शुक्रवार, 21 मई 2021

प्रगति के लालच में प्रकृति को ना भू

 प्रगति के  लालच  में प्रकृति को ना भूलें

मित्रों हम सब चाहते हैं 🎖प्रगति 🎖प्रगति 🎖प्रगति

और इस पथ पर हमें चलने लायक बनाती है 

🎄प्रकृति 🎄प्रकृति 🎄प्रकृति

By - मेरठ खबर  ( सह संपादक) प्रवेश कुमार रोहतगी - देश


मेरे देश मेरे भारत वासियों  राष्ट्रीय मानव एकता संघ आपसे निवेदन करता  है । मित्रों आज हमारा भारत हमारे भारत की जनता हमारे भाई  बंधुओं ने इस महामारी  कोरोना की चपेट में आकर बहुत से अपनों को खोया है! जिसकी भरपाई होना असंभव है , लेकिन मेरे मित्रों हमें यह भी विचार ना चाहिए ।


 यदि दुख है तो दुख का कारण भी है और यदि दुख का कारण मिले तो उसका निवारण भी संभव है। मेरे देशवासियों आज हम सब दिन-रात हाई टेक्नोलॉजी की तरफ बढ़ रहे हैं ,यानी के प्रगति की तरफ बढ़ रहे हैं !लेकिन यह बड़े-बड़े मोबाइल बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी मशीनरी हमारी सच्चे मायने में प्रगति नहीं ।

इस प्रगति के चक्कर में हम सब ने सर्व शक्तिमान प्रकृतिके* साथ बहुत बड़े पैमाने पर खिलवाड़ किया है ,और यह खिलवाड़ कुछ लोगों ने किया है अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु लेकिन इसका खामियाजा संपूर्ण मानव जाति को भुगतना पड़ा है ।जैसेआपने देखा होगा, आपने महसूस भी किया होगा, कि आज कोरोना महामारी में हमारे भाई बंधु हमारे देश के लोग प्रकृति की देन ऑक्सीजन पान के लिए तड़प तड़प कर मर गए। मित्रों  यह सब क्यों हुआ  कैसे हुआ यह आप भी जानते हैं । 

जिस तरह से  कारपोरेट घराने के पूंजीपति लोग   जल जंगल जमीन को खत्म करते जा रहे हैं । वृक्षों को कटवाया जा रहा है और आज उन असंख्य उर्जा से भरपूर ऑक्सीजन से भरपूर वृक्षों की कमी के कारण भारत के अंदर त्राहिमाम मच गया।

*राष्ट्रीय मानव एकता संघ* इस पर ज्यादा कुछ ना कहते हुए केवल अपने देश के लोगों को समझने के लिए   

यह कहना  चाहता है ,भाइयों यदि आने वाली नस्लों को स्वस्थ देखना चाहते हो तो प्रकृति को अपने दोनों हाथों से संभाल लो और वह कैसे समलेगी वह समलेगी प्रत्येक भारतवासी यह  संकल्प करें ।

मुझे अपने हिस्से के पांच वृक्ष रोपण करने हैं और उन्हें इस तरह  पाले जिस तरह हम अपने बच्चों की परवरिश कर के उन्हें एक अच्छा वातावरण देकर उनकी लंबी आयु की कामना करते हैं ठीक उसी तरह उन पांच वृक्षों को सीचकर हम अपनी आने वाली नस्लों को बचा सकते हैं और अपनी भूल को सुधार सकते हैं

भारतसरकार से भारत के प्रधानमंत्री से प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से यह अपील करता हूं। कि वह इस मानसून सत्र के आने से पहले समस्त संस्थाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर देश को हर मुश्किल से बचाने के लिए।

देश के हर नागरिक जीव - जंतु को बचाने के लिए अत्यधिक पौधारोपण  करावे । जिसमें बोधि वृक्ष पीपल वटवृक्ष नीम वृक्ष का रोपण करा कर देश को पुनः हरा भरा स्वच्छ स्वस्थ बनाने की कृपा करें।और यदि सरकार ऐसा करने में असमर्थ है तो राष्ट्रीय मानव एकता संघ पहल करेगा। देश के कोने कोने में लोगों को जागरूक करेगा। वह अपने आने वाली नस्ल को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण करें।

 मेरे  देशवासियो कोरोनावायरस से हमें एक  सीख भी मिलती है

और वह यह कि हमारे भारत देश मेंअसमानता कि छुआछूत की कुंठित मानसिकता के लोग बड़े पैमाने पर रहते हैं । जो किसी को जाति के नाम पर किसी को धर्म के नाम परअछूत मानते हैं ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूं। महसुस करो छुआछूत के संक्रमण को आप मात्र 2,02-21मैं झेल कर दुखी पीड़ित लाचार असहाय हो गए हो । तो सोचो जिन लोगों ने इस छुआछूत के संक्रमण को हजारों हजारों वर्षों से झेला है ।उनके मन मस्तिष्क पर तुम्हारी छुआछूत का प्रभाव कितना गहरा पड़ा होगा।


 मैं उन लोगों से करबद्ध निवेदन करता हूं कि वह लोग इस महामारी से कुछ सीख ले मानव मानव से प्रेम करें मानव मूल्यों की रक्षा करें। बहन बेटियों की सुरक्षा करें जातिभेद धर्म भेद से ऊपर उठकर हमें मानवतावाद को अपनाना ही होगा। आप सबके लिए मंगल कामना करते हुए आपसे पुनः निवेदन करता हूं अधिक से अधिक वृक्ष रोपण करें ।

 हमें प्रगति की ही नहीं प्रकृति की भी जरूरत है।और यदि हमारे साथ प्रकृति है तो प्रगति हमसे दूर नहीं हो सकती

आपका अपना

सुनील जैनवाल

संस्थापक

राष्ट्रीय मानव एकता संघ

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