बुधवार, 12 मई 2021

बी.1.617... दुनिया के 44 देशों तक पहुंचा वायरस का यह घातक स्वरूप,

 बी.1.617... दुनिया के 44 देशों तक पहुंचा वायरस का यह घातक स्वरूप,

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया वैश्विक खतरा , इससे ज्यादा तेजी से फैलता है संक्रमण

By - (मेरठ खबर)   प्रवेेश कुमार रोहतगी             देश  

नई दिल्ली/विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत में मिला कोरोना वायरस का स्वरूप पूरे विश्व के लिए परेशानी का सबब बन रहा है संगठन ने खुलासा किया कि भारत में पिछले साल सबसे पहले पहचानने गए बेहद घातक वायरस की बी डॉट वन 2617 किसम अब तक दुनिया के 44 देशों में पहुंच चुकी है।

 डब्ल्यूएचओ के अनुसार वायरस के इस स्वरूप से संक्रमण फैलने की दर सबसे ज्यादा है शुरुआती जांच से पता चला कि इस स्वरूप में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाले मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बामलैनिविमैब की प्रभाव क्षमता घट जाती है। इससे  इलाज के बावजूद जान गवाने वाले मरीजों की दर बढ़ जाती है ।डब्ल्यूएचओ ने साप्ताहिक महामारी रिपोर्ट में बताया कि एवियन इनफ्लुएंजा डाटा की तरफ से 11 मई तक वायरस के 4500 रूप अपलोड किए गए। इसमें भारत में पॉजिटिव सैंपल में से महज 0.1 फीसदी के सिक्सवेंस ही अपलोड किए गए हैं। संगठन की महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया बांध के रखो ने इस स्वरूप के तीन प्रकार मिलने की भी पुष्टि की है इन्हें क्रम से 0.1, 0.2 और 0.3 से नामांकित किया गया है । हालांकि, इन्हें लेकर जानकारी प्रारंभिक स्तर पर है। डॉक्टर मारिया ने कहा है , भारत में और सिवेंसिंग की जरूरत है । वायरस का बी.1.617 स्वरूप भारत में पहली बार पिछले साल अक्टूबर में देखा गया था।


धार्मिक राजनीति आयोजनों पर चिंता

डब्ल्यूएचओ ने भारत में कोरोना के मामले दोबारा तेजी से बढ़ते के लिए वायरस के बदलते स्वरूप से संकर्मण फैलने, धार्मिक व राजनीति  कार्यक्रमों में संक्रमण प्रसार रोकने के लिए तय नीति का पालन नहीं होना शामिल है।

देश में पहली बार 1 दिन में 42 सौ से ज्यादा लोगों की मौत

 देश में पहली बार 1 दिन में करो ना वायरस की वजह से 4205 मरीजों की मौत हुई है । अब तक 254227 संक्रमित जान गवा चुके हैं। राहत की बात है कि प्रतिदिन संक्रमित मिलने वाले नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है। वहीं , दूसरी ओर बुधवार को देश में लगातार दूसरे दिन सक्रिय मरीजों की संख्या में भी कमी देखने को मिली है ।

डब्ल्यूएचओ ने भी कहा देश का नाम नहीं

डब्ल्यूएचओ ने भी सफाई दी कि वह वायरस के स्वरूप के साथ किसी देश या जगह का नाम नहीं जोड़ता। संगठन उन देशों के नाम के साथ वायरस या वेरिएंट की पहचान नहीं कराता ,जहां इन्हें सबसे पहले दर्ज किया जाता है । डब्ल्यूएचओ ने कहा हम उनके ही वैज्ञानिक नामों से पुकारते हैं, आप भी ऐसा ही करें।

लेकिन यह भारतीय स्वरूप नहीं 

कोरोना वायरस के घातक संक्रमण बी.1.617 को भारतीय स्वरूप कहे जाने पर केंद्र सरकार ने एतराज जताया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इस स्वरूप को के लिए 32 पेज के दस्तावेज में कहीं पर भी भारतीय शब्द का इस्तेमाल नहीं किया ।मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को भी खारिज किया है जिनमें जिनमें इसे भारतीय स्वरूप बताया गया है।



विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले अलर्ट करता तो दुनिया में रुक सकती थी तबाही

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