शनिवार, 4 दिसंबर 2021

अखिलेश की बैशाखी की मदद से यूपी में पैर जमाने के प्रयास में आम आदमी पार्टी, जानिए पूरी सच्चाई

 

अखिलेश की बैशाखी की मदद से यूपी में पैर जमाने के प्रयास में आम आदमी पार्टी, जानिए पूरी सच्चाई


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ












लखनऊ। प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) राजनीतिक रूप से अब तक अपनी कोई पहचान नहीं बना सकी है। लोक लुभावन घोषणाओं के बलबूते इस दल के नेता यूपी में अपने पैर फैलाने के कई प्रयास भी कर रहे हैं। हालांकि आप की ओर से लोकलुभावन वादे जरूर किए गए हैं लेकिन जनता पर इनका कितना असर पड़ेगा यह सबसे बड़ा सवाल है। ऐसे में यूपी के विधानसभा चुनावों में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आप के नेताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) का साथ हासिल करने की मुहिम शुरू की है। आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह दो माह में तीसरी बार अखिलेश यादव से मिल चुके हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो सपा मुखिया अखिलेश यादव से संजय सिंह की मुलाकात क्या गुल खिलाएगी यह देखना रोचक होगा।अभी भी दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश 'आप' के रडार से दूर ही लगता है। जबकि मुख्यमंत्री बनने से पहले तक अरविंद केजरीवाल ग़ाज़ियाबाद में ही पत्नी के सरकारी क्वार्टर में रहते थे। ऐसे में अब सियासी हलकों में यह सवाल उभरता रहता है कि यूपी और 'आप' के बीच ये दूरियां क्यों है? और इसके पीछे क्या मजबूरियां हैं? यूपी के राजनीतिक जानकार इसके दो कारण बताते हैं। पहला तो ये कि 'आप' ने यूपी की जनता से जुड़ने के लिए सत्तारूढ़ दलों पर आरोप लगाने की राजनीति की। दूसरा यूपी में अपना आधार बढ़ाने के आप नेताओं को जनता के बीच जाने के बजाए विज्ञापन पर खर्चा करना ज्यादा जरूरी लगा।

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