रविवार, 13 जून 2021

विश्व बौद्ध महासंघ ने थाईलैंड में अभिधम्मा पाठ के माध्यम से संघमाता स्वर्गीय डा. मुक्ति भटनागर को दी श्रद्धांजलि



विश्व बौद्ध महासंघ ने थाईलैंड में अभिधम्मा पाठ के माध्यम से संघमाता स्वर्गीय डा. मुक्ति भटनागर को दी श्रद्धांजलि


दुनियाभर में विश्व बौद्ध महासंघ के क्षेत्रीय अध्यक्षों ने कार्यक्रम से लाइव जुड़कर संघमाता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

By- मेरठ खबर   । सह संपादक । प्रवेश कुमार रोहतगी

मेरठ। सुभारती ग्रुप की संस्थापिका संघमाता स्वर्गीय डा.मुक्ति भटनागर को थाईलैंड में विश्व बौद्ध महासंघ की ओर से अभिधम्मा पाठ आयोजित करके श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ऑनलाइन कार्यक्रम में विश्व बौद्ध महासंघ के अध्यक्ष डा. पौन चाय पिनया पौ ने अभिधम्मा पाठ के माध्यम से श्रद्धांजलि प्रस्तुत की। सुभारती विश्वविद्यालय के ट्रस्टी सेक्रेट्री डा.कृष्णा मूर्ति ने अभिधम्मा पाठ के लिये ऑनलाइन कार्यक्रम के आरम्भ हेतु डा. पौन चाय पिनया पौय एवं अन्य बौद्ध विद्वानों से निवेदन किया।

 


डा. पौन चाय पिनया पौ ने श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए सुभारती परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय संघमाता डा. मुक्ति भटनागर ने तथागत बुद्ध के मार्ग पर अग्रसर होते हुए परिनिर्वाण को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि संघमाता का संसार को त्यागना सुभारती परिवार के साथ भारतवर्ष के लिये अत्यंत कष्टदायी है। उन्होंने कहा कि तथागत की शिक्षाओं में मृत्यु को प्रबल सत्य माना गया है और मृत्यु जीवन का भाग है। उन्होंने कहा कि कष्ट की इस घड़ी में विश्व बौद्ध समुदाय सुभारती परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि संघमाता डा. मुक्ति भटनागर ने अपने जीवन में तथागत बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय के माध्यम से भारत सहित विश्वभर में बौद्ध धर्म को पल्लवित करने का गौरवपूर्ण कार्य किया है। इसे जीवन में कभी भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने विशेष कहा कि सुभारती परिवार को अब अपने कष्टों को भुलाकर दूसरे लोगो के कष्ट दूर करने में तथागत बुद्ध की शिक्षाओं के अनुसार प्रगति करे।


सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कहा कि मेरी स्वर्गीय माता डा. मुक्ति भटनागर जी के लिये जिस प्रकार विश्व बौद्ध महासंघ ने वंदना की है इसके लिये वह उनकी जीवन भर आभारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि एक बेटी के रूप में मॉ से बिछड़ने की पीड़ा पूरे जीवन काल रहेगी लेकिन स्वर्गीय माता जी ने जो संस्कार हमें और पूरे समाज को दिये है हम उसी मार्ग पर प्रतिबद्ध होकर समाज के हर व्यक्ति के कष्ट दूर करने का प्रयास करेंगे।  

 

सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने कहा कि संघमाता स्वर्गीय डा. मुक्ति भटनागर का व्यक्तित्व हमेशा मानवता की उन्नति हेतु अग्रसर रहा है और उन्होंने अपना पूरा जीवन तथागत बुद्ध की शिक्षाओं का अनुपालन करते हुए व्यतीत किया। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि संघमाता का हमारे बीच से जाना बहुत दुखदायी है लेकिन तथागत बुद्ध की शिक्षाओं के अनुपालन में सुभारती परिवार संयम से काम लेते हुए समाज में प्रेम, करूणा, मैत्री की भावना से लोगो के कष्ट दूर करने का काम करेगा।


