदि से प्रतिभागियों ने आकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम का संचालन श्री प्रदीप आर्य एवं जीशान जी ने किया।प्रतिभागियों की प्रतिभा को देखकर सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।विद्यालय के निदेशक डॉ विशाल जैन जी एवं प्रधानाचार्या श्रीमती विभा गुप्ता जी ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया।













बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करना होगा - डा. अतुल कृष्ण बौद्ध



बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करना होगा - डा. अतुल कृष्ण बौद्ध

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ














मेरठ। बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं उन्मुक्त भारत के राष्ट्रीय संयोजक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने देशवासियों के नाम विशेष संदेश जारी किया। उन्होंने बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज का दिन बाबा साहब के बताएं रास्तों पर चलकर उनकी विचारधारा को आत्मसात करने का दिन है। उन्होंने कहा कि समाज में मानवता के प्रति फैल रही गैरबराबरी की प्रथा एवं निर्मल वर्ग के लोगो के साथ गलत व्यवहार तथा शोषण के विरूद्ध बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर ने लोगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करके उन्हें न्याय एवं समाज में सम्मानित स्थान दिलाया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने भारत के संविधान में ऐसी व्यवस्था की, के हर वर्ग के लोगो को बराबरी के दर्जे के साथ उनको न्याय मिल सकें एवं भारत विश्व में अपने सर्वसुलभ संविधान से पहचाना जाएं।उन्होंने कहा कि नाइन्साफी, शोषण एवं अशिक्षा के साथ अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता तभी प्राप्त हो सकती है जब हम भारत को सशक्त बनाने के उद्देश्य से संविधान के मार्ग पर चलेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुपालन से ही देश व समाज को समानता के पथ पर लाया जा सकता है और विश्व में शान्ति, उन्नति, करूणा, प्रेम एवं एकता लाने के लिये तथागत गौतम बुद्ध एवं बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के विचारों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपना संपूर्ण जीवन शोषित समाज के लिये संघर्ष करते हुए व्यतीत कर दिया और दबे कुचले वर्गों को नया जीवन दिया जो आज सम्मान के साथ जी रहे है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब को सच्चे मन से श्रद्धांजलि तभी होगी जब हमारे देश में जातिविहीन समाज का निर्माण होगा और इसके लिये सभी देशवासियों को एकता के साथ सशक्त राष्ट्र बनाने हेतु अपना योगदान देना होगा। उन्होंने बताया कि बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उन्मुक्त भारत एनजीओ द्वारा भारत में जातिविहीन समाज निर्माण के लिये अभियान चलाया रहा है जिसमें चिकित्सा शिविर, सेमिनार, जागरूकता शिविर एवं विभिन्न समाज सेवाओं के कार्यो द्वारा समाज के उत्थान हेतु प्रयास किये जा रहे है, ताकि हमारा देश विश्व गुरू बन सकें।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...