शनिवार, 28 अगस्त 2021

भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ईमानदार और कर्मठ विपिन त्यागी को आज भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया

 


भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ईमानदार और कर्मठ विपिन त्यागी को आज भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया 

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

विपिन त्यागी भारतीय जानता पार्टी किसान मोर्चा उपाध्यक्ष


मेरठ। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ईमानदार और कर्मठ विपिन त्यागी को आज भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा भारतीय जनता पार्टी संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाए जाने वाले सभी प्रकोष्ठो के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि पदाधिकारियों का चयन किया जा रहा है। जिस कड़ी में आज किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का गठन किया गया है जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता एवं समाजसेवी विपिन त्यागी को किसान