सुभारती ग्रुप के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने विश्व बौद्ध महासंघ के अध्यक्ष डा. पौन चाय पिनया पौ को अभिधम्मा पाठ आयोजित करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि संघमाता स्वर्गीय डा. मुक्ति भटनागर का परिनिर्वाण सुभारती परिवार के लिये अपूरणीय क्षति है और इस कष्ट को भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध के उपदेशानुसार अत्यधिक विलाप करने से निर्वाण का मार्ग नही मिलता लेकिन सुभारती परिवार अपने मन को शान्त रखकर शीलों का पालन करते हुए धम्म से निर्वाण की प्राप्ति कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुख की इस कठिन घड़ी में जिस प्रकार विश्व बौद्ध महासंघ सहित देश विदेश से हर वर्ग के लोगो ने उन्हें सांत्वना देते हुए मानसिक साहस दिया है, इसके लिये वह हृदय से सभी के आभारी है।

 


संपूर्ण कार्यक्रम थाईलैंड स्थित विश्व के सबसे बड़े बौद्ध मंदिर धम्मकाया में आयोजित कर लाइव किया गया। अंत में भिक्षुओं द्वारा वंदना की गई। इसके बाद संघदान दिया गया ।

कार्यक्रम में विश्व बौद्ध महासंघ के विभिन्न देशों के क्षेत्रीय कार्यालयों के अध्यक्षों ने भी प्रतिभाग किया। जिसमें थाइलैंड, म्यांमार, अमेरिका, इंग्लैण्ड, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, ताइवान, सिंगापुर, जापान, कम्बोडिया, वियतनाम, भूटान, बंग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, आदि देशों के विश्व बौद्ध महासंघ के अध्यक्षों ने संघमाता स्वर्गीय डा. मुक्ति भटनागर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


इस मौके पर शोकाकुल सुभारती परिवार से डा.अतुल कृष्ण बौद्ध, डा. शल्या राज, डा. रोहित रविन्द्र, डा.कृष्णा मूर्ति, डा.आकांशा, अवनि एवं राहुल शामिल रहे।

शनिवार, 12 जून 2021

ऋषभ स्कूल के घोटाले में रंजीत गिरफ्तार

 ऋषभ स्कूल के घोटाले में रंजीत गिरफ्तार

बेटी के पास रह रहे आरोपी को बेंगलुरु से पकड़ा गया पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार करने का दावा किया

By - मेरठ खबर        ।सह संपादक।   प्रवेश कुमार रोहतगी

मेरठ ।कैंट स्थित ऋषभ एकेडमी स्कूल के घोटाले में सदर बाजार पुलिस ने नामजद आरोपी रंजीत जैन को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया । इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्य याचना भारद्वाज पहले ही जेल जा चुकी हैं। प्रधानाचार्य के जेल जाने के बाद रंजीत अपनी बेटी के पास बेंगलुरु में चला गया था। वहां वह एक फ्लैट में रुका था ।पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है वही पुलिस का दावा है। कि आरोपी को दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया है। 5 नवंबर 2020 को सदर बाजार थाने  स्कूल के सचिव रंजीत जैन और प्रधानाचार्य याचना भारद्वाज के खिलाफ ₹52 के गबन के आरोप में केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने नाम आज आरोपी प्रधानाचार्य को 2 महीने पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था । पुलिस ने शिकंजा कसा तो आरोपी रणजीत जैन मेरठ से भाग गया । नामजद आरोपी रंजीत जैन का पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लिया था। सटीक सूचना के बाद अनुमति लेकर पुलिस शुक्रवार को हवाई जहाज से बेंगलुरु पहुंच गई थी। पहुंच गई थी यहां से आरोपी रंजीत को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद पुलिस आरोपी को मेरठ ले आई । हालांकि पुलिस दावा कर रही है । कि पुलिस के बेंगलुरु जाने की बात रंजीत को पता चल गई थी। वह हवाई जहाज से दिल्ली पहुंचा उसी हवाई जहाज में पुलिस टीम भी थी। उसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया ।सदर बाजार पुलिस अभी आरोपी से पूछताछ कर रही है। एएसपी कैंट सूरज राय का कहना है कि आरोपी को कोर्ट में पेश करेंगे।








