सोमवार, 6 दिसंबर 2021

सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का पुर्व चेयरमैन कर्वमवीर सिंह के आवास पर हुआ भव्य स्वागत

 सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का पुर्व चेयरमैन कर्वमवीर सिंह के आवास पर हुआ भव्य स्वागत


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ












मेरठ। आज 49 मेरठ दक्षिण विधान सभा में पूर्व चेयरमैन गुमी के आवास  पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  नरेश उत्तम का आगमन हुआ। पूर्व चेयरमैन कर्मवीर सिंह गुमी ने अपने आवास  किया भव्य स्वागत। जिसमें माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने विचार व्यक्त किए तथा  रैली को सफल व ऐतिहासिक बनाने के लिए  दिशा निर्देश व मार्गदर्शन दिया।व आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी सार्थक चर्चा की।कर्मवीर सिंह गुमी पूर्व चेयरमैन 49 मेरठ दक्षिण विधानसभा ने अपने सभी सम्मानित पदाधिकारियों की और से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का आभार जताया। साथ ही साथ रैली को सफल बनाने में अपना सम्पूर्ण योगदान करने  का संकल्प भी किया। और सभी साथियों को कल होने वाली संयुक्त परिवर्तन रैली सपा रालोद गठबंधन की रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे पर विशेष रूप से जोर दिया।

पिछले कईं दिनों से खराब पड़ी हैं कंकर खेड़ा खिर्वा रोड की स्ट्रीट लाइटस

 पिछले कईं दिनों से खराब पड़ी हैं कंकर खेड़ा खिर्वा रोड की स्ट्रीट लाइटस


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ












मेरठ।  की सड़कों पर जब आप रात को कहीं घूमने निकलेंगे तो सड़कों पर पसरे अंधेरे से आपका सामना जरूर होगा, चाहे वो कंकर खेड़ा की खिर्वा रोड हो या बिजली बम्बा बाई पास, सर्किट हाउस से पुलिस लाइन, फूलबाग कॉलोनी की रोड हो या यूनिवर्सिटी रोड हर जगह आपको खराब स्ट्रीट की खराबी के कारण परेशानी ज़रूर झेलनी पड़ेगी, शहर की आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं, निगम इन स्ट्रीट लाइटों पर जितना मर्जी खर्चा कर ले पर इनका रख रखाव ठीक तरीके से न होने के कारण आये दिन लाइटें खराब होती रहती हैं जिससे आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है, सड़कों पर अंधेरा होने कारण साइकिल सवार, और दो पहिया वाहनों को अपना वाहन चलाने में बहुत परेशानी होती है और कईं बार दुर्घटना भी हो जाती है, अब देखना ये है कि कब वो दिन आएगा जब शहर की सभी स्ट्रीट लाइटें पूरी तरह से जगमग होंगी और शहर वासियों को इनका पूरा लाभ मिलेगा।

आज कचहरी चौराहा स्थित डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की स्मृति पर राष्ट्रीय मानव एकता संस्था ने 66वे परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

आज कचहरी चौराहा स्थित डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की स्मृति पर राष्ट्रीय मानव एकता संस्था ने 66वे परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ













