गुरुवार, 10 मार्च 2022

मेरठ कैंट विधानसभा से अमित अग्रवाल और मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला हुआ लेकिन मनीषा के हिस्से में हार और अग्रवाल ने 117526 वोटो से जीते।

 

मेरठ कैंट विधानसभा से अमित अग्रवाल और मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला हुआ लेकिन मनीषा के हिस्से में हार और अग्रवाल ने 117526 वोटो से जीते।













मेरठ। (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) कैंट विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक दशक में पहली बार वोटों की बारिश हुई। 2012, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान का प्रतिशत बेहतर रहा। पहली बार 61.08 प्रतिशत मतदान रिकार्ड हुआ। मतदान के रुझान से साफ है कि भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल और रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत में सीधा मुकाबला है। हालांकि परिणाम 10 मार्च को ही फाइनल होगा।

मेरठ कैंट में जिस तरह से मतदान की उम्मीद थी उसी तरह मतदान हुआ। सुबह से ही मतदाता लाइन लगाकर मतदान करते रहे। भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल और रालोद प्रत्याशी के बीच हर बूथ पर मुकाबला दिखा। कैंट में बसपा प्रत्याशी अमित शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी अवनीश काजला ने भी उपस्थिति दिखाने की पूरी कोशिश की। समीकरण के हिसाब से भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल की बढ़त दिख रही है। उन्हें रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत ने टक्कर देने की कोशिश की। उपस्थिति अच्छी दिखाई। बस समीकरण के हिसाब से भाजपा प्रत्याशी को कैंट में अच्छी बढ़त दिख रही है। मतदाताओं के रुझान से मेरठ कैंट में भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत दिख रही है। जिले की दूसरी बड़ी सीट कैंट में सुबह से ही मतदाताओं की उपस्थिति दमदार रही। चार लाख 28 हजार 597 मतदाता वाले कैंट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपने को सबसे सुरक्षित मान रही है।मेरठ कैंट की जनता ने व्यापक समर्थन दिया है। कैंट में हर वर्ग और जाति के लोगों ने वोट दिया है। कैंट की जनता ने पहले भी दो बार मुझे बहुत प्यार दिया था। इस बार अधिक मतदान से प्यार दिया है। 10 साल में सबसे अधिक मतदान। यह कैंट की जनता का प्यार है। 

शहर विधानसभा सीट खूब दौड़ी रफीक अंसारी की साइकिल भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को करीब 26482 वोटो से हराया

 शहर विधानसभा सीट  खूब दौड़ी रफीक अंसारी की साइकिल भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को करीब 26482 वोटो से हराया











मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) मेरठ शहर सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रफीक अंसारी लगातार दूसरी बार जीतेंगे या फिर भाजपा के कमल दत्त शर्मा, इस पर सबकी निगाह लगी थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत वाजपेयी को रफीक अंसारी ने 28 हजार 769 वोटों से हराया था। इस बार कांग्रेस से रंजन शर्मा ने भी अच्छा चुनाव लड़ा लेकिन वह बेहतर नहीं कर पाए। मुस्लिम मतों का बंटवारा कम होने से रफीक अंसारी जीते के प्रति आश्वस्त थे, वहीं कमलदत्त सर्वसमाज के वोट मिलने से अपनी जीत को पक्की मानकर चल रहे थे। लेकिन नतीजे चौंकाने वाले आए। मेरठ शहर विधानसभा सीट पर रफीक अंसारी की 26282 वोटो से जीत हो गई। आधिकारिक घोषणा का इंतजार बाकी है। शहर सीट से भाजपा प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा को लगभग 85000 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा लोहिया नगर मंडी मतगणना स्थल से कार्यकर्ताओं के साथ बाहर निकल गए। 

मेरठ की चर्चित सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद करीब 9495 हजार से जीत कर भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल को चारो खाने चित किया।

 

मेरठ की चर्चित सिवालखास विधानसभा सीट से गुलाम मोहम्मद  करीब 9495 हजार से जीत कर भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल को चारो खाने चित किया।