विद्यार्थियों के भविष्य पर किसी की नजर नहीं 

स्कूल के सचिव रहे रंजीत जन की पोल खोलने के लिए बड़ी प्लानिंग की गई शिक्षिकाओं ने भी रंजीत और उनके बेटे के आचरण को लेकर सवाल भी उठाए थे । यह मामला कमिश्नर तक पहुंचा स्कूल के घोटाले और अन्य प्रकरण में सिर्फ पुलिस की कार्रवाई ही दिखाई दे रही है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य प्रभावित हो सकता है ।इस पर किसी विभाग की नजर नहीं है। याचना भारद्वाज और अब रंजीत जैन की गिरफ्तारी के बाद अगला टारगेट कौन है इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है । हालांकि विवेचक गौरव का कहना है कि पुलिस की जांच में कई और नाम सामने आए हैं। उन पर कार्रवाई होनी है ।

यह सेटिंग है या फिर कोई  संयोग

यह सेटिंग है या फिर कोई सहयोग ऋषभ स्कूल के घोटाले की जांच सदर बाजार के एसएसआई गौरव कुमार कर रहे हैं।  इस मामले में दो नामक आरोपी हैं ।जब भी एएसआई ने आरोपी गिरफ्तार किए हैं। तभी इंस्पेक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। याचना भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान भी इस वक्त छुट्टी पर थे और शनिवार को रंजीत की गिरफ्तारी हुई तब भी छुट्टी पर रहे गजब का संयोग है। कि जैसे ही विवेचक गौरव दो पुलिस वाले रणजी राजीव मलिक और अंकित के साथ बेंगलुरु में पहुंचे तभी आरोपी रंजीत खुद बेंगलुरु से मेरठ के लिए चल दिए । इसका पता लगते ही पुलिस की टीम भी ऐसी आवाज में बैठी था।  पुलिस के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट पर आते ही पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया आज का किला किसने दिया इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं हालांकि पुलिस दावा कर रही है दूरदराज से आरोपी को पकड़ने के लिए और पुलिस विभाग से खर्चा मिलता है।

हल्की बारिश ने दी गर्मी को राहत

 हल्की बारिश ने दी गर्मी को राहत

देहात क्षेत्र देहात के क्षेत्रों में दिन और शहर में रात में हुई बारिश

By - मेरठ खबर।   सह संपादक । प्रवेश कुमार रोहतगी

मोदीपुरम। दूसरे दिन भी वेस्ट यूपी में मौसम बदला- बदला रहा ।शनिवार सुबह से ही बादल छाए रहे सुबह देहात क्षेत्र में बारिश हुई तो रात 9 बजे शहर में हल्की बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार को भी तेज हवा के साथ बारिश के आसार बने हुए हैं। इससे तापमान में गिरावट आएगी। जून के पहले सप्ताह में भीषण गर्मी ने लोगों का बुरा हाल कर दिया था । पारा उछलकर सीजन के सीजन में पहली बार 41 बार पहुंच गया था। दूसरा सप्ताह मौसम के लिहाज से राहत लेकर आया मानसून ने 2 दिन पहले ही मुंबई में दस्तक दे दी है। हालांकि वेस्ट यूपी में मानसून आने में अभी समय है।  






शनिवार सुबह से ही मौसम बदला बदला रहा । देहात क्षेत्र में भी कई जगह बारिश हुई।  मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एन सुभाष ने बताया कि शनिवार को 0. 3 मिमी बारिश दर्ज की गई है । मौसम कार्यालय पर अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया । अधिकतम आद्रता 76 व न्यूनतम आद्रता  66% दर्ज की गई है । हवा की रफ्तार 4 से 6 किलोमीटर प्रति घंटा रसोई वही हवा भी शुद्ध होने लगी है।