मेरठ। आज दिनांक 6 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय मानव एकता संस्था के द्वारा डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के 66वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें कचहरी चौराहा मेरठ पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई वहीं पर सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय मानव एकता संस्था के  संस्थापक श्री सुनील जैनवाल जी ने कहा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके बताए रास्ते पर भारत के नागरिक चलेंगे बाबा साहब का सपना था देश में समतामूलक समाज की स्थापना हो गैर बराबरी खत्म हो जातिवाद नष्ट हो सभी लोग एक दूसरे के साथ मैत्री भाव से रहेंऔर उनके इस सिद्धांत को राष्ट्रीय मानव एकता संघ परिवार के लोगअपनाकर समाज में समता मैत्री का भाव जगा रहे और समाज को मानवता के  सिद्धांतों पर  एक करने का प्रयास कर रहे हैं  जिसके लिए मैं अपने सभी साथियों को  बहुत-बहुत बधाई भी देता हूं   इसी क्रम में आगे राष्ट्रीय मानव एकता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आरके बौद्ध जी ने संवैधानिक अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा देश का हर नागरिक संविधान में दिए गए फंडामेंटल राइट को समझें और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें तो किसी के साथ भी अन्याय नहीं हो सकता है वही राष्ट्रीय मानव एकता संस्था की प्रदेश महिला विंग अध्यक्ष कुमारी शालिनी सिंह नें कहा आज जो कार्य हमारा राष्ट्रीय मानव एकता संघ कर रहा है यदि यह कार्य आज से पहले हो गया होता तो आज देश के अंदर किसी के साथ अन्याय अत्याचार नहीं होता अन्याय अत्याचार तभी होता है जब लोग ऊंच-नीच की दलदल में फंसे होते हैं जातिवाद के दलदल में फंसे होते हैं जिस दलदल को साफ करने के लिए हमारे सर्व संस्थापक जी ने मानवता का बिगुल बजा कर जो पहल की है यह पहल उन्हों के द्वारा की गई लेकिन हम लोग इसे अपने अंतिम सांस तक पूरा करेंगे और अपने देश में अमन शांति का राज्य स्थापित करेंगे जिला अध्यक्ष राजेश सेठी ने अपने शब्दों में कहा के राष्ट्रीय मानव एकता संघ बिना झुके बिना रुके कार्य कर रहा है और आने वाले समय में राजनीति में भी बड़ा बदलाव लाएगा क्योंकि हमारे देश की राजनीति  जाति धर्म से ऊपर उठकर होगी तभी हमारे देश के हर नागरिक का विकास संभव होगा कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय मीडिया प्रभारी प्रवेश कुमार रोहतगी,वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार मेरठ ख़बर लाइव न्यूज, पदमा जॉनसन, कृष्ण पाल , नीरज टॉक सुधीर के महल, जितेंद्र प्रधान, राजू बड़ा, रामाकांत, सतपाल सिंह काजीपुर, रमेश चंद गहरा ,दीपक चौहान, अमरपाल बेनीवाल, आरपी सिंह आदि उपस्थित रहेे ।

रविवार, 5 दिसंबर 2021

मोदी पूर्वांचल को समर्पित करेंगे चिकित्सा का सबसे बड़ा मंदिर - डॉ. महेंद्र कुमार सिंह

 मोदी पूर्वांचल को समर्पित करेंगे चिकित्सा का सबसे बड़ा मंदिर - डॉ. महेंद्र कुमार सिंह

