लखनऊ : अवैध कटान और शिकार की होगी एसआईटी जांच, वनकर्मियों पर गंभीर आरोप
By - मेरठ खबर (सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी।। लखनऊ
दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अवैध कटान और शिकार की वारदातों की एसआईटी जांच होगी। शासन को मिले गोपनीय इनपुट के बाद यह निर्णय किया गया है। इसके लिए लंबे समय से एक ही जगह पर जमे रेंजर व डिप्टी रेंजर जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।
यह इनपुट वन्य जीवों में विशेष रुचि रखने वाले एक आईएएस अधिकारी ने ही जुटाए हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि दुधवा की एक रेंज में तैनात कार्यवाहक रेंजर अवैध कटान में शामिल है। यह रेंज बाघों और बारहसिंगा के लिहाज से देश में शीर्ष पर है। इस कार्यवाहक रेंजर के कार्यकाल में दो टाइगर की मौत हो चुकी है और एक अन्य भी मुसीबत में फंसा हुआ है।
दुधवा की ही बेलरायां रेंज में एक बाघ का शिकार हुआ। एसएसबी ने उसकी खाल भी बरामद की। इस क्षेत्र में अवैध कटान और शिकार के तमाम मामले सामने आ चुके हैं। इसके लिए एक वन कर्मी को जिम्मेदार बताया गया है, जो बरसों से यहां जमा हुआ है। इसी तरह से कतर्निया घाट की मोतीपुर रेंज में अवैध कटान के मामले आए हैं। यहां भी लंबे समय से कामचलाऊ व्यवस्था के तहत निगरानी करवाई जा रही है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर अपर मुख्य सचिव, वन मनोज सिंह ने गंभीर शिकायतें मिलने के बाद एसआईटी से जांच कराने की सिफारिश की जा रही है।
मामले आए पर कार्रवाई नहीं
दुधवा रेंज में तो एक ऐसे कार्मिक को तैनात कर दिया है, जिसके तारकोठी चौकी स्थित सरकारी आवास पर साखू की लकड़ी बरामद हुई थी। शिकायत के बावजूद मिलीभगत के कारण इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दुधवा में तैनात एक रेंजर ने कुछ माह पहले एक महिला पर्यटक के साथ छेड़खानी की थी। उस महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इनपुट में कहा गया है कि ये सभी कार्मिक लंबे समय से अपनी-अपनी जगहों पर जमे हुए हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। यहां एक डिप्टी रेंजर 20 साल से तैनात है।
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