मांग बढ़ते ही लड़खड़ा गई बिजली की आपूर्ति

 मांग बढ़ते ही लड़खड़ा गई बिजली की आपूर्ति

By - मेरठ खबर। सह सम्पादक  । प्रवेश कुमार रोहतगी

मेरठ। भीषण गर्मी में जहां बिजली की मांग 6000 मेगावाट से बढ़कर 7000 मेगावाट तक पहुंच गई है वहीं सप्लाई सिस्टम पूरी तरह लड़खड़ा गया है।  सिस्टम को ओवरलोड से बचाने के लिए पावर कॉरपोरेशन मेंटेनेंस और फॉल्टने फॉल्ट के नाम पर शहर में 3 से 5 घंटे तक बिजली आपूर्ति प्रभावित की जा रही है।  इस समय गांव में बिजली आपूर्ति 14 से 15 घंटे और नलकूपों के लिए 9 से 10 घंटे की ही की जा रही है।  मुख्यालय मंडल मुख्यालयों को 24 घंटे गांव को अट्ठारह और नलकूपों को 12 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है।  जून माह के 11 दिन में इसकी हवा निकल गई प्रदेश में जहां बिजली की मांग 25000 मेगावाट को पार कर रही है।  वही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड चैनल को भी अपने करीब 7000000 उपभोक्ताओं के लिए करीब 7000 मेगावाट बिजली की दरकार है। मांग और उपलब्धता में करीब 1000 मेगावाट का अंतर अंतर ही उपभोक्ता को झटके दे रहा है।

कटौती करने वालों पर होगी कार्रवाई









गर्मी की वजह से बिजली की मांग में 20 फ़ीसदी तक की वृद्धि हुई है शेड्यूल अनुसार बिजली आपूर्ति की कोशिश की जा रही है। अगर कोई अधिकारी सिस्टम बचाने के नाम पर कटौती कराएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी ।अरविंद मल्लप्पा बंगारी एमडी पीवीवीएनएल

मेरठ के पांच और जांबाज सेना में लेफ्टिनेंट बने

 मेरठ के पांच और जांबाज सेना में लेफ्टिनेंट बने

By - मेरठ खबर।  सह संपादक। प्रवेश कुमार रोहतगी

मेरठ क्रांतिधारा के लोगों का सीना एक बार सिर्फ गर्व से चौड़ा हो गया है मेरठ के पांच जावा सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं देहरादून और सिकंदराबाद में हुई पासिंग आउट परेड में सिद्धार्थ त्यागी अनुराग राठौर सनोवर अहमद आशीष शर्मा और संगम त्यागी के को देश सेवा की कमान सौंपी गई क्रोना के कारण परिवार के लोग इस ऐतिहासिक पल को भले ही नहीं देख पाए लेकिन बेटे बेटों के हौसलों पर गर्व कर रहे हैं तीन अधिकारियों के पिता सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं पिता की प्रेरणा लेकर ही युवकों में आर्मी ज्वाइन की है इनके परिवार में खुशी का माहौल है।






बचपन से ही था देश सेवा की सेवा का जज्बा

फाजलपुर स्थित सैनिक विहार कॉलोनी निवासी सरवर अहमद ने एपीएस आर्य पब्लिक स्कूल से 79% अंक पाकर 12वीं की परीक्षा पास की थी।  वह एनडीए प्रवेश परीक्षा पास कर इस मुकाम तक पहुंचे। पिता इरशाद अहमद सेना से सेवानिवृत्त हैं । वहीं माता फरीदा बेगम गृहणी है।  तीन भाई वसीम मेडिकल क्षेत्र, शाहिद अध्यापक और सलमान डॉक्टर हैं। सनोवर ने बताया कि आज जब मेरे माता-पिता देहरादून में आई एम में परिसर के पार्किंग में मुझे लेने आए तो मुझे लगा कि बचपन का मेरा सपना पूरा हो गया है।

आईआईटी की तैयारी एनडीए में सफलता

गढ़ रोड स्थित सोमदत्त सिटी निवासी लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ त्यागी ने बताया कि 2017 में दीवान इंटरनेशनल स्कूल में 95% अंकों के साथ 12वीं करने के बाद उन्होंने आईआईटी की तैयारी शुरू की थी। इसी दौरान एनडीए की परीक्षा दी । उनका चयन भी हो गया उनके जुड़वा भाई ऋषभ त्यागी ने बीटेक कंप्यूटर साइंस में किया। वह इंफोसिस में इंजीनियर है ।परिवार में पिता राजीव त्यागी केन्या में रामोड़ा सेरामिक लिमिटेड में मैनेजर हैं। वहीं माता कविता त्यागी गरहनी है । सिद्धार्थ को पहली पोस्टिंग मिलने के साथ ही 21 दिन का अवकाश दिया गया है।

