रविवार, 30 जनवरी 2022

शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय वैबिनार का उद्घाटन सत्र किया गया



शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय वैबिनार का उद्घाटन सत्र किया गया 

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी मेरठ














मेरठ।दिनांक 29 जनवरी 2022 को शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय वैबिनार का उद्घाटन सत्र किया गया जिसका विषय भारत और यूनानी समन्वय कारी सभ्यताएं रहा है इस वेबीनार में मुख्य सहयोगी ग्रीक चेयर के अतिरिक्त यूनानी दूतावास , उत्तर प्रदेश सरकार ,यूनानी एलीनेपा तथा कमला देवी विद्यापीठ रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर शालिनी वर्मा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ तत्पश्चात डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने समन्वयक के रूप में इस अंतरराष्ट्रीय सैमीनार की उपयोगिता महत्व तथा विषयवस्तु पर प्रकाश डाला ।तत्पश्चात डॉक्टर अंजू सिंह प्राचार्य महोदया ने उद्घाटन सत्र का व्याख्यान तथा अतिथियों का स्वागत किया साथ ही बताया कि इतिहास कभी भी हमें कुछ भी भूलने नहीं देता और हम जो भी कार्य करते हैं वह इतिहास में दर्ज हो जाता है  हेलेनस्टिक काल की सभ्यता हमें यूनानी सभ्यता के प्रतिबिम्ब के रूप में दृष्टिगोचर होती है और यूनानी उपनिवेशीकरण की ओर इशारा करती है शहीद मंगल पांडे विद्यालय ऐसे विदतपूरण आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध है । अगली कड़ी के रूप में प्रोफ़ेसर उदय प्रकाश अरोडा के प्रतिनिधि के रूप में डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने जवाहर-लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने भारत और युन्नान के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगपूर्ण परिणामों को प्रदर्शित किया साथ ही साथ ही यह बताया कि किस प्रकार भारत और युन्नान प्राचीन सभ्यताएं है जो चिरकाल से एक दूसरे से सम्बद्ध हैं और उनके प्रमाण हम दोनों ही सभ्यताओं में निरंतर प्राप्त कर सकते हैं तत्पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफ़ेसर दिमित्रीओस वासिलियाडीस  ने अपने ओजपूर्ण वक्तव्य में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से भारत और युन्नान की विभिन्न समानताओं पर प्रकाश डाला जैसे किस प्रकार पाणिनी ने अपनी अष्टाध्यायी में यवन शब्द का प्रयोग किया था इसी प्रकार पुराणों में भी हमें यवन शब्द का प्रयोग दिखाई पड़ता है । उन्होने सिकंदर के पूर्व के लेखकों पर जैसे हेरोडोटस सकाएलेक्स और ओरइसतोबुल्स आदि के लेखन  की ओर  प्रकाश डाला और एक सुंदर प्रस्तुतिकरण किया तत्पश्चात् मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित विएना के विषय विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर ज्ञानलुईगी  सहगलेरबा  ने अपने प्रस्तुतिकरण में प्लेटो तथा कठोपनिषद मैं किस प्रकार आत्माओं के भ्रमण पर चर्चा की गई है और उनका सामंजस्य रथ ,रथ के घोड़े और रथ के चलाने वाले के साथ किया गया है पर प्रकाश डाला उनके अत्यंत उत्कृष्ट उद्बोधन को समस्त शोधार्थियों ने अत्यंत सराहा । तत्पश्चात प्रश्न उत्तर की श्रृंखला में डॉक्टर मनीषा त्यागी शोध छात्र समीर आदि ने अपने प्रश्न विषय विशेषज्ञों से किए ।कार्यक्रम की समन्वयक डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने सभी आमंत्रित अतिथियों का हृदय के कण कण से धन्यवाद प्रेषित किया एवं अभिनंदन किया यह अंतरराष्ट्रीय वेबीनार पूर्ण रूप से एक सफल अकादमिक आयोजन कहा जा सकता है जिसमें कई देशों जैसे युनान ऑस्ट्रेलिया मॉस्को जर्मनी आदि  के  विद्वान सम्मिलित हुए साथ ही भारत के कई राज्यों से शिक्षाविद शोधार्थी एवं शिक्षक सहभागिता कर सके और उन्होंने अपने आप को लाभान्वित किया । कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉक्टर राजकुमार सिंह तथा डॉक्टर अनिल कुमार सिंह रहे तकनीकी सहयोग डॉक्टर गीता चौधरी डॉक्टर वैभव का रहा तथा आयोजन में मुख्य रूप से डॉक्टर भारती दीक्षित डॉक्टर सुधा रानी ,   डॉक्टर मोनिका चौधरी , डॉक्टर ऊषा साहनी आदि का सहयोग रहा ।