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ










मेरठ। पूर्वांचल के लोगों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सबसे बड़ी उम्मीद को पूरा करने वाला मंदिर बन कर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसम्बर को गोरखपुर एम्स को नागरिकों को समर्पित करने वाले हैं। पूर्वांचल ही नहीं, बिहार एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के लोगों के लिए भी यह चिकित्सा संस्थान वरदान सिद्ध होने वाला है, जिन्हें दिल्ली एम्स की फुटपाथों पर सर्द रातों, चुभती गर्मी और तूफानी बारिश में भीगकर अपने नम्बर का इंतजार करने को मजबूर होना पड़ता है।दशकों के राजनीतिक परिदृश्य को अगर देखें तो सिर्फ दो राजनेताओं ने उत्तर प्रदेश के पूर्व में स्थित इस पिछड़े क्षेत्र के लोगों की कराह सुनी और समझी है। 1998 से लगातार गोरखपुर से सांसद रहे गोरखपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के लोगों की वेदना तथा गोरखपुर में एम्स स्थापित करने की मांग अनेक बार संसद में उठाई मगर उनकी आवाज 2014 में सुनी गई, जब देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली। गोरखपुर में एम्स मुख्यमंत्री योगी की वर्षों की लोक तपस्या का प्रतिफल है। प्रधानमंत्री मोदी गोरखपुर तथा आसपास के लोगों खास कर किसान बहनों-भाईयों को एक और सौगात देंगे। मोदी करीब ₹8603 करोड़ से 600 एकड़ भूमि में स्थापित नई फर्टीलाइजर फैक्टरी का भी शुभारंभ करेंगे।गोरखपुर एम्स के शुरू होने से उच्च चिकित्सा सेवाओं के लिए पूरे क्षेत्र के लोगों को दिल्ली, मुम्बई में भटकना नही पड़ेगा और न ही  महंगे निजी कॉरपोरेट हॉस्पिटल में जाने को मजबूर होना पड़ेगा।कई सर्वे और स्टडीज साबित करती हैं कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों की वजह से एक बहुत बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे चली जाती है। पिछड़ा पूर्वांचल क्षेत्र भी इसी चक्रव्यूह में फंसा हुआ था। अब एक नई उम्मीदों का आकाश पूर्वांचल वासियों के सामने है। चिकित्सा और शिक्षा को नई ऊंचाई प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जुलाई 2016 को गोरखपुर एम्स का शिलान्यास किया था।करीब ₹1012 करोड़ की लागत वाले तथा 112 एकड़ में विस्तृत इस चिकित्सा संस्थान में ओपीडी का उद्घाटन फरवरी 2019 को किया गया और इस समय 16 सुपरस्पेशलिटी विभागों की ओपीडी शुरू हो चुकी है। उद्घाटन के बाद 300 बेड का अस्पताल पूरी तरह से कार्य करना शुरू कर देगा। इसे 750 बेड तक विस्तारित करने की योजना है।स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरसता पूर्वांचल दशकों से राजनीति उपेक्षा का शिकार रहा। करीब चार दशकों तक जापानी इंसेफेलाइटिस यहां के हजारों बच्चों को हर वर्ष निगलता रहा। सरकारें बदलती रहीं मगर किसी ने सुध तक नहीं ली। नवजात शिशुओं को खोने की अपार पीड़ा की लड़ाई योगी ने सांसद के रूप में संसद से ले कर सड़क तक लड़ी पर तत्कालीन नीति निर्माताओं के कानों तक आवाज नहीं पहुँची। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के प्रदेश का  मुख्यमंत्री बनते ही परिदृश्य बदलने लगा। उन्होंने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ न सिर्फ जंग छेड़ी, बल्कि समन्वित प्रयासों से इस महामारी पर नियंत्रण कर लिया गया। केंद्र सरकार ने पूरा सहयोग दिया और यह पूर्वांचल के लोगों केलिए बहुत बड़ा सुअवसर है कि प्रधानमंत्री मोदी सात दिसम्बर को गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में स्थापित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की नौ लैब्स को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये लैब्स जापानी इंसेफेलाइटिस के कारगर परीक्षण और शोध पर कार्य करेंगी। यह राज्य स्तरीय वायरस प्रशिक्षण लैब कोविड-19 की जांच और शोध के साथ अन्य विषाणुजनित बीमारियों पर पर शोध कार्य करेगा।अब प्रदेश में दो एम्स संचालित हैं। एक गोरखपुर में और दूसरा रायबरेली में। वर्ष 2007 में रायबरेली एम्स की स्वीकृति मिली लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव की वजह से इसके संचालन में देरी हुई। मोदी-योगी की जोड़ी बनते ही प्रदेश में स्थापित दोनों एम्स विश्वस्तरीय मानक से सुसज्जित हुए और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के नए युग की शुरुआत हुई। इस जोड़ी को ही एम्स के संचालन का श्रेय जाता है। वहीं जिस बीमारी के आहट मात्र से ही पूरा परिवार हिल जाता हो, उस कैंसर के इलाज के लिए वाराणसी में देश का दूसरा बड़ा कैंसर हॉस्पिटल 'महामना कैंसर संस्‍थान' भी मरीजों के इलाज के लिए खोल दिया गया है।017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया। योगी सरकार आज 'एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज' के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश के 59 जनपदों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज क्रियाशील है। 16 जनपदों में PPP मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।प्रदेश में पहले आयुष विश्विद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का गोरखपुर में शिलान्यास किया गया और निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। लोगों को चिकित्सा पर होने वाले खर्चों से राहत देने के लिए प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में 6 करोड़ 47 लाख लोगों को बीमा कवर दिया गया है। इसके साथ ही 42.19 लाख लोगों का मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में बीमा कवर सुनिश्चित किया गया है।चिकित्सा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए स्वास्थ शिक्षा पर भी योगी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में एमबीबीएस की 938 सीटें बढ़ाई गईं हैं तथा केंद्र सरकार से 900 सीटें बढ़ाए जाने की अनुमति शीघ्र मिलने की सम्भावना है। एमडी एवं एमएस में 127 सीटों की वृद्धि की गई है। चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। इसके साथ ही 1104 भारतीय जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।योगी सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि आज नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क ( एनआईआरएफ ) की इंडिया रैंकिंग में एसजीपीजाई 5वें, बीएचयू 7वें, केजीएमयू, लखनऊ 9वें तथा एएमयू 15वें स्थान पर है।योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कोरोना महामारी का बेहतर प्रबंधन किया, टीकाकरण में भी अग्रणी भूमिका में है। 16 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक डोज तथा 5 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड टीके की दोनों डोज का सुरक्षा कवच प्रदान करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी के लोककल्याण की प्रतिज्ञा का ही सुफल है कि आज उत्तर प्रदेश अपने लोगों को उनके नजदीक ही उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में सफलता हासिल कर रहा है।राजनीति, गोरखपीठ के संतों के लिए सिद्धि नहीं, बल्कि लोक-साधना का माध्यम है। उन्होंने राजनीति को लोक सेवा, लोककल्याण का माध्यम बनाया है। उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ लोग इसे पूरी शिद्दत से महसूस भी कर रहे हैं।(डॉ. महेंद्र कुमार सिंह वरिष्ठ स्तंभकार हैं एवं डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

