गुरुवार, 22 जुलाई 2021

मोहाली: अस्थायी शिक्षकों की पुलिस से झड़प, बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ में घुसे, आज होगी शिक्षा मंत्री से वार्ता

 मोहाली: अस्थायी शिक्षकों की पुलिस से झड़प, बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ में घुसे, आज होगी शिक्षा मंत्री से वार्ता

By - मेरठ खबर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। चंडीगढ़


शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन की वजह से चंडीगढ़ और मोहाली की सीमा पर लगभग दो घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रही। दोनों शहरों के अफसरों ने जब मोर्चा संभाला तो मामला सुलझा। स्थायी करने की मांग कर रहे पंजाब के तीन हजार शिक्षक मोहाली में जुटे थे। वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास का घेराव करने जा रहे थे। हालांकि चंडीगढ़ सीमा पर ही उन्हें रोक लिया गया। 

स्थायी करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे अस्थायी शिक्षकों ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास का घेराव करने निकले शिक्षकों की पहले पंजाब फिर चंडीगढ़ पुलिस से झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड भी तोड़ डाले। इस कारण चंडीगढ़ सीमा पर दो घंटे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।














 
लंबे समय से संघर्ष कर रहे पंजाब के अस्थायी शिक्षकों ने मोहाली में शिक्षा विभाग के कार्यालय के आगे धरना देने के बाद मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास की तरफ कूच किया था। इस धरने में पूरे राज्य से तीन हजार से ज्यादा अस्थायी शिक्षक मोहाली पहुंचे थे। 

इन्हें रोकने के लिए मोहाली पुलिस ने डॉल्फिन चौक पर बैरिकेडिंग की थी। पुलिस ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो पुलिस से धक्कामुक्की कर बैरिकेड्स तोड़ते हुए चंडीगढ़ में दाखिल हो गए। पुलिस का बल प्रयोग भी इन प्रदर्शनकारी अध्यापकों को नहीं रोक सका। उधर, चंडीगढ़ पुलिस ने अगले चौक पर बैरिकेडिंग की थी और इन्हें यहीं पर रोक दिया। 
बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल खुद वहां मौजूद रहे। यहां से आगे न बढ़ पाने के कारण अध्यापक वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कई बार पुलिस और शिक्षकों के बीच टकराव के हालात पैदा हुए।

इस मौके पर चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल, मोहाली के एसपी हरविंदर सिंह विर्क, डीएसपी दीप कमल और एसडीएम जगदीप सहगल ने शिक्षकों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन शिक्षक अपनी जिद पर अड़े रहे। इन अधिकारियों ने राज्य सरकार के आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर गुरुवार को बैठक का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद शाम चार बजे शिक्षकों ने धरना समाप्त किया। अगुवाई कर रहे दविंदर सिंह संधू, हरप्रीत कौर जालंधर, सतिंदर सिंह कंग और अजमेर सिंह औलख ने कहा कि सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को टालती आ रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आज होगी शिक्षकों की मुख्यमंत्री के सचिव से बैठक

कच्चे शिक्षकों की गुरुवार को 11 बजे शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार, शिक्षा सचिव और वित्त सचिव के साथ बैठक होगी। इन्हीं अधिकारियों के साथ 7 जुलाई को भी कच्चे शिक्षकों की बैठक हुई थी। जिसमें उनकी मांगों को कैबिनेट की बैठक में रखकर मंजूर करवाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन सरकार में चल रही उठापटक के चलते कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी। दविंदर सिंह संधू ने कहा कि गुरुवार की बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला तो राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और पंजाब कांग्रेस की नवगठित टीम, जिसमें पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और चार अन्य कार्यकारी अध्यक्षों के घरों का घेराव शुरू किया जाएगा।

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