सोमवार, 13 जून 2022

एक फूल 1000 रुपये तक ! इसकी खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान, जानिए ब्रह्म कमल की विशेषता

 एक फूल 1000 रुपये तक ! इसकी खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान, जानिए ब्रह्म कमल की विशेषता




नई दिल्ली। (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) ब्रह्म कमल  के फूल दुर्लभ होने के साथ महंगे भी हैं। कीमत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ब्रह्म फूल की कीमत 1000 रुपये तक जाती है। नैसर्गिक रूप से ब्रह्म कमल उत्तराखंड की वादियों में खिलता है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में इस फूल के उत्तराखंड से बाहर खिलने की खबरें भी सामने आई हैं। ब्रह्म कमल छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु जैसे प्रदेशों में भी खिल रहा है। कृषि मामलों के जानकारों की मानें तो इस फूल की खेती की जा सकती है। ब्रह्म कमल को उपजाने के लिए नियंत्रित वातावरण बनाने और मिट्टी के उपचार की जरूरत पड़ती है। मुख्य रूप से ब्रह्म कमल रात में खिलता है। पूरे साल में ब्रह्म कमल केवल जुलाई से सितंबर के दौरान ही खिलते हैं। पढ़िए ब्रह्म कमल से जुड़ी रोचक बातें, जानिए कैसे करें ब्रह्म कमल की खेती।

कब खिलता है ब्रह्म कमल

ब्रह्म कमल की खेती से लाखों की आमदनी की जा सकती है। एक फूल की कीमत 500-1000 रुपये के बीच होती है। खास बात ये कि इसके फूल पानी में नहीं खिलते। रात में खिलने वाला ब्रह्म कमल केवल जुलाई से सितंबर के दौरान ही खिलता है।ब्रह्म कमल सिर्फ रात में ही खिलता है सुबह होते ही इसका फूल की पंखुड़ियां अपने आप बंद हो जाती हैं। यह एकमात्र ऐसा फूल है जिसकी पूजा की जाती है। माना जाता है इस फूल के दर्शन से मनोकामना पूरी होती है।

बीमारियों के इलाज में ब्रह्म कमल का इस्तेमाल

ब्रह्म कमल में कई मेडिसिनल गुण होते हैं। जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला ब्रह्म कमल कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर है। जानकारों की मानें तो पुरानी खांसी की बीमारी ठीक करने में ब्रह्म कमल रामबाण है। वनस्पति विज्ञान में ब्रह्म कमल को एपीथायलम ओक्सीपेटालम या Saussurea obvallata नाम से पहचाना जाता है। लोगों की मान्यता है ब्रह्म कमल की पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं। इससे निकलने वाली बूंदों को जमा कर पीने से थकान मिट जाती है। ब्रह्म कमल से कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों का इलाज भी होता है। लीवर संक्रमण और यौन रोगों के इलाज में भी ब्रह्म कमल काफी उपयोगी है।

ब्रह्म कमल की रोपाई

ब्रह्म कमल की खेती का प्लान बनाने वाले लोगों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। ब्रह्म कमल की रोपाई से पहले मिट्टी और गोबर की खाद को अच्छी तरह मिला लेना चाहिए। मिट्टी के उपचार के बाद ब्रह्म कमल की पत्ती को 3-4 इंच की गहराई में रोपा जाता है। अगर गमले में रोपाई की गई है, तो बुआई के बाद पानी भरना है।

ऐसे वातावरण में खिलता है ब्रह्म कमल

ब्रह्म कमल का पौधा ऐसी जगह रखें जहां सूरज की सीधी रोशनी म आती हो। पौधा बड़ा होने के बाद ब्रह्म कमल में केवल इतनी सिंचाई करनी है, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहे। ब्रह्म कमल को विकसित होने में कम पानी लेकिन नियंत्रित वातावरण की जरूरत पड़ती है।



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