गुरुवार, 29 जुलाई 2021

पीसीआई के फैसले पर हाईकोर्ट नाराज : कहा- पैरालंपिक शूटर का टोक्यो के लिए चयन न होना अशोभनीय

 पीसीआई के फैसले पर हाईकोर्ट नाराज : कहा- पैरालंपिक शूटर का टोक्यो के लिए चयन न होना अशोभनीय 

हाईकोर्ट ने चयन प्रक्रिया पर की बेहद कड़ी टिप्पणी

फैसले को बताया अशोभनीय

संस्था को निष्पक्ष और पारदर्शी होने की सलाह

हाईकोर्ट ने इस मामले में खेल मंत्रालय को पड़ताल करने व जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया

By - मेरठ ख़बर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।।नई दिल्ली

नई दिल्ली।पांच बार के पैरालंपिक शूटर नरेश कुमार शर्मा के स्थान पर दूसरे खिलाड़ी का चयन टोक्यो ओलंपिक के लिए करने का पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) का फैसला अशोभनीय है। यह बेहद कड़ी टिप्पणी इस मामले में हाईकोर्ट ने की है। हाईकोर्ट ने कहा कि पीसीआई जैसी खेल संस्था को निष्पक्ष, पारदर्शी तथा समावेशी नजरिया अपनाना चाहिए।








न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस बात पर गौर किया कि अर्जुन पुरस्कार और राजीव गांधी राज्य खेल अवार्ड से सम्मानित नरेश शर्मा द्वारा चयन के मानकों को पूरा करने के बावजूद पीसीआई ने इंटरनेशनल पैरालिंपिक कमेटी (आईपीसी) के समक्ष कुछ मुद्दों को उठाया जिससे दूसरे खिलाड़ी दीपक का आर-7 शूटिंग प्रतियोगिता के लिए चयन हो जाए। ऐसा करके पीसीआई ने अपने ही मानकों का उल्लंघन किया है।

उन्होंने कहा कि पीसीआई ने शर्मा तथा अन्य शूटरों को ये जानकारी नहीं दी कि नोवी सड ग्रांड प्री 2021 के स्कोर को टोक्यो पैरालिंपिक चयन के लिए स्वीकृति किया जाएगा, जबकि दीपक ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इससे लगता है कि पीसीआई ने भेदभावपूर्ण आचरण किया।

उन्होंने ये भी कहा कि वे इस बात से सहमत हैं कि पीसीआई ने दीपक तथा अन्य शूटरों के संदर्भ में अलग मानक अपनाए। कोर्ट ने ये बात 27 जुलाई के अपने आदेश में कही। ये आदेश हाईकोर्ट ने शर्मा की याचिका में पर पारित किया था। शर्मा ने टोक्यो ओलंपिक में चयन न किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में खेल मंत्रालय को पड़ताल व जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह से पीसीआई ने दीपक के लिए लीक से हटकर काम किया, अन्य शूटरों के मुकाबले और उन्हें बताए बिना उसके लिए अलग तरीका अपनाया जिससे वह अतिरिक्त अंक हासिल कर सके। इससे आखिर में उसका टोक्यो ओलंपिक के लिए चयन हो गया। इस पूरे मामले की गंभीरता से पड़ताल करने की जरूरत है।

हालांकि हाईकोर्ट ने इस समय नरेश शर्मा के चयन का आदेश देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि उन्हें याची का नाम टोक्यो ओलंपिक की आर-7 प्रतियोगिता में अब शामिल करने का निर्देश देने का कोई आधार नहीं दिखता। 



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