शनिवार, 4 दिसंबर 2021

आज जेल रोड पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का हुआ भव्य स्वागत

 आज जेल रोड पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का हुआ भव्य स्वागत

By  - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ















मेरठ। आज जिला कार्यालय जेल रोड पर  प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और  संजय लाठर  का भव्य स्वागत  किया गया ।  नरेश उत्तम ने  7 तारीख को होने वाली ऐतिहासिक संयुक्त परिवर्तन रैली के  विषय में  सभी सपाइयों को एक जुट होकर रैली में अपना योगदान देने के लिए  संबोधन किया। की आप इस  आगामी होने वाली भव्य रैली को एक अंजाम तक पहुचाओ जिससे अखिलेश यादव का सपना साकार हो पाए। इस सभा में कर्मवीर सिंह गुमी  पूर्व चेयरमैन , अतुल प्रधान ,विपिन मनोठिया ,राजपाल सिंह, किशोर वाल्मीकि , परमिंदर ईशु आदि मख्य रूप से मौजूद रहे। 

पीएम मोदी से मिलने को उत्सुक नजर आए भाजपाई, विजय बहुगुणा और हरक सिंह में दिखी खास अटेंशन

 

पीएम मोदी से मिलने को उत्सुक नजर आए भाजपाई, विजय बहुगुणा और हरक सिंह में दिखी खास अटेंशन