सिवालखास : गुलाम मोहम्मद के हाथ लगी बाजी

मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) सिवालखास सीट पर सबकी नजर लगी थी। एक समय रालोद का गढ़ रही यह सीट 2017 में भाजपा के खाते में गई थी। इस बार यहां से भाजपा ने जिला सहकारी बैंक चेयरमैन मनिंदरपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया था। रालोद ने यहां 2012 में सपा के टिकट पर विधायक रहे हाजी गुलाम मोहम्मद को उतारा। गुलाम मोहम्मद 2017 में वे भाजपा के जितेंद्र सतवाई से 11,421 वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर रहे थे। 
सिवालखास, 8वें राउंड में भाजपा 1168 वोट से आगे चल रही थी। गुलाम मोहम्मद को 27577 और मनिंदर पाल को 28745 वोट मिले। 11वे राउंड में रालोद ने बढ़त ले ली, भाजपा से 7868 वोट की बढ़त बनी थी। सिवालखास में 18वे राउंड तक रालोद को 61469, भाजपा को 61024 वोट मिले। 26वें राउंड तक रालोद 95313 पर रही, भाजपा 83313 पर पहुंची यहां  गठबंधन प्रत्याशी ने 12060 की लीड ली।सभी राउंड के समाप्त होने पर भाजपा के पल्ले में हार मिली और सपा गठबंधन प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद ने करीब 9495 वोटो से जीत हासिल की।


किठौर विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी शाहिद मंजूर ने मारी बाजी मारकर भाजपा प्रत्याशी सतवीर त्यागी को किया ढेर।

 किठौर विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी शाहिद मंजूर ने मारी बाजी मारकर भाजपा प्रत्याशी सतवीर त्यागी को किया ढेर।














मेरठ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) किठौर में सपा गठबंन के नेता शाहिद मंजूर और भाजपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक सत्यवीर त्यागी का कड़ा मुकाबला जारी रहा। बसपा से केपी मावी और कांग्रेस से बबीता गुर्जर ने भी चुनाव लड़ा है। शाहिद मंजूर किठौर से लगातार तीन बार विधायक रह चुके थे। 2017 में शाहिद को भाजपा के सत्यवीर त्यागी ने 20822 मतों से हराकर विधानसभा में दस्तक दी थी। सत्यवीर दोबारा जीतने में कामयाब नहीं हो सके ।मतगणना के अंतिम राउंड में 2388 मतों से शाहिद मंजूर बाजी मार ले गए।

पश्चिमी यूपी की छह सीटों पर रहा जबरदस्त मुकाबला, सरधना में अतुल प्रधान ने संगीत सोम को किया चित

 

पश्चिमी यूपी की छह सीटों पर रहा जबरदस्त मुकाबला, सरधना में अतुल प्रधान ने संगीत सोम को किया चित












मेरठ।11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) मेरठ की हॉट सीट सरधना विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है।उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। वर्ष 2017 में प्रचंड लहर में जहां मेरठ जिले की छह सीटें जहां भाजपा की झोली में जा गिरी थीं, वहीं इस बार पार्टी कांटे के मुकाबले में फंसी रही। कैंट सीट पर सबकी निगाहें हार-जीत के अंतर पर लगी थीं। सरधना में संगीत सोम की हैट्रिक कड़े मुकाबले में फंसी, तो हस्तिनापुर में प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटीक की साख दांव पर लगी थी। किठौर में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर कड़े मुकाबले में फंसे रहे। किसान आंदोलन के सबसे ज्यादा असर वाली सिवालखास सीट को भाजपा इस बार नहीं बचा सकी। कैंट को छोड़ जिले की बाकी छह सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद करीबी रहा। 

सरधना विधानसभा सीट : संगीत सोम की नहीं लगी हैट्रिक, अतुल ने जीता जनता का दिल  

सरधना में बड़ा सवाल यह था कि भाजपा और विधायक संगीत सोम हैट्रिक लगाएंगे या फिर सपा के अतुल प्रधान बाजी मारेंगे। लगातार दो बार से संगीत सोम जीत रहे थे। सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं। साथ ही ठाकुर चौबीसी का भी बड़ा प्रभाव है। इसके अलावा जाटव, गुर्जर, सैनी और जाट मतदाता भी हराने और जिताने का दम रखते हैं। साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना काफी सुर्खियों में रहा था।सरधना विधानसभा सीट से सपा रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है। संगीत सोम इससे पहले दो बार यहां से चुनाव जीते थे, जबकि अतुल प्रधान दो बार चुनाव हारे थे। सरधना सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का कोई प्रत्याशी जीता है। हार जीत का अंतर करीब 18000 वोटों का है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जब चार राउंड की मतगणना होनी बाकी थी, उससे पहले ही संगीत सोम मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय स्थित मतगणना स्थल से चले गए थे।