जुनून ने बना दिया सिपाही से लेफ्टिनेंट 

कंकरखेड़ा स्थित तुलसी कॉलोनी निवासी अनुराग राठौड़ ने बताया कि 2009 में आर्मी पब्लिक स्कूल से 63% अंक से 12वीं की परीक्षा पास की थी। 2013 में सेना में सिपाही बन गए और 4 वर्ष तक इंजीनियर्स कोर में सेवा की। अधिकारी बनने का जुनून था। आर्मी कैडेट कॉलेज से कमिशन होते हुए उन्हें लेफ्टिनेंट का पद मिल गया। उन्हें पहली पोस्टिंग गढ़वाल राइफल्स और कारगिल के द्रास में मिली है। पिता आर्मी सेना से सेवानिवृत्त है।

टेक्निकल एंट्री स्कीम में पाया मुकाम

 रोहटा रोड स्थित शालीमार गार्डन निवासी आशीष शर्मा ने देश सेवा का मुकाम पा लिया।   2016 में आर्मी पब्लिक स्कूल से 93.2% अंकों के साथ 12वीं पास करने वाले आशीष ने टेक्निकल एंट्री स्कीम से सेवा सेना में प्रवेश किया। 2016 में गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी से बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद कैडेट ट्रेनिंग विंग एमसीएमआई सिकंदराबाद पहुंचे। वह ईएमई कोर्  में लेफ्टिनेंट  बने हैं ।राजीव पिता राजीव शर्मा दिसंबर 20 में सेवानिवृत्त हुए।

संगम ने दादा का सपना किया पूरा

रोहटा रोड स्थित तेज विहार कॉलोनी निवासी संगम त्यागी ने अपने दादा स्वर्गीय त्रिलोक चंद त्यागी का सपना पूरा किया । संगम ने बताया कि उन्हें देश सेवा की प्रेरणा दादा से मिली थी।  वह मुझे सेना की वर्दी में देखना चाहते थे।  नवंबर 2019 में उनका देहांत हो गया। संगम ने 12वीं नैनीताल के घोड़ाखाल स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में की थी 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उन्हें बेस्ट एडिट के तौर पर गवर्नर ट्रॉफी से भी नवाजा था।   2017 में एनडीए में चयन हुआ। मूल रूप से संगम बागपत जिले के जहानगढ़ उर्फ दोझा के रहने वाले हैं।  पिता डॉक्टर बीपी त्यागी का रो ह टा रोड पर क्लीनिक और माता पवन त्यागी मेडिकल स्टोर संभालती हैं । बड़ी बहन वचना त्यागी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।

समस्या समाधान के लिए टाइम तय

 समस्या समाधान के लिए टाइम तय

कमिश्नर ने डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की एक महीने में दोबारा की समीक्षा

By - मेरठ खबर । सह सम्पादक। प्रवेश कुमार रोहतगी

मेरठ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में शामिल ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेंड कॉरिडोर प्रोजेक्ट की कमीशन सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक बार फिर समीक्षा की गई । शनिवार की समीक्षा बैठक में बुधवार अधिग्रहण के मामलों में आ रही समस्याओं पर अधिकारियों को निर्देश दिए।  बैठक में 29 मई को दिए गए निर्देश पर अमल के बारे में कमिश्नर ने बारी-बारी से अधिकारियों को सुना और कार्य की टाइम लाइन तय कर दी।  अब तक समय पर सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा।  बैठक में मेरठ में म्यूटेशन के मामले में 54 गांव की भूमि का पुनर्ग्रहण  गौतमबुध नगर में 38 आर्बिट्रेशन केस का अवार्ड गाजियाबाद और हापुड में मुआवजा अवार्ड और 11 गांव की  पुनर्ग्रहण निर्देश दिए गए कमिश्नर ने प्रशासन और डीएफसीसी के अधिकारियों को उन गांव का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए जहां से एलाइनमेंट गुजर रहा है ।

समस्याएं सुनी और निर्देश दिए








मेरठ में शेष 41.3739 हेक्टेयर भूमि के म्यूटेशन के सम्बन्ध में ए डी एम को निर्देश।

मेरठ में 0.7985 हेक्टेयर भूमि के 20 एफ (रेलवे की भूमि अधिग्रहण) प्रस्ताव पर तहसीलदार के हस्ताक्षर कराए गए एसडीएम सदर।

