मेरठ के पांच और जांबाज सेना में लेफ्टिनेंट बने
मेरठ क्रांतिधारा के लोगों का सीना एक बार सिर्फ गर्व से चौड़ा हो गया है मेरठ के पांच जावा सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं देहरादून और सिकंदराबाद में हुई पासिंग आउट परेड में सिद्धार्थ त्यागी अनुराग राठौर सनोवर अहमद आशीष शर्मा और संगम त्यागी के को देश सेवा की कमान सौंपी गई क्रोना के कारण परिवार के लोग इस ऐतिहासिक पल को भले ही नहीं देख पाए लेकिन बेटे बेटों के हौसलों पर गर्व कर रहे हैं तीन अधिकारियों के पिता सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं पिता की प्रेरणा लेकर ही युवकों में आर्मी ज्वाइन की है इनके परिवार में खुशी का माहौल है।
बचपन से ही था देश सेवा की सेवा का जज्बा
फाजलपुर स्थित सैनिक विहार कॉलोनी निवासी सरवर अहमद ने एपीएस आर्य पब्लिक स्कूल से 79% अंक पाकर 12वीं की परीक्षा पास की थी। वह एनडीए प्रवेश परीक्षा पास कर इस मुकाम तक पहुंचे। पिता इरशाद अहमद सेना से सेवानिवृत्त हैं । वहीं माता फरीदा बेगम गृहणी है। तीन भाई वसीम मेडिकल क्षेत्र, शाहिद अध्यापक और सलमान डॉक्टर हैं। सनोवर ने बताया कि आज जब मेरे माता-पिता देहरादून में आई एम में परिसर के पार्किंग में मुझे लेने आए तो मुझे लगा कि बचपन का मेरा सपना पूरा हो गया है।
आईआईटी की तैयारी एनडीए में सफलता
गढ़ रोड स्थित सोमदत्त सिटी निवासी लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ त्यागी ने बताया कि 2017 में दीवान इंटरनेशनल स्कूल में 95% अंकों के साथ 12वीं करने के बाद उन्होंने आईआईटी की तैयारी शुरू की थी। इसी दौरान एनडीए की परीक्षा दी । उनका चयन भी हो गया उनके जुड़वा भाई ऋषभ त्यागी ने बीटेक कंप्यूटर साइंस में किया। वह इंफोसिस में इंजीनियर है ।परिवार में पिता राजीव त्यागी केन्या में रामोड़ा सेरामिक लिमिटेड में मैनेजर हैं। वहीं माता कविता त्यागी गरहनी है । सिद्धार्थ को पहली पोस्टिंग मिलने के साथ ही 21 दिन का अवकाश दिया गया है।
जुनून ने बना दिया सिपाही से लेफ्टिनेंट
कंकरखेड़ा स्थित तुलसी कॉलोनी निवासी अनुराग राठौड़ ने बताया कि 2009 में आर्मी पब्लिक स्कूल से 63% अंक से 12वीं की परीक्षा पास की थी। 2013 में सेना में सिपाही बन गए और 4 वर्ष तक इंजीनियर्स कोर में सेवा की। अधिकारी बनने का जुनून था। आर्मी कैडेट कॉलेज से कमिशन होते हुए उन्हें लेफ्टिनेंट का पद मिल गया। उन्हें पहली पोस्टिंग गढ़वाल राइफल्स और कारगिल के द्रास में मिली है। पिता आर्मी सेना से सेवानिवृत्त है।
टेक्निकल एंट्री स्कीम में पाया मुकाम
रोहटा रोड स्थित शालीमार गार्डन निवासी आशीष शर्मा ने देश सेवा का मुकाम पा लिया। 2016 में आर्मी पब्लिक स्कूल से 93.2% अंकों के साथ 12वीं पास करने वाले आशीष ने टेक्निकल एंट्री स्कीम से सेवा सेना में प्रवेश किया। 2016 में गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी से बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद कैडेट ट्रेनिंग विंग एमसीएमआई सिकंदराबाद पहुंचे। वह ईएमई कोर् में लेफ्टिनेंट बने हैं ।राजीव पिता राजीव शर्मा दिसंबर 20 में सेवानिवृत्त हुए।
संगम ने दादा का सपना किया पूरा
रोहटा रोड स्थित तेज विहार कॉलोनी निवासी संगम त्यागी ने अपने दादा स्वर्गीय त्रिलोक चंद त्यागी का सपना पूरा किया । संगम ने बताया कि उन्हें देश सेवा की प्रेरणा दादा से मिली थी। वह मुझे सेना की वर्दी में देखना चाहते थे। नवंबर 2019 में उनका देहांत हो गया। संगम ने 12वीं नैनीताल के घोड़ाखाल स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में की थी 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उन्हें बेस्ट एडिट के तौर पर गवर्नर ट्रॉफी से भी नवाजा था। 2017 में एनडीए में चयन हुआ। मूल रूप से संगम बागपत जिले के जहानगढ़ उर्फ दोझा के रहने वाले हैं। पिता डॉक्टर बीपी त्यागी का रो ह टा रोड पर क्लीनिक और माता पवन त्यागी मेडिकल स्टोर संभालती हैं । बड़ी बहन वचना त्यागी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।
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