शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

सुभारती लॉ कॉलिज में संविधान दिवस का हुआ आयोजन

 


सुभारती लॉ कॉलिज में संविधान दिवस का हुआ आयोजन

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ










मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज में देश का संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।डॉ.बी.आर.अम्बेडकर शोध पीठ, सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज के तत्वाधान में संविधान दिवस के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को गौरवशाली बनाने के लिए इस कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री आलोक सक्सेना (पूर्व जिला जज), सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थापलियाल, सुभारती लॉ कॉलिज के निदेशक न्यायमूर्ति राजेश चन्द्रा एवं नीरज कुमार झा (डिप्टी कमान्डेन्ट, रैपिड एक्शन फोर्स) ने दीप प्रजव्लन तथा डॉ. बी.आर.अम्बेडकर को पुष्प अर्पण कर किया।सुभारती लॉ कॉलिज के सेवांग राय एवं श्रृद्धा शेरपा ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ प्रस्तुत किया।

सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो.डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है तथा इसे राष्ट्र का सर्वोच्च कानून माना जाता है। यह सरकारी संस्थानों की संरचना, ढांचे, शक्तियों और कर्तव्यों का सीमांकन करता है। इसके अलावा संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धान्तों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है।कार्यक्रम में परिचयात्मक उद्धबोधन में डॉ. रीना बिश्नोई ने आज के कार्यक्रम के एक विषय साइबर क्राइम के बारे में नई-नई जानकारियाँ प्रस्तुत की। 

विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने इस कार्यक्रम का संचालन किया साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। सुभारती लॉ कॉलिज की डॉ. सारिका त्यागी ने सभी अतिथियों का संक्षिप्त परिचय कराया।

नीरज कुमार झा (डिप्टी कमान्डेन्ट, रैपिड एक्शन फोर्स) ने अपने सम्बोधन में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जागरूक रहकर ही साइबर क्राइम से खुद को बचाया जा सकता है। उन्होंने सी.आर.पी.एफ. की सेवा के दौरान अपने मेघालय राज्य से जुड़े अनुभव साझा किये। उन्होंने मिशन शक्ति कार्यक्रम की प्रंशसा करते हुए कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।  डॉ.शशिराज तेवतिया ने साइबार क्राइम विषय पर नई-नई जानकारियाँ देकर ज्ञानवर्धन किया। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करते समय “क्या करें और क्या ना करें” बातें बतायी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, महिलाएं, युवा एवं बच्चें सभी साइबर खतरों के बीच जी रहे हैं। हमारी सजगता ही साइबर खतरों को कम कर सकती है।  

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलोक सक्सेना (पूर्व जिला जज) ने कहा कि इस साइबर क्राइम मामलों में धोखाधड़ी होने पर पुलिस में रिपोर्ट करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में चुप बैठ जाना अपराधियों के होसलों को बढ़ावा देना है। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण में लीगल एजुकेशन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि जब तक महिलाओं को अपने विधिक व कानूनी अधिकारों की जानकारी नही होगी उनका शोषण समाज करता रहेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथदृसाथ कानूनी शिक्षा की पढ़ाई कराने की सलाह भी  दी।

सुभारती लॉ कॉलिज के निदेशक न्यायमूर्ति राजेश चन्द्रा (पूर्व न्यायमूर्ति इलाहाबाद हाइकोर्ट) ने अपने सम्बोधन में साइबर दुनिया को आभासी बताते हुए अपने अनुभव भी साझा किये। उन्होंने संविधान निर्माण से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्यों से भी सभी का परिचय कराया।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थापलियाल ने आर्शिवाद सम्बोधन में कहा कि संविधान की प्रस्तावना की शुरूआत “हम भारत के लोग” शब्दों से शुरू होती है। ये शब्द किसी लोकतांत्रिक देश के गम्भीर चिन्तन का प्रस्तुतीकरण है। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को विचारों की स्वतन्त्रता और बोलने की स्वतन्त्रता प्रदान करता है। आज का दिन अपने सभी स्वतन्त्रता योद्धाओं को याद करने का महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर हमें संविधान प्रदान किया। आज हमें अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए, छात्र के रूप में शिक्षा प्राप्त करके आप अपने कर्तव्य ही निभा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण विषय पर उन्होंने कहा कि महिलाएं सामाजिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से पहले से ही सशक्त है। पुरूषों को केवल अपना नजरिया बदलना पडेगा तब जाकर महिलाओं को सशक्तिकरण की आवश्यकता नही होगी।  

कार्यक्रम के अगले चरण में डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलायी। विधिक शिक्षा व जागरूकता सप्ताह के अंतिम चरण में संविधान दिवस कार्यक्रम में पूरे सप्ताह आयोजित किए गये विभिन्न कार्यक्रमों के विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ. प्रेमचन्द्र ने उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन किया गया। विश्वविद्यालय के अनकों महाविद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

डॉ.आशुतोष गर्ग, आफरीन अल्मास, विकास त्यागी, शालिनी गोयल, एना सिसोदिया, अंजलि यादव, इतिशा जैन एवं अंजुम जहां आदि शिक्षकों का इस कार्यक्रम की सफलता में योगदान रहा।

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