रविवार, 9 मई 2021

PM मोदी के काम माफी लायक नहीं, उन्हें अपनी आलोचनाओं पर लगाम लगाने की बजाय गलतियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए : लेसेंट

 

PM मोदी के काम माफी लायक नहीं, उन्हें अपनी आलोचनाओं पर लगाम लगाने की बजाय गलतियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए : लेसेंट

by मेरठ खबर - 13 hours ago in देश

भारत में कोरोना कारण मची इस तबाही के लिए पूरी दुनिया देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रही है। पहले जहां ऑस्ट्रेलिया के अखबारों ने प्रधानमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाते हुए देश की बर्बादी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था, अब मेडिकल रिसर्च जनरल द लेसेंट ने भी अपने एक संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी आलोचना की है।

‘द लेंसेट’ ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल कोरोना महामारी के सफल नियंत्रण के लिए खूब वाहवाही लूटी, लेकिन अब भारत में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में हुई अपनी गलतियों की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए, क्योंकि कोरोना के सुपर स्प्रेडर के नुकसान के बारे में चेतावनी के बावजूद मोदी सरकार ने धार्मिक आयोजनों को अनुमति दी, साथ ही कई राज्यों में चुनावी रैलियां कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने जो काम किए हैं वो माफी लायक नहीं हैं। उन्होंने 2020 में कोरोना के शुरूआती दौर में महामारी को नियंत्रित करने में बेहतरीन काम किया था, लेकिन दूसरी लहर में मोदी सरकार ने बड़ी गलतियां की हैं।

आलोचनाओं पर लगाम लगाने में लगी है सरकार
जनरल ने आगे लिखते हुए कहा कि, भारत में मोदी सरकार का ध्यान कोरोना को नियंत्रित करने के बजाय ट्विटर पर हो रही आलोचनाओं और खुली बहस पर लगाम लगाने पर ज्यादा है। जनरल ने द इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन का हवाला देते हुए बताया कि एक अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2021 में 1 अगस्त तक कोरोना से करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार इस राष्ट्रीय तबाही के लिए जिम्मेदार होगी।

हेल्थ सिस्टम पर भी उठाए सवाल
जनरल ने भारत के हेल्थ सिस्टम पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि भारत के अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, वे दम तोड़ रहे हैं। व्यवस्था से परेशान लोग सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाइयों की गुहार लगा रहे हैं।

चेतावनी के बावजूद सरकार नहीं चेती
लेंसेट ने लिखा कि भारत के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन ने बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह लिए मार्च में यह ऐलान कर दिया कि भारत में अब कोरोना महामारी खत्म होने को है। उन्होंने मोदी सरकार का गुड़गान करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने बेहतर मैनेजमेंट के साथ भारत ने कोरोना को हराने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन दूसरी लहर की बार-बार चेतावनी के बावजूद भी सरकार नहीं चेती। सरकार के जिम्मेदारों का ध्यान जनता की जान से ज्यादा श्रेय लेने पर था।

वैक्सीन पॉलिसी पर भी सवालिया निशान
जनरल ने भारत सरकार की वैक्सीन पॉलिसी की भी आलोचना की है। उसने लिखा कि सरकार ने राज्यों के साथ नीति में बदलाव पर चर्चा किए बिना अचानक बदलाव किया। भारत सरकार अब तक महज 2% जनसंख्या का टीकाकरण ही कर पाई है।

जनरल ने कहा है कि महामारी के बढ़ते संकट के बीच सरकार को एक बार फिर जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए। संपादकीय में केंद्र सरकार को दो तरफा रणनीति पर काम करने का सुझाव दिया गया है। पहला- भारत को वैक्सीनेशन प्रोग्राम बेहतर ढंग से लागू करना चाहिए और इसे तेजी के साथ बढ़ाने पर काम हो। दूसरा- सरकार जनता को सही आंकड़े और जानकारियां मुहैया करवाए।

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