शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

लखनऊ : अवैध कटान और शिकार की होगी एसआईटी जांच, वनकर्मियों पर गंभीर आरोप

 

लखनऊ : अवैध कटान  और शिकार की होगी एसआईटी जांच, वनकर्मियों पर गंभीर आरोप

By - मेरठ खबर (सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी।। लखनऊ

  • दुधवा व पीलीभीत टाइगर रिजर्व को लेकर शासन को मिला गोपनीय इनपुट
  • कई रेंजर और डिप्टी रेंजर बताए जा रहे जिम्मेदार

दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अवैध कटान और शिकार की वारदातों की एसआईटी जांच होगी। शासन को मिले गोपनीय इनपुट के बाद यह निर्णय किया गया है। इसके लिए लंबे समय से एक ही जगह पर जमे रेंजर व डिप्टी रेंजर जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।











यह इनपुट वन्य जीवों में विशेष रुचि रखने वाले एक आईएएस अधिकारी ने ही जुटाए हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि दुधवा की एक रेंज में तैनात कार्यवाहक रेंजर अवैध कटान में शामिल है। यह रेंज बाघों और बारहसिंगा के लिहाज से देश में शीर्ष पर है। इस कार्यवाहक रेंजर के कार्यकाल में दो टाइगर की मौत हो चुकी है और एक अन्य भी मुसीबत में फंसा हुआ है।

दुधवा की ही बेलरायां रेंज में एक बाघ का शिकार हुआ। एसएसबी ने उसकी खाल भी बरामद की। इस क्षेत्र में अवैध कटान और शिकार के तमाम मामले सामने आ चुके हैं। इसके लिए एक वन कर्मी को जिम्मेदार बताया गया है, जो बरसों से यहां जमा हुआ है। इसी तरह से कतर्निया घाट की मोतीपुर रेंज में अवैध कटान के मामले आए हैं। यहां भी लंबे समय से कामचलाऊ व्यवस्था के तहत निगरानी करवाई जा रही है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर अपर मुख्य सचिव, वन मनोज सिंह ने गंभीर शिकायतें मिलने के बाद एसआईटी से जांच कराने की सिफारिश की जा रही है।

मामले आए पर कार्रवाई नहीं 

दुधवा रेंज में तो एक ऐसे कार्मिक को तैनात कर दिया है, जिसके तारकोठी चौकी स्थित सरकारी आवास पर साखू की लकड़ी बरामद हुई थी। शिकायत के बावजूद मिलीभगत के कारण इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दुधवा में तैनात एक रेंजर ने कुछ माह पहले एक महिला पर्यटक के साथ छेड़खानी की थी। उस महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इनपुट में कहा गया है कि ये सभी कार्मिक लंबे समय से अपनी-अपनी जगहों पर जमे हुए हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। यहां एक डिप्टी रेंजर 20 साल से तैनात है।

यूपी : भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की सुरक्षा बढ़ाई, शासन के आदेश पर दो गनर और दिए गए

 

यूपी : भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की सुरक्षा बढ़ाई, शासन के आदेश पर दो गनर और दिए गए

By - मेरठ खबर (सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी।। मुजफ्फनगर

शासन के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने पुलिस लाइन से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता को दो और सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करा दिए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की सुरक्षा बढ़ाई गई है। शासन के आदेश पर मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन से उन्हें दो और गनर उपलब्ध कराए गए हैं। अब तीन पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। भाकियू नेता को मिल रही लगातार धमकियों के मद्देनजर शासन ने उनकी सुरक्षा बढ़ाई है।









भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते सात माह से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच भाकियू नेता को तीन बार धमकी मिल चुकी है।

राकेश टिकैत के पास पहले से ही एक सुरक्षाकर्मी उपलब्ध है। अब उन्हें मिल रही लगातार धमकियों को गंभीरता से लेते हुए शासन ने गाजियाबाद प्रशासन से रिपोर्ट मंगवाई थी। जिसके बाद शासन ने राकेश टिकैत की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लेते हुए मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन से उन्हें दो और सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने के आदेश दिए।

शासन के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने पुलिस लाइन से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता को दो और सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करा दिए हैं। वहीं किसानों की ओर से भी मुकदमे दर्ज होने के बाद भारतीय किसान यूनियन ने गुरुवार देर रात थानों पर दिए जा रहे धरने समाप्त कर दिए हैं। किसानों पर मुकदमे दर्ज होने पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दोपहर बाद हाईवे के टोल को फ्री कराकर थानों पर धरना शुरू कर दिया था। भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने बताया कि गुरुवार देर रात को गाजीपुर मामले में किसानों की ओर से भी मुकदमे दर्ज कर लिए गए। जिसकी जानकारी मिलने पर कार्यकर्ताओं ने गुरुवार देर रात थानों पर दिए जा रहे धरने समाप्त कर दिए।