मतगणना स्थल पर ही चलते रहे प्रत्याशियों में शब्द बाण

सरधना सीट पर गिनती पर ही चल रहे दोनों प्रत्याशियों में सरधना की हॉट सीट पर गठबंधन और भाजपा प्रत्याशी में कांटे की टक्कर चलती रही। सरधना सीट पर शुरुआती रुझानों में भाजपा विधायक संगीत सोम 12000 से आगे तक पहुंच गए थे लेकिन आठवें राउंड की मतगणना तक अतुल प्रधान 1489 वोटों से आगे हो गए। दोपहर होने तक सरधना हॉट सीट पर 20 राउंड आते आते स्थिति बदल गई है। जिसके बाद भाजपा विधायक खेमे में हलचल पैदा हो गई है। समर्थक मायूस हो गए। भाजपा विधायक का जो गढ़ था वोटों का वह लगभग टूट गया।  यहां अतुल प्रधान लोगों का दिल जीतने में कामयाब हुए। अतुल प्रधान 18160 वोटों से जीते हैं। उन्हें 118047 वोट मिली है, जबकि संगीत सोम को 99887 वोट मिले हैं।

संगीत सोम का घमंड टूटा: अतुल प्रधान

जीत के बाद बोले अतुल प्रधान संगीत सोम का घमंड टूटा, हिंदू मुस्लिम की राजनीति करते थे। लोगों ने सबक सिखाया दलितों का शोषण किया, इसलिए इनकी हार हुई है। हम जनता के बीच रहे इसलिए हम जीते हैं।

हस्तिनापुर का मिथक रहा बरकरार, भाजपा की 7 में से तीन सीटों पर जीत।

 

हस्तिनापुर का मिथक रहा बरकरार, भाजपा की 7 में से तीन सीटों पर जीत।

सरधना, सिवालखास, मेरठ शहर, किठौर सीट पर रालोद-सपा गठबंधन का कब्जा।

मेरठ।11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मिथक को तोडते हुए फिर से सरकार बनाई है। गुरुवार को भाजपा को प्रदेश में पूर्ण बहुमत मिला है। वही मेरठ में भाजपा की झोली में सात से तीन सीट ही हाथ लग सकी है। सरधना, सिवालखास, किठौर उसके हाथ से खिसक गयी है। सपा के रफीक अंसारी अपनी सीट को बचाने में सफल हुए उन्होंने भाजपा के कमल दत्त शर्मा को हराया। गुरुवार की सुबह कृषि विवि में सिवाल खास, सरधना और हस्तिनापुर विधानसभा और लोहिया नगर मंडी में मेरठ कैंट, मेरठ शहर, किठौर, मेरठ दक्षिण विधान सभा सीटों की मतगणना सुबह आठ बजे आरंभ हुई। सबसे पहले बैलेट पेपर के माध्यम से पड़े वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा में शुरू की गयी। इसके बाद विधानसभा वाईज वोटो की गिनती ई.वी.एम मशीनों से आरंभ हुई। मेरठ कैंट को छोडकर सभी छह सीटों पर कांटे की टक्कर भाजपा व रालोद सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के  बीच देखने को मिली। सबसे बड़ी जीत मेरठ कैंट में भाजपा के टिकट से मैदान में उतरे अमित अग्रवाल  की रही उन्हें149398 वोट मिले। रालोद से मैदान में उतरी मनीषा अहलावत को 41309 मत मिले। जबकि तीसरे ने नम्बर बसपा के अमित शर्मा रहे उन्हें 26493 वोट मिले। भाजपा ने पांचवी लगातार जीत दर्ज की है। मेरठ शहर सीट से शुरुआती बढ़त बनाने के बाद भाजपा के कमल दत्त शर्मा 23 चक्र तक पिछडते चले गये। उन्हें कुल 79930 वोट मिले। सपा के रफीक अंसारी को 106212 वोट मिले। यह सीट रफीक अंसारी ने बरकरार रखी। इस सीट पर 617 नोटा का प्रयोग किया गया। कैंट विधान सभा सीट भाजपा ने बरकरार रखी। यहां पर उतरे अमित अग्रवाल विजयी हुए। अमित अग्रवाल को 160921 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रालोद की मनीषा अहलावत रही जिन्हें 43395 वोट मिले। बसपा के अमित शर्मा को 28247वोट मिले। यहा पर 1074 नोटा का प्रयोग किया गया। किठौर सीट सपा के शाहिद मंजूर ने भाजपा से छिनी। शाहिद मंजूर ने भाजपा के सत्यवीर त्यागी को हराया। शाहिद मंजूर को 106791वोट मिले। भाजपा के सत्यवीर त्यागी को 104403 मिले। बसपा के कुशल पाल मावी 31089 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। मेरठ दक्षिण विधान सभा में सबसे देर से परिणाम आये। 38 राउंड के बाद सोमेन्द्र तोमर ने जीत हासिल की। उन्होंने सपा के आदिल चौधरी को हराया। सोमेन्द्र तोमर को 129031 मत मिले जबकि सपा के आदिल चौधरी को 121338 वोट। सिवाल खास सीट पर सपा के पूर्व विधायक जो इस बार रालोद के टिकट से मैदान में उतरे थे। उन्होंने भाजपा के मनिंदर पाल सिंह को हराया। रालोद के गुलाम मोहम्मद को 101005 वोट पड़े। जबकि मनिंदर पाल सिंह को 91510 वोट पडे। बसपा के नन्हें खान 29386 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। सरधना सीट पर सपा के अतुल प्रधान ने भाजपा फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हराकर सीट पर कब्जा किया। सपा के अतुल प्रधान को 118047 वोट मिले। जबकि भाजपा के संगीत सोम को 99387 वोट मिले। बसपा के संजीव धामा 18075 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। हस्तिनापुर सीट को भाजपा के दिनेश खटीक ने बचा लिया। उन्होने बसपा छोडकर सपा के टिकट से चुनाव लड रहे योगेश वर्मा को हराया। इस तरह इस मिथक को कायम रखा। जो हस्तिनापुर से जीतता है प्रदेश में उसी की सरकार बनती है। कुल मिलाकर भाजपा ने चार सीटों को गंवाया है। इसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा। इसकी गाज भाजपा के पदाधिकारियों पर गिर सकती है।