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ












देहरादून।  पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के बहाने भाजपाई शक्ति प्रदर्शन भी करते दिखे। इसके लिए भीड़ इकट्ठा करने के साथ ही मंच पर पीएम से एक मुलाकात के लिए भी भाजपाइयों में खासा उत्सकुता नजर आई। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मंच पर जगह पाने वाले सभी दिग्गजों का नाम लिया। जिनमें महाराज, हरक सिंह और विजय बहुगुणा भी शामिल थे। हालांकि मोदी ने जब संबोधन पूरा किया तो विजय बहुगुणा और हरक सिंह पीएम से कुछ बातचीत करते हुए भी नजर आए। जिससे साफ है कि चुनाव से पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह भाजपा में एक बार फिर अपनी पुरानी जगह पाने को उत्सुक दिख रहे हैं।2017 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत ने कांग्रेस सरकार में बगावत कर भाजपा ज्वाइन की थी। जिसके बाद 2017 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार आई। विजय बहुगुणा ने खुद चुनाव नहीं लड़ा लेकिन उन्होंने अपने बेटे सौरभ बहुगुणा को सितारगंज से चुनाव लड़वाया। हरक सिंह ने कोटद्वार से चुनाव जीता और सरकार में मंत्री बन गए। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, कांग्रेस से भाजपा में आए पुराने कांग्रेसियों की तवज्जो कम होती गई। त्रिवेंद्र को हटाने के पीछे भी इन्हीं सभी चेहरों की खास भूमिका मानी जाती है। जब धामी सीएम बनें तब भी इन नेताओं में नाराजगी नजर आई। अब चुनाव नजदीक आए तो पुराने कांग्रेसियों की खासकर हरक सिंह के कांग्रेस में जाने की खबरें वायरल होने लगी। लेकिन हरक सिंह ने मोदी की रैली को लेकर खुद सामने आकर कहीं जाने की खबरों का खंडन किया। शनिवार को जब पीएम मोदी ने अपना संबोधन पूरा किया तो सबसे पहले विजय बहुगुणा पीएम मोदी से कुछ बातचीत करने की कोशिश करते दिखे। इसके बाद पीएम ने बहुगुणा पर हाथ भी रखा और बातचीत कीा फिर विजय बहुगुणा तब तक पीएम के पीछे रहे जब तक पीएम मंच से उतरे नहीं। विजय बहुगुणा के बाद पीएम हरक सिंह से भी मिले, कुछ खास तवज्जो न देखते हुए हरक सिंह पीएम मोदी से कुछ बात करने लगे। जिसके बाद पीएम आगे बढ़ गए। पीएम से मिलकर सतपाल महाराज ने भी कुछ पत्र दिया और बातचीत करते नजर आए। इस तरह 2017 चुनाव से प​हले भाजपा में आए दिग्गजों में पीएम से मिलने और बातचीत करने की कोशिश उत्तराखंड की सियासत को एक बार फिर गर्मा दिया है।

अखिलेश की बैशाखी की मदद से यूपी में पैर जमाने के प्रयास में आम आदमी पार्टी, जानिए पूरी सच्चाई

 

अखिलेश की बैशाखी की मदद से यूपी में पैर जमाने के प्रयास में आम आदमी पार्टी, जानिए पूरी सच्चाई


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ












लखनऊ। प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) राजनीतिक रूप से अब तक अपनी कोई पहचान नहीं बना सकी है। लोक लुभावन घोषणाओं के बलबूते इस दल के नेता यूपी में अपने पैर फैलाने के कई प्रयास भी कर रहे हैं। हालांकि आप की ओर से लोकलुभावन वादे जरूर किए गए हैं लेकिन जनता पर इनका कितना असर पड़ेगा यह सबसे बड़ा सवाल है। ऐसे में यूपी के विधानसभा चुनावों में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आप के नेताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) का साथ हासिल करने की मुहिम शुरू की है। आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह दो माह में तीसरी बार अखिलेश यादव से मिल चुके हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो सपा मुखिया अखिलेश यादव से संजय सिंह की मुलाकात क्या गुल खिलाएगी यह देखना रोचक होगा।अभी भी दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश 'आप' के रडार से दूर ही लगता है। जबकि मुख्यमंत्री बनने से पहले तक अरविंद केजरीवाल ग़ाज़ियाबाद में ही पत्नी के सरकारी क्वार्टर में रहते थे। ऐसे में अब सियासी हलकों में यह सवाल उभरता रहता है कि यूपी और 'आप' के बीच ये दूरियां क्यों है? और इसके पीछे क्या मजबूरियां हैं? यूपी के राजनीतिक जानकार इसके दो कारण बताते हैं। पहला तो ये कि 'आप' ने यूपी की जनता से जुड़ने के लिए सत्तारूढ़ दलों पर आरोप लगाने की राजनीति की। दूसरा यूपी में अपना आधार बढ़ाने के आप नेताओं को जनता के बीच जाने के बजाए विज्ञापन पर खर्चा करना ज्यादा जरूरी लगा।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...