ये था मामला
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है। वहीं आंदोलन के दौरान कुछ भाजपा नेता मंच पर पहुंच गए थे। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं को मारपीट कर भगा दिया था।

एसएसपी की नई पहल : थाने-चौकियों में पुलिसवाले पैसा मांगे तो सीधे करें कॉल, जारी किए नंबर

 

एसएसपी की नई पहल : थाने-चौकियों में पुलिसवाले पैसा मांगे तो सीधे करें कॉल, जारी किए नंबर

By- मेरठ खबर (सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

बताया गया कि एसएसपी ऑफिस में कई थानेदारों और पुलिस की शिकायत आने पर एसएसपी ने ऐसी पहल की है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिस वालों पर माथे पर भ्रष्टाचार का दाग बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मेरठ । में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अच्छी पहल की है। उनकी ओर से कहा गया है कि थानों और चौकियों में अगर कोई पुलिस वाला रिश्वत मांगता है तो उन्हें कॉल की जा सकती है।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी














उन्होंने कहा कि एक रुपया किसी पुलिस वाले को देने की जरूरत नहीं है। शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई होगी। इस बारे में थानों और चौकियों के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। एसएसपी के इस कदम से पुलिसकर्मियों में खलबली मची हुई है।

आम जनता की मदद के लिए एसएसपी ने हेल्पलाइन नंबर 8077974308 जारी किया है। वहीं, पोस्टरों पर लिखा है कि पासपोर्ट सत्यापन, सूचना रिपोर्ट पंजीकरण, विवेचना, चरित्र प्रमाण पत्र, शस्त्र लाइसेंस और अन्य किसी भी मामले में अगर कोई पुलिस वाला आपसे रिश्वत मांगे तो आप सिर्फ इस नंबर पर एक कॉल कर दें। आपका नाम पता गोपनीय रखा जाएगा और आपका काम प्राथमिकता पर होगा। गुरुवार को ही थानों और चौकियों के बाहर पोस्टर चस्पा कराए है।

बताया गया कि एसएसपी ऑफिस में कई थानेदारों और पुलिस की शिकायत आने पर एसएसपी ने ऐसी पहल की है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिस वालों पर माथे पर भ्रष्टाचार का दाग बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार पुलिस को प्रतिमाह वेतन देती है। रिश्वत मांगने वाले पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

यूपी : दावत में रसगुल्ला न मिलने पर घमासान, चले लाठी-डंडे, महिलाओं सहित आधा दर्जन घायल

 

यूपी : दावत में रसगुल्ला न मिलने पर घमासान, चले लाठी-डंडे, महिलाओं सहित आधा दर्जन घायल

By - मेरठ खबर( सह संपादक प्रवेश )कुमार रोहतगी।। बागपत

जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बड़ौत सीएचसी में भर्ती कराया। पुलिस का कहना है कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच करके कार्रवाई की जाएगी।


बागपत के रमाला थानाक्षेत्र में एक शादी समारोह के दौरान जमकर लाठी-डंडे चले। वजह थी कि दावत में रसगुल्ले कम पड़ गए। दावत में आए गांव के कुछ लोगों ने रसगुल्ला मांगा तो दावत के आयोजकों ने उन्हें दूसरी मिठाई खाने को कहा जिस पर वे बिफर गए और कहासुनी हो गई, जिसके बाद बात मारपीट तक जा पहुंची। मौके पर भगदड़ मच गई। वहीं मारपीट में तीन महिलाओं सहित कुल सात लोग घायल हो गए। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बड़ौत सीएचसी में भर्ती कराया।
शादी में रसगुल्ला बना जगड़े का कारण



















इंस्पेक्टर रवेंद्र यादव ने बताया कि गुरुवार को क्षेत्र के गुंगाखेड़ी
 गांव में सावन पुत्र महावीर की शादी थी। उसकी शुक्रवार को मुजफ्फरनगर बरात जानी थी। सावन के घर गुरुवार को दावत चल रही थी। इसी दौरान रसगुल्ले कम पड़ गए। 
दावत में आए गांव के सतीश, नरेश और राजू रसगुल्ले मांगने लगे। घरवालों ने उन्हें रसगुल्ले खत्म होने की बात कहते हुए रसगुल्ले की जगह दूसरी मिठाई खाने का आग्रह किया। इस पर कहासुनी के बाद मारपीट हो गई और जमकर लाठी-डंडे चले।

मारपीट के दौरान प्रीतम, अमरपाल, अशोक, राजेश व तीन महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। इसकी जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बड़ौत सीएचसी में भर्ती कराया। पुलिस का कहना है कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच करके कार्रवाई की जाएगी।



