रविवार, 13 जून 2021

रक्तदाता ईश्वर स्वरूप

 रक्तदाता ईश्वर स्वरूप

By - मेरठ खबर।  सह संपादक। प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ।

भारतीय संस्कृति में दान का विशेष महत्व रहा है ।फिर चाहे वह दान धन-संपत्ति, विद्या ,रक्त, शरीर अंग कुछ भी हो सकता है । रक्तदान एक महादान की श्रेणी में आता है यह यह दान मानवता की सच्ची मिसाल के रूप में कहा जा सकता है ।धन संपत्ति का दान लोकैशना की इच्छा से किया जा सकता है। लेकिन रक्तदान केवल जीवन की रक्षार्थ किया जाता है।

शरीरविज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में रक्त की आवश्यकता का केवल 75% ही उपलब्ध हो पाता था, लेकिन कोरोना महामारी में इस प्रतिशत में ओर कमी आई है। तेजी से बढ़ रही वैश्विक महामारी

 डॉ अमितेश कुमार शर्मा

प्रधानाचार्य

आई ए एम आर कॉलेज।

(कोरोना संक्रमण) के चलते रक्तदान शिविरों का आयोजन भी नहीं किया जाए हो पाया है ऐसे में अस्पतालों में रक्त की और भी कमी होना शुरू हो गई है। इस वैश्विक महामारी के घातक स्वरूप से हम सभी वाकिफ हैं। एक ऐसी महामारी जिसने सभी के जहन में खौफ पैदा किया हुआ है।जिससे हम रक्तदान करने से भी डरे हुए हैं। लेकिन हम सभी को यह जानना जरूरी है कि वर्तमान समय में रक्तदान का महत्व ओर भी बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम एक दूसरे का सहारा बनकर इस महामारी पर विजय प्राप्त करें। इसलिए रक्तदान अवश्य करें। व मानवता की रक्षार्थ स्वयं को समर्पित अवश्य करें ।रक्तदान के समय डरे नहीं वरन आवश्यक जानकारी प्राप्त करें ।जैसे= ,रक्तदान दोनों के शरीर से केवल एक यूनिट रक्त ही लिया जाता है । जबकि हमारे शरीर में औसतन 10 यूनिट तक रक्त होता है ।

रक्तदान की आयु सीमा 18 से 60 वर्ष है रक्तदाता का वजन, पल्स रेट ,ब्लड प्रेशर, बॉडी टेंपरेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही रक्तदान किया जा सकता है ।

पुरुष 3 महीने में वह महिला 4 महीने के अंतराल में रक्तदान कर सकते हैं ।

यदि आप पूर्ण तरह स्वस्थ हैं आपको किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है तो ही रक्तदान किया जा सकता है अन्यथा नहीं।

 रक्तदान केवल दान नहीं है यह महान दान जो किसी दुर्घटना ग्रस्त, बीमार, घायल या जानलेवा बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के जीवन की रक्षा किया जाता है ।अतः जो व्यक्ति रक्तदान करने से पूर्णतया सक्षम हो उन्हें रक्तदान अवश्य करना चाहिए।

कुछ पंक्तियां मानवता पर्व के नाम":::::::::::::::::::::::::::::::

रक्तदान कर्तव्य है , करें सभी ये मिलकर पूर्ण ,

मानवता की रक्षा हेतु , आहुति दे संपूर्ण ।।


ईश्वर की जो देन हैं , रक्तदान करने से नहीं कभी घबराए,

3 माह के अंतराल पर , पुनर्निर्मित हो जाए ।।


मन में शपथ यह ठान लो, जाए ना किसी के प्राण,

 जरूरत लाखों को दुनिया में , ला दो चेहरों पर मुस्कान ।।


व्यर्थ ना जाये की हुई नेकी , कर्मों के फल तो मिलते हैं,

 बच जाएं एक इंसान तो जाने , कितने चेहरे खिलते हैं।। 


पहचाने दर्द परायों का , वही तो सच्चा इंसान हैं ,

कोई छोटा-मोटा दान नहीं , ये दान तो महादान है ।।


आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं , खतरों से जीवन को बचाये,

रक्त की कमी से मरते को , नव जीवन की सौगात दिलाये


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