उत्तराखंड में आधी आबादी ही तय करेगी किसके पास रहेगी सत्ता की चाबी
उत्तराखंड में आधी आबादी ही तय करेगी किसके पास रहेगी सत्ता की चाबी
देहरादून। 17 फरवरी (मेरठ ख़बर लाइव न्यूज) उत्तराखंड में चुनाव परिणाम जो भी हों लेकिन ये तय है कि सत्ता की चाबी किसके हाथ में रहेगी ये आधी आबादी ही तय करने जा रही हैं। मतदान का फाइनल डेटा सामने आने के बाद साफ हो गया है कि इस बार आधी आबादी ने लोकतंत्र के महापर्व में पूरे उत्साह के साथ बढ-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदेश में मतदान करने में महिलाओं का प्रतिशत 67.20 रहा है। मैदान में हरिद्वार की महिलाओं ने 73.64 परसेंट के साथ टॉप किया है। जबकि पहाड़ में उत्तरकाशी की महिलाओं ने 70.53 परसेंट के साथ टॉप किया है। अल्मोड़ा में 58.91 परसेंट के साथ सबसे कम महिलाओं ने मतदान किया है। इस तरह से साफ है कि इस बार सत्ता तक पहुंचाने में आधी आबादी का आशाीर्वाद मिलना जरुरी है।
महिलाएं पुरूषों से आगे निकली
बुधवार देर रात चुनाव आयोग ने 14 फरवरी को उत्तराखंड की 70 सीटों पर हुए मतदान का फाइनल आंकड़ा जारी कर दिया है। उत्तराखंड में कुल 65.37% मतदान हुआ है। जिसमें महिलाएं पुरूषों से कई आगे निकली हैं। महिलाओं की वोटिंग का आंकड़ा पुरुषों की तुलना में 4.60% ज़्यादा रहा है। उत्तराखंड में 62.60 परसेंट पुरूषों ने जबकि 67.20 परसेंट महिला वोटरों ने मतदान किया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उत्तराखंड में 81,72,173 सामान्य वोटर हैं और 94,471 सर्विस वोटर हैं। इनमें से कुल 53,42,462 वोटरों ने मतदान किया है। जो कि 65.37% रहा है। 2017 में कुल 65.56% वोटिंग हुई थी यानी इस साल 0.18 परसेंट कम मतदान हुआ। 2017 में 61.11% पुरुषों और 68.72% महिलाओं ने वोटिंग की थी। प्रदेश के 13 जिलों में से 12 जिलों में महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं से अधिक मतदान किया। केवल हरिद्वार में पुरूष मतदाताओं ने महिला मतदाताओं से अधिक वोट डाला।
उत्तरकाशी में महिलाओं ने दिखाया जबरदस्त उत्साह
पहाड़ में उत्तरकाशी जिले की महिलाओं ने दूसरे जिलों को आईना दिखाया है। उत्तरकाशी की पुरोला, यमुनोत्री व गंगोत्री विधानसभा में इस बार 236526 मतदाता पंजीकृत हैं। इन मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या 115054 है, जबकि पुरुष मतदाता 121472 हैं। इस बार के चुनाव में 67.32 प्रतिशत मतदान हुआ। तीनों विधानसभा में महिला मतदाता वोट डालने में आगे रही। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.33 रहा, जबकि पुरुष का मतदान प्रतिशत 64.55 रहा है।
पार्टी ने टिकट देने में दिखाई कंजूसी, महिलाएं वोट देने में आगे
पहाड़ में महिलाओं की जीवन सबसे मुश्किलों भरा रहता है। दूरवर्ती क्षेत्रों में महिलाओं को अपने जीवनचर्या का काम करने के लिए कई मीलों पैदल भी चलना पड़ता है। घर के काम से लेकर खेती-बाड़ी तक महिलाओं के लिए पहाड़ की जिंदगी में पहाड़ जैसी चुनौतियां रहती है। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में पहाड़ की नारी ने पूरे प्रदेश के सामने मिसाल खड़ी कर दी है। खासकर सीमांत क्षेत्र उत्तरकाशी की महिलाओं ने मतदान करने में सबसे आगे रहकर दूसरों को आईना दिखाया है। महिलाओं का वोट साइलेंट और निर्णायक माना जाता है। इसके साथ ही महिलाओं का वोट मुद्दों पर और एक तरफा ही रहता आया है। ऐसे में अगर इस बार महिलाओं के वोट परसेंट में उछाल है तो फिर ये सियासी दलों के गणित को बिगाड़ सकती है। जो कि सत्ता की चाबी को अपने हाथों में रखेगी। टिकट देने में भले ही सियासी दलों ने कंजूसी दिखाई हो लेकिन वोट देने में महिलाओं ने कतई कंजूसी नहीं दिखाई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि महिलाओं ने सिलेंडर के मु्द्दे पर वोट की चोट की है या केन्द्र की योजनाओं पर मुहर लगाई है।
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