सोमवार, 26 जुलाई 2021

प्रयागराज : गंगा एक्सप्रेसवे की जद में आए सौ से अधिक मकानों पर चलेगा बुलडोजर

 

प्रयागराज : गंगा एक्सप्रेसवे की जद में आए सौ से अधिक मकानों पर चलेगा बुलडोजर


कई स्कूल, भट्ठे भी पड़ रहे रास्ते में, 75 नलकूपों को भी हटाने की तैयारी तेज
अलग-अलग विभागों की ओर से बनाई गई टीमें इनके मुआवजे का कर रही हैं आंकलन
पेड़- पौधों के लिए लोगों को नहीं दिया जाएगा मुआवजा

By - मेरठ ख़बर सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ

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मेरठ । से प्रयागराज को जोड़ने वाली शासन की महत्वपूर्ण परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने वाले सौ से अधिक मकान ढहाए जाएंगे। ये मकान प्रयागराज जिले के सोरांव तहसील के बीस गांवों में बने हैं। यूपीडा की ओर से इन मकानों को सर्वे के दौरान पहले ही चिह्नित कर लिया था। अब जिला प्रशासन की ओर से उन मकानों को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा रास्ते में पड़ने वाले स्कूल, भट्ठे, नलकूकों को भी हटाने की तैयारी चल रही है। इसमें दो सरकारी स्कूल भी शामिल हैं। सरकारी स्कूलों को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। जबकि, निजी स्कूल संचालकों को मुआवजा दिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे का प्रस्तावित रुट 















जिला प्रशासन के अफसरों के मुताबिक गंगा एक्सप्रेसवे की जद में आने वाले सभी मकानों, स्कूलों, भट्टों, बोरिंगों के आंकलन के लिए विभागों के अनुसार विशेषज्ञों की कमेटी बना दी गई है। भवनों के आंकलन के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम लगाई गई है जबकि नलकूपों के आंकलन के लिए जल संस्थान के इंजीनियर काम कर रहे हैं। एडीएम वित्त एवं फाइनेंस एमपी सिंह ने बताया कि प्रयागराज में एक्सप्रेसवे की जद में सौ से अधिक मकान आए हैं।

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सभी मकानों का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा निर्धारित करने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम काम कर रही है। जो मकान जद में आए हैं, उसकी पूरी सूची पीडब्ल्यूडी को दे दी गई है। टीम उस पर काम कर रही है। मकानों का मुआवजा उनके आकार, तल और उनके कमरों के आकार के अनुसार लगाया जा रहा है। इसके अलावा तीन निजी और दो सरकारी स्कूल भी आए हैं। सरकारी स्कूलों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा जबकि निजी स्कूलों के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

निजी स्कूलों के मुआवजे के भुगतान के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम ही भवन का आंकलन कर रही है। इसके अलावा पूरबनारा और जुड़ापुर दांदू में एक-एक भट्ठा चल रहा है। दोनों भट्ठों को भी हटाया जाना तय है। इसके अलावा 75 नलकूप भी गंगा एक्सप्रेसवे की जद में आ गए हैं। ये नलकूप छोटे और बड़े सभी तरह के हैं। इनका न्यूनतम मुआवजा 15 हजार रूपये से शुरू है। बड़े नलकूपों का अलग मुआवजा दिया जा रहा है। हालांकि, पेड़ और पौधों का कोई मुआवजा लोगों को नहीं दिया जाएगा। जिला प्रशासन का कहना है कि पेड़ और पौधों के लिए कोई मुआवजा तय नहीं किया गया है।

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