रविवार, 31 अक्तूबर 2021

चौधरी चरण सिंह विवि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया


चौधरी चरण सिंह विवि पंडित दीनदयाल  उपाध्याय सभागार में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर 2021  को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में  मनाया गया


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ










मेरठ। राजनीति विज्ञान विभाग चौधरी चरण सिंह विवि पंडित दीनदयाल  उपाध्याय सभागार में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर 2021 के को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में  मनाए जाने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें विशिष्ट वक्ता के रूप में विभाग की M.A की छात्रा मृणालिनी त्यागी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला अन्य विशिष्ट वक्ता m.a. की छात्रा तैयबा ने सरदार पटेल के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला इस अवसर पर मुख्य वक्ता m.a. के छात्र  रजत कोहली ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के भारतीय एकीकरण के योगदान पर प्रकाश डाला इसके पश्चात अध्यक्षीय उद्बोधन विभाग की शोध छात्रा काव्या ने  दिया जिसमें उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर  अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन विभाग के शोध छात्रा चित्रा ने किया ।श्रोता के रूप में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा अन्य शिक्षक गण डॉक्टर भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉक्टर देवेंद्र उज्जवल ,डॉक्टर सुषमा रामपाल डॉक्टर जयवीर राणा आदि एवं अन्य विद्यार्थी भानु प्रताप सिंह, पायल रानी, अंजलि त्यागी आदि उपस्थित रहे विशेष उपस्थिति संस्कृत विभाग के अध्यापक डॉ नरेंद्र पांडे एवं गणित विभाग के आचार्य मुकेश शर्मा की रही। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा ने सरदार पटेल के अनछुए पहलुओं को विद्यार्थियों के समक्ष रखते हुए बताया कि सरदार पटेल ने चीन की विस्तार वादी नीतियों को नवंबर 1949 में ही बता दिया था जो घटना सन 1962 में भारत-चीन युद्ध के रूप में प्रकट हुई थी । चीन के कुत्सित प्रयासों प्रयासों को सरदार पटेल ने पहले ही पहचान लिया था स्वतंत्र भारत के सभी नेताओं में उनका नाम महात्मा गांधी के बाद सबसे ऊपर है ।महात्मा गांधी और सरदार पटेल दोनों ही गुजरात राज्य से आते थे और समकालीन थे इस कारण महात्मा गांधी के समकक्ष के रूप में सरदार पटेल उतना उभर कर सामने नहीं आ पाए परंतु सरदार वल्लभभाई  पटेल का कृतित्व ही उनके व्यक्तित्व की महानता को दर्शाता है। अतः हमें सरदार पटेल को इसी दृष्टिकोण से पढ़कर उनका आकलन करना चाहिए इसके पश्चात कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन m.a. के छात्र इमरान द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के पश्चात किया गया।

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