भीषण गर्मी: पहले महीने में मानसून ने किया निराश, 13 फीसदी कम बरसे बदरा, जुलाई से भी खास उम्मीद नहीं

 भीषण गर्मी: पहले महीने में मानसून ने किया निराश, 13 फीसदी कम बरसे बदरा, जुलाई से भी खास उम्मीद नहीं

By - मेरठ खबर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मोशम

जुलाई में आमतौर पर तापमान नीचे आने लगता है और उमस बढ़ती है, लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। एक जुलाई को ही अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा रहा।

मानसून का पहला महीना चंडीगढ़ के लिए निराशाजनक रहा है। तय समय से 13 दिन पहले मानसून आने के बावजूद जून में करीब 13 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है। बीते महीने में करीब 137 मिलीमीटर (एमएम) बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन कुल 119.4 एमएम बारिश रिकार्ड हुई। पूरे महीने सिर्फ पांच दिन बारिश हुई है और 25 दिन सूखे रहे हैं। जुलाई में भी अच्छी बारिश के संकेत नहीं हैं। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, जुलाई में उत्तर पश्चिम के इलाकों में बारिश सामान्य से कम होने के संकेत है।











हालांकि यह एक बड़े इलाके का पूर्वानुमान है। ऐसे में इसके सटीक होने पर थोड़ा संशय है। यदि जुलाई में भी ऐसा हाल रहा तो संकट गहरा सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच से छह दिन तक मानसून के आगे बढ़ने के संकेत नहीं हैं। दूसरे हफ्ते के बाद ही कुछ गतिविधियां शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं।

जब तक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनता, तब तक मानसून की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मानसून सीजन जून से सितंबर तक रहता है। आमतौर पर चंडीगढ़ में पूरे मानसून सीजन में 700-950 एमएम बारिश दर्ज की जाती है। चंडीगढ़ में ज्यादातर बारिश अगस्त से सितंबर के महीने में दर्ज की जाती है।

आठ साल में सबसे गर्म जुलाई

आमतौर पर जुलाई में तापमान नीचे आने लगता है और उमस बढ़ती है, लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। एक जुलाई को ही अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा रहा। इससे पहले साल 2012 में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। उसके बाद अमूमन तापमान 40 डिग्री से नीचे दर्ज किए गए हैं। तापमान बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बारिश का न होना है। लगातार तीसरे दिन लू की स्थिति बरकरार रही। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे में तापमान थोड़ा नीचे आ सकता है। शुक्रवार को कई जगह तेज आंधी और हल्की बारिश के आसार हैं।

अगले तीन दिन कैसा रहेगा मानसून

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शुक्रवार को भी पंजाब व हरियाणा के एक दो इलाकों में लू की स्थिति बनी रह सकती है। चंडीगढ़ सहित पंजाब व हरियाणा के कुछ स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार हैं। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। यह स्थिति चार जुलाई तक बनी रह सकती है। अगले तीन दिन अधिकतम तापमान 40 से 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 से 27 डिग्री के बीच दर्ज किया जा सकता है।

अब हरियाणा कांग्रेस में रार: हुड्डा समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष सैलजा के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा-अध्यक्ष बदलो

 अब हरियाणा कांग्रेस में रार: हुड्डा समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष सैलजा के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा-अध्यक्ष बदलो

By- मेरठ खबर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। पंजाब

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक विधायकों ने दिल्ली में पार्टी प्रभारी विवेक बंसल से मिलकर कुमारी सैलजा के काम पर उंगली उठाई वहीं सैलजा ग्रुप ने इन विधायकों को कुंठित मानसिकता वाला बताया।

पंजाब । पंजाब के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी रार छिड़ गई है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हुड्डा समर्थक सभी 19 विधायक गुरुवार को पार्टी प्रभारी विवेक बंसल से दिल्ली में मिले और अपना असंतोष जाहिर किया। विधायकों ने एक सुर में कहा कि हरियाणा में आठ साल से संगठन नहीं है। विधायकों की संगठन में सुनवाई नहीं है। विरोधी दल भाजपा ने भी संगठन बनाकर तैयार कर दिया है। ऐसे में आगामी चुनाव में हमारे सामने दिक्कतें आएंगी। 










विधायकों ने प्रदेश प्रभारी से कहा है कि पार्टी के कामकाज में हमसे सलाह नहीं ली जाती है। स्थानीय निकाय, जिला पंचायत चुनाव में पार्टी के विधायकों को पूछा नहीं जाता, सभी फैसले अपने स्तर पर किए जाते हैं। सिंबल पर चुनाव लड़ना है या नहीं इस बारे में भी विधायकों की राय नहीं जानी जाती है। सारी बात जानने के बाद बंसल ने बातचीत करने का आश्वासन दिया है। विधायकों में गीता भुक्कल, बीबी बतरा, रघुबीर कादियान, आफताब अहमद, राव दान सिंह, धर्म सिंह छौक्कर, जयवीर वाल्मीकि सहित अन्य विधायक शामिल थे।