मेरठ में 30 जून ताक 54 गांव की भूमि पुनर्ग्रहण एसडीएम प्रशासन।

एसडीएम भूमि अध्यापक को 0.4898 हेक्टेयर का  20  एफ (रेलवे का भूमि अधिग्रहण) 20 जून तक करने के निर्देश।

एसडीएम भूमि अध्यप्ती/सदर प्रतिकर 27.40 करोड़ रूपये के भुगतान के लिए जल्द कार्रवाई करें।

जनपद गौतम बुद्ध नगर में बचे 38 आर्बिट्रेशन केस का अवार्ड जल्द से जल्द से करने के निर्देश ।

एसएलएओ गाजियाबाद 0.4643 हेक्टेयर का हापुड़ में 0.4842 हेक्टेयर गाजियाबाद का 20 जून तक अवार्ड करें।

15 जून तक 11 गांवों की भूमि का पुनर्ग्रहण  का प्रस्ताव तैयार करें एसडीएम पर राशन गाजियाबाद।




सोमवार, 7 जून 2021

आज सुभारती आंदोलन की जनक संघमाता ‘‘डा. मुक्ति भटनागर‘‘ पंचतत्व में विलीन



आज सुभारती आंदोलन की जनक संघमाता ‘‘डा. मुक्ति भटनागर‘‘ पंचतत्व में विलीन

By - मेरठ खबर।   ।।सह संपादक।।       प्रवेश कुमार रोहतगी

बौद्ध रिति रिवाज के अनुसार सूरज कुण्ड में हुआ मृत्यु संस्कार। नम आंखों से सुभारती  ग्रुप सहित मेरठ वासियों ने दी अंतिम विदाई। वियतनाम बुद्धिस्ट संघ के प्रथम संघ राजा थिक ट्री कुआंग, वियतनाम बुद्धिस्ट विश्वविद्यालय के कुलपति थिक ना थू एवं  म्यांमार के राजदूत मियो औग ने शोक पत्र के माध्यम से अपनी संवेदनाए प्रकट की।


मेरठ। क्रान्तिधरा मेरठ में चिकित्सा, शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ व देहरादून की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर का सोमवार दिनांक 07.06.2021 को परिनिर्वाण हो गया।

 डा. मुक्ति भटनागर पेशे से फिज़िशियन थी और म्यांमार की सर्वोच्च संघ परिषद के महासचिव के द्वारा 2018 में बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में अतुल्य योगदान हेतु उन्हें संघ माता की उपाधि से सम्मानित किया गया था। डा. मुक्ति भटनागर ने सुभारती विश्वविद्यालय की स्थापना का शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे छोटे चिकित्सा केन्द्र एवं विद्यालयों को स्थापित करके जनमानस को लाभान्वित करने के साथ किया था और अपनी सेवाओं के संगम से उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ व देहरादून के रूप समाज को उन्नति का मार्ग दिया। उनके परिनिर्वाण से सुभारती परिवार सहित देश विदेशों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। कोरोना के दृष्टिगत सुभारती परिवार की ओर से लोगो से अपने घरो में ही रहकर प्रार्थना करने का निवेदन किया गया था। वियतनाम बुद्धिस्ट संघ के प्रथम संघ राजा थिक ट्री कुआंग, वियतनाम बुद्धिस्ट विश्वविद्यालय के कुलपति थिक ना थू एवं  म्यांमार के राजदूत मियो औग ने शोक पत्र के माध्यम से अपनी संवेदनाए प्रकट की। मेरठ सहित देशभर के राजनैतिक, सामाजिक संगठनों ने शोक प्रकट करते हुए शोकाकुल परिवार के लिये असीम दुख सहन करने की प्रार्थना की।


सूरज कुण्ड में सुबह 11ः30 बजे बौद्ध रिति रिवाज से भंते डा. चन्द्रकीर्त के द्वारा उनका मृत्यु संस्कार किया गया। सिख धर्म गुरूओं ने भी अरदास किया। मेरठ शहर के उपस्थ्ति लोगो ने अपने धर्म व रिति रिवाज के अनुसार संघ माता डा. मुक्ति भटनागर को श्रद्धांजलि अर्पित की। डा. मुक्ति भटनागर के पति सुभारती ग्रुप के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। 