यू.पी में बड़ी जीत, भाजपा दफ्तर में मनी होली।

 

यू.पी में बड़ी जीत, भाजपा दफ्तर में मनी होली

विकास और सुशासन को मिला आशीर्वादः सीएम योगी।

लखनऊ। 11 मार्च (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों के बाद विकासवाद की राजनीति के प्रतीक बनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उभरे हैं। विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे सीएम योगी ने गोरखपुर शहर सीट से न सिर्फ बड़ी जीत दर्ज की बल्कि 37 वर्ष बाद यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार की लगातार वापसी का इतिहास रच डाला। राज्य में फिर से भगवा लहराने के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे सीएम योगी सभी कार्यकर्ताओं को इस बड़ी जीत की बधाई दी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गोरखपुर शहर सीट पर बड़ी जीत के बाद शाम प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। गुलाल लगाकर इस बड़ी जीत के लिए बधाई दी। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चार राज्यों में प्रचंड जीत के बाद भाजपा की सरकार बनने जा रही है। विकास और सुशासन को एक बार फिर से जनता ने अपना आशीर्वाद दिया है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के परिणामों पर पूरे देश की निगाहें थीं। आज भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। इसके लिए जनता जनार्दन और कार्यकर्ताओं का कोटि-कोटि धन्यवाद। मतगणना को लेकर पिछले दो-तीन दिनों चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार को जनता ने दरकिनार करते हुए भाजपा और सहयोगी दलों को जीत दिलाई है।  

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रचंड बहुमत भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के माडल को उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता का आशीर्वाद है। इसे स्वीकार करते हुए आम जनमानस की आकांक्षाओं के अनुरूप सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास के इस मंत्र को अंगीकार करते हुए निरंतर आगे बढ़ाना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार ने पांच वर्षों से लगातार उत्तर प्रदेश में जो सुरक्षा का माहौल दिया, लोगों की आस्था को सम्मान दिया, विकास के कार्यक्रमों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया, गरीबों के कल्याण के लिए जो कार्य शुरू हुए हैं, आज उसका परिणाम जनता ने जातिवाद, परिवारवाद, वंशवाद की राजनीति को पूरी तरह से तिलांजली देते हुए 2022 में भी भाजपा को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई है।

यूपी में बरकरार रहा योगी-मोदी का जादू। 

यूपी विधानसभा चुनाव को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का लिटमस टेस्‍ट माना जा रहा था। यही कारण है कि सभी सियासी दलों ने यूपी को फतेह करने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार भाजपा की केंद्र और राज्‍य सरकार पर हमलावर रहे। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ सपा की पूर्व सरकार के कथित कुशासन को लेकर अखिलेश यादव को घेरते रहे। उत्‍तर प्रदेश में पीएम मोदी ने कुल 12 वर्चुअल और 32 फिजिकल रैलियां और रोड शो करके कुल 193 सीटों को कवर किया।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...