उधर, सैलजा खेमे ने भी अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है। आलाकमान को बताया है कि यह लोग कुंठित मानसिकता रखते हैं। पार्टी का हित इन्हें आज ध्यान में आया है। आलाकमान की हिदायत है कि संगठन बनाओ। ऐसे में जब काम अंतिम चरण में है तब इनके खेमे में खलबली मची है। इस दौरान डा. अशोक तंवर के कार्यकाल भी हवाला दिया गया। सैलजा खेमे की तरफ से प्रभारी को यह बताया गया कि डा. अशोक तंवर के कार्यकाल में भी रोज-रोज की तनातनी रहती थी।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

असल में पूरे मामले में विवाद तब शुरू हुआ जब सैलजा ने हुड्डा के चहेते कई जीतने वाले प्रत्याशियों की विधानसभा चुनाव में टिकट कटवा दी। हुड्डा खेमे ने इसे आलाकमान के सामने ऐसे प्रदर्शित किया कि हरियाणा में कांग्रेस संगठन न होने के बाद हुड्डा के चेहरे पर चुनाव जीती है, यदि टिकट वितरण में सभी टिकट हुड्डा के कहने पर दिए गए होते तो पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में होती।

दीपेंद्र या गीता भुक्कल को दिलवाना चाह रहे बागडोर

पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी जाए। हालांकि वे अभी राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन पार्टी के कई विधायकों की यह राय है। एक धड़ा चाहता है कि पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को प्रधान बनाया जाए। इससे संगठन तो मजबूत होगा ही कांग्रेस को भी मजबूती मिलेगी। वहीं आलाकमान ने सैलजा को भरोसे के साथ प्रधान बनाया है।

स्कूल शिक्षा बोर्ड ने रद्द किए डीएलएड के 1874 आवेदन, जानें वजह

 स्कूल शिक्षा बोर्ड ने रद्द किए डीएलएड के 1874 आवेदन, जानें वजह

By- मेरठ खबर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 18 जुलाई को प्रदेश स्तर पर डीएलएड सत्र 2021-23 के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करेगा। इस दौरान करीब 18197 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठेंगे। 

हिमाचल प्रदेश।  स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजूकेशन (डीएलएड) के 1874 आवेदन रद्द कर दिए हैं। बोर्ड ने फीस और जरूरी दस्तावेज जमा न करवाने पर यह कार्रवाई की है। बोर्ड ने उन अभ्यर्थियों को एक मौका दिया है, जिनके नाम निर्धारित अवधि तक फीस जमा करवाने के बाद भी रद्द किए गए आवेदनों की सूची में हैं। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 18 जुलाई को प्रदेश स्तर पर डीएलएड सत्र 2021-23 के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करेगा। इस दौरान करीब 18197 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठेंगे। डीएलएड के इस सत्र के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पांच जून से लेकर 28 जून तक आवेदन मांगे थे, जिनमें बोर्ड के पास करीब 20 हजार आवेदन पहुंचे थे। इनमें फीस और अन्य औपचारिकताएं पूरी न करने वाले करीब 1874 आवेदन बोर्ड ने रद्द कर दिए हैं। 













बोर्ड ने वेबसाइट पर डाली रिजेक्ट लिस्ट

फीस और अन्य औपचारिकताएं पूरी न करने वाले अभ्यर्थियों के नामों की रिजेक्ट लिस्ट बोर्ड ने वेबसाइट पर अपलोड की है। अभ्यर्थी अपना नाम रिजेक्ट लिस्ट में देख सकते हैं। बोर्ड ने उन अभ्यर्थियों को भी मौका दिया है, जिन्होंने किसी कारणवश निर्धारित अवधि में फीस जमा करवाने के बाद भी उनका नाम रिजेक्ट लिस्ट में अंकित है। अभ्यर्थी तीन जुलाई तक फीस संबंधी दस्तावेज बोर्ड कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। 

डीएलएड सत्र 2021-23 के लिए प्रवेश परीक्षा 18 जुलाई को प्रदेश स्तर पर स्थापित विभिन्न केंद्रों में होगी। इस दौरान बोर्ड के पास पहुंचे आवेदनों में से अभी तक 18197 सही पाए गए हैं, जबकि 1874 आवेदनों को रिजेक्ट किया गया है, जिनकी सूची बोर्ड ने वेबसाइट पर अपलोड की है।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...