डा. मुक्ति भटनागर पिछले 7 वर्षों से छाती के कैंसर से पीड़ित थी और एम्स दिल्ली में उनका आपरेशन हुआ था और उसके बाद उन्हें कीमो और रेडियो थेरेपी दी गई। उसके बाद से उनके छाती के कैंसर का रोग पूरी तरह से काबू में था और उन्होंने सुभारती के विभिन्न कार्यक्रमों एवं सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना आरम्भ कर दिया था। परन्तु कोविड काल शुरू होने पर उनकी लगभग 64 वर्ष आयु के कारण उन्होंने घर से निकलना बंद कर रखा था। उनका पुत्र डा. कृष्णा मूर्ति सुभारती कोविड अस्पताल में उप-चिकित्सा अधिकारी होने के नाते कोविड रोगियों के इलाज का संचालन कर रहा था। वह हर मरीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका इलाज करता था। इस मध्य डा. अतुल कृष्ण देहरादून में थे परन्तु 23 अप्रैल को मेरठ आ गये और 24 अप्रैल से उन्होंने भी मेरठ में सुभारती अस्पताल में भर्ती कोविड रोगियों को व्यक्तिगत रूप से देखना आरम्भ कर दिया। जब परिवार में यह चर्चा उठी कि उनके पति डा. अतुल कृष्ण व पुत्र उनके द्वारा कोविड रोगियों को उनके द्वारा प्रतिदिन उनके पास जाकर देखा जा रहा है तो इस पर उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों को डाक्टरी इलाज के साथ यह एहसास भी कराया जाना चाहिये कि वो सुभारती परिवार का ही हिस्सा है जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा। यूं तो डा. कृष्णा मूति व डा. अतुल कृष्ण पूरी सावधानी रखते थे कि उनके माध्यम से कोविड़ वायरस घर में न आ सके परन्तु फिर भी लगता है कि कहीं चूक हो गयी और 25 अप्रैल को टेस्ट कराने पर ज्ञात हुआ कि डा. मुक्ति भटनागर को कोविड रोग हो गया है। उनका अविलम्ब अच्छे से अच्छा इलाज आरम्भ कर दिया गया। आरम्भ में तो उनकी दशा में सुधार आता गया और 10 मई को वह कोविड़ निगेटिव हो गई। एक सप्ताह ठीक रहने के बाद उन्हें दोबारा से बुखार एवं कोविड़ के अन्य लक्ष्ण प्रतीत हुए। उनका पुनः इलाज शुरू कर दिया गया। धीरे-धीरे उनका रोग बढ़ता गया और उनकी एक ओर रक्त में जमने की शक्ति कम हो रही थी तो दूसरी ओर शरीर के कुछ हिस्सों में रक्त जमने लगा। उसके बाद उनके जिगर ने काम करना कम कर दिया और उनके फेफड़ो ने भी कार्य कम कर दिया जिससे उनके रक्त ने ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगी। उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी पूरी इलाज की व्यवस्था की गई। अस्पताल में उन्हें कई बार सामान्य दवाओं के अतिरिक्त प्लाजमा थेरेपी भी दी गई तथा रक्त भी दिया गया परन्तु कोविड़ से उत्पन्न हुए रक्त की व्याधियों पर काबू नहीं पाया जा सका। संघमाता डा.मुक्ति भटनागर ने दुनिया को अलविदा कह दिया। संघमाता डा.मुक्ति भटनागर का दुनिया से विदा होना सुभारती परिवार के साथ पूरे देश के लिये अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दुख की इस घड़ी में हम सब को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।







मांगल्या प्रेक्षागृह में साय 4 बजे शोक सभा का आयोजन किया गया। बौद्ध विद्वान ने शान्ति पाठ किया। एमटीवी सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो, कुलपति डा. वी.पी. सिंह, प्रतिकुलपति डा. विजय वधावन, मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डा. ए.के.श्रीवास्वत, डा.वैभव गोयल भारतीय, डा. नीरज कर्ण सिंह, एसी पाठक आदि सहित विश्वविद्यालय के सभी संकायों एवं विभागों सहित अन्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखते हुए दिवंगत की आत्मा की शान्ति हेतु प्रार्थना की।




डा. मुक्ति भटनागर का विस्तृत परिचय.....



