रविवार, 30 जनवरी 2022

संगीत में साधना का बहुत महत्व है, इसे धन से न जोड़ें-पं.विजय शंकर मिश्र।

 

संगीत में साधना का बहुत महत्व है, इसे धन से न जोड़ें-पं.विजय शंकर मिश्र।

75 वर्षों से तबला-वादन में निरन्तर बदलाव-पं.विजय शंकर मिश्र।

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

मेरठ । स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के परफार्मिग आर्टस विभाग परिसर में अतिथि व्याख्यान की श्रृखंला का आयोजन हुआ। इस चरण के मुख्य अतिथि वक्ता बनारस घराने के सुप्रसिद्ध तबला वादक एवं प्रख्यात लेखक व संगीत समीक्षक पं.विजय शंकर मिश्र रहे। पं.विजय शंकर मिश्र ने ‘‘तबला कब क्या बोला‘‘ 75 वर्षों मे तबले का इतिवर्त, विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होने कहा की संगीत 19 वी.सदी से पहले राजाओं के दरबार में पला-बढा और उन्हीं के विचार स्वरूप संगीत का रूख रहा। उन्होंने यह भी बताया कि 20वीं शताब्दी से पूर्व संगीत दो वर्गों में विभाजित था, पहला विद्वानों का संगीत, दूसरा तवायफों का संगीत और संगीत इस सदी में बहुत ही कठिन था, किन्तु 1927 में आकाशवाणी के निर्माण से संगीत को एक नया ही आयाम मिला। उन्होंने साझा किया कि किस तरह से आजादी के कुछ दशक पूर्व से ही संगीत में बदलाव आने लगा, और यह बदलाव निरन्तर चला आ रहा है। पं.जी ने तबले के छः घरानों पर प्रकाश डाला, और सभी घरानों की सूक्ष्म विशेषताएं और पहचान बताई। पं.जी ने अपने पिता तबला शिरोमणी पं.गामा महाराज द्वारा लिखित तबले की बंदिशे भी सुनाई। उन्होंने बहुत से पुराने ऐसे शब्दों से जोड़ा जिन्हें संगीत में सुना तो है, किन्तु उनका अर्थ परिर्थ का ज्ञान आज के छात्रों को नही है। उन्होने बहुत से दिग्गज कलाकारों के विषय में भी बताया और अन्त में छात्रों और शोद्यार्थीयो ने पं.जी से बहुत से प्रश्न भी पूछे। परफार्मिग आर्टस विभागाध्यक्षा डा.भावना ग्रोवर ने अन्त में पं.विजय शंकर मिश्र जी का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि पं.जी का आर्शीवाद सदा ही हमारे विभाग पर रहा है इसके लिये भी उन्होने पं.जी का आभार प्रकट किया।विश्वविद्यालय के कुलपति डा.जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कार्यक्रम की सफलता हेतु अपनी बधाई प्रेषित की। ललित कला संकाय के प्राचार्य प्रो.डा.पिन्टू मिश्रा ने सभी विद्यार्थियां को सफलता हेतु शुभकामनाएं दी। विभाग के उपस्थित सभी सदस्य डा.प्रीति गुप्ता, डा.आकाँक्षा सारस्वत, अभिषेक मिश्रा, निशी चौहान एवं श्वेता सिंह सहित विशाल व जतिन का सहयोग रहा।

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