अख़बार का दावा- आंतरिक सर्वे में बीजेपी को यूपी में सौ सीटें भी मिलने का यकीन नहीं
By - मेरठ खबर। (सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी । देश
आंतरिक सर्वे के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह आभास हो गया है कि पार्टी बिना क्षेत्रीय दलों के सहयोग से लखनऊ की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकती है।
अगले साल होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा किए गए एक आंतरिक सर्वे में पार्टी को 100 सीटें भी मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। यह दावा एक अख़बार में किया गया है। अख़बार के अनुसार इस सर्वे रिपोर्ट से भाजपा नेताओं को यह आभास हो गया है कि पार्टी उत्तरप्रदेश में बिना क्षेत्रीय दलों के सहयोग से अपना मिशन पूरा नहीं कर सकती है। इसलिए भाजपा ने उत्तरप्रदेश के छोटे दलों पर डोरे डालने शुरू कर दिए है।
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार अख़बार के सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों भाजपा और आरएसएस की तरफ से एक आंतरिक सर्वे कराया गया था। इस सर्वे के अनुसार पार्टी अगले चुनाव में 100 सीटों के अंदर सिमट सकती है। साथ ही अख़बार में कहा गया है कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से उत्तरप्रदेश को लेकर जो राजनैतिक उठापटक चल रही है वह भी इसी सर्वे की वजह से है। आंतरिक सर्वे में हो रहे नुकसान को देखते हुए भाजपा और संघ के शीर्ष नेताओं की सक्रियता भी अचानक से लखनऊ में बढ़ गई है।
आंतरिक सर्वे के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह आभास हो गया है कि पार्टी बिना क्षेत्रीय दलों के सहयोग से लखनऊ की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकती है। इसलिए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई बड़े भाजपा नेता क्षेत्रीय दलों को साधने में जुटे हुए हैं।
आंतरिक सर्वे के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह आभास हो गया है कि पार्टी बिना क्षेत्रीय दलों के सहयोग से लखनऊ की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकती है। इसलिए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई बड़े भाजपा नेता क्षेत्रीय दलों को साधने में जुटे हुए हैं।
इसके अलावा भाजपा को उसके वर्तमान सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों पार्टियां केंद्र में मंत्री पद मांग रही है। हालांकि भाजपा अपने दोनों सहयोगी दलों को उत्तप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नहीं खोना चाहती है, इसलिए हाल ही में अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने गृहमंत्री अमित शाह समेत कई भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अपना दल की नाराजगी को ख़त्म करने के लिए अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।
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