डॉ. मुक्ति भटनागर, एक गतिशील, बहुमुखी, करिश्माई और बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी चिकित्सा की प्रोफेसर थी। उनका जन्म 16.01.1957 को उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर इलाहाबाद में शिक्षाविदों, डॉक्टरों और सिविल सेवकों के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उन्होंने मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलिज इलाहाबाद से स्नातक एमबीबीएस और स्नातकोत्तर सामान्य चिकित्सा में एमडी पूरा किया। 

उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली से वृद्धावस्था चिकित्सा में विशेषज्ञता प्राप्त करके अपनी गतिशील योग्यताओं में वृद्धि की। वह एक प्यार करने वाली माता व शिक्षिका थी। उन्हें कई बार सुभारती मेडिकल कॉलेज की सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका के रूप में चुना गया। वह एक शानदार शोध मार्गदर्शिका रही हैं और 65 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं और सम्मेलनों में वैज्ञानिक सत्रों में भाग लिया व अध्यक्षता की। उन्हें ’सार्क’ सदस्य देशों की एक भव्य सभा में “बुजुर्गों में शारीरिक विकलांगता“ और “शारीरिक पुनर्वासः वृद्धावस्था में विकलांगता“ पर व्याख्यान प्रस्तुत करने का सबसे प्रतिष्ठित गौरव प्राप्त है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी समर्पित सेवाओं के सम्मान में उन्हें ’यू.पी. बुद्धिजीवियों के अखिल भारतीय सम्मेलन द्वारा ‘यूपी रत्न‘ दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें यू.पी. से ’दी वूमेन प्राईड सम्मान’ मिला। फिल्मस फोटो जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन (रजि.) महिला उत्थान और सशक्तिकरण के लिए उनकी प्रतिबद्धता हेतु उन्हें राष्ट्रीय एकता और आर्थिक परिषद नई दिल्ली द्वारा “राजीव गांधी शिरोमणि पुरस्कार“ से सम्मानित किया गया। 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें ’महिला कल्याण के लिए सेवाएं’ के लिए सी.सी.एस.यूनिवर्सिटी मेरठ द्वारा सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय चिकित्सा मंच पर वह एमसीआई की सदस्य रही हैं। उन्होंने कोयंबटूर, भारत में “हिप्पोक्रेटिक शपथ- वर्तमान चिकित्सा परिदृश्य में पुनरीक्षण“ पर एक अतिथि व्याख्यान प्रस्तुत किया और बहुत प्रशंसित एपीआई मेडिकल अपडेट वॉल्यूम में लेखक रही। 

वह समाज के निचले वर्गो के उत्थान हेतु एक विशेष चिंता के साथ एक परोपकारी और सामाजिक कार्यकर्ता रही हैं। वह ग्रामीण-प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशासनिक समिति की कार्यकारी सदस्य (मानद) रही है। वह उन अग्रदूतों में से एक हैं जिन्होंने समाज सेवा और समानता के लिए सुभारती आंदोलन शुरू किया वह एमटीवी सुभारती ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष हैं। उन्होंने मेरठ एवं देहरादून में विश्वविद्यालयों की स्थापना की और ट्रस्ट के तहत कई स्कूल व चिकित्सा केन्द्रों के माध्यम से सामाजिक सेवाएं प्रदान करने में सक्रिय रूप से शामिल रही। एक और परियोजना जो उनके दिल के बहुत करीब रही वह मजदूरों के बच्चों की शिक्षा है जिसमें ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में श्रमिक कल्याण केन्द्र स्थापित किये गये है।

भारत में बौद्ध अध्ययन के लिए उनके संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उन्हें 2018 में म्यांमार की सर्वोच्च संघ परिषद के महासचिव परम पावन संदिमार अभिवंश द्वारा म्यांमार में आमंत्रित किया गया और उन्हें संघ माता की उपाधि प्रदान की। 


शोकाकुल परिवार में डा.अतुल कृष्ण बौद्ध, डा. शल्या राज, डा. रोहित रविन्द्र, डा. कृष्णा मूर्ति, डा. आकांक्षा, अवनि, राहुल है।

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