आज दिनांक 30 जनवरी 2022 को दूसरे दिन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया प्रथम सत्र के का प्रारंभ डॉक्टर उषा साहनी के द्वारा चेयरपर्सन डॉक्टर रेणु शुक्ला के स्वागत अभिभाषण से हुआ डॉक्टर रेणु शुक्ला प्रोफ़ेसर कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून ने अपने विदवत पूर्ण विचार मिलिंद पन्नों एवं यूनानी इतिहासकारों के विषय में प्रस्तुत किए साथ ही उन्होंने बताया कि किस प्रकार दार्शनिक रूप में भारत और युन्नान एक दूसरे के सदैव ऋणी रहे हैं तत्पश्चात द्वितीय सत्र में प्रारंभ डॉक्टर अमर ज्योति ने शेयर परसन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफ़ेसर जवाहर-लाल नेहरू विश्व विद्यालय नई दिल्ली का उद्घाटन करके किया डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत और युन्नान का संबंध राजनीति के क्षेत्र में जनतंत्र की विचारधारा को विकसित पुष्पित एवं पल्लवित करने में  विशेष रूप से रहा है तत्पश्चात तीसरे तकनीकी सत्र का प्रारंभ डॉक्टर गीता चौधरी ने मुख्य अतिथि डॉक्टर अनंता गिरी प्रोफ़ेसर मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट स्टडीज़ का स्वागत व अभिनंदन करके किया प्रोफ़ेसर गिरी अपने ओजस्विता पूर्ण वक्तव्य में स्थापित करने का प्रयास किया कि भारत की दोनों प्राचीन विचारधाराएँ तथा युनान की विचारधाराएँ अनंत काल से एक दूसरे का प्रतिबिंब प्रतीत होती है और लगभग एक ही समय में दोनों देशों ने दर्शन को अपनाया और उनके विचार को आगे बढ़ाया तत्पश्चात 

और चतुर्थ तकनीकी सत्र का प्रारंभ है डॉक्टर गीता चौधरी द्वारा डॉक्टर किशोर कुमार एसोसिएट प्रोफ़ेसर कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बादलपुर का अभिनंदन करके प्रारंभ किया गया है डॉक्टर कृष्ण कुमार ने सामाजिक व राजनीतिक रूप से दोनों देशों के मध्य संबंधों पर विस्तार से चर्चा की एवं उनकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला इन समस्त सत्रों में लगभग 20 शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए जिन पर विशेषज्ञ द्वारा विस्तार से प्रश्न उत्तरों का निराकरण किया गया और इस तरह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का दूसरा दिन पूर्णतः वैचारिक आदान प्रदान को समर्पित रहा कार्यक्रम के अंत में समन्वयक डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने सभी विशेष रूप से आमंत्रित अतिथियों तथा विषय विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम के संचालन में डॉक्टर पारुल मलिक डॉक्टर कुमकुम डॉक्टर ज्योति चौधरी , अमर ज्योति , डॉक्टर स्वर्णलता क़दम डॉक्टर राज कुमार आदि का सहयोग रहा प्राचार्य डॉक्टर अंजू सिंह ने इस आभासी मंच पर उपस्थित सभी विषय विशेषज्ञों को शुभकामनाएं दी तथा कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु बधाई दी । प्रस्तुत शोध पत्रों में डॉक्टर तपेश गुप्ता ने हिंदु ग्रीक कवाइन्स के विषय में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डॉक्टर अतुल कुमार ने प्राचीन भारत में इतिहास लेखन का स्वरूप एवं परंपरा विषय पर अपना शोधप्रबंध प्रस्तुत किया डॉक्टर अंजू से हारे ने इतिहास के आईने में राय प्रवीण विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया इसके तहत गुजरात के प्रोफ़ेसर शाहीन जहाँ ने कॉस्मो लॉजी ऑफ़ इंदु कैंपस पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया तथा डॉक्टर मुरुगेश में हिन्दू टेम्पल आर्किटेक्चर पर अपना शोध प्रस्तुत किया इसके साथ ही आज का वेबीनार सम्पन्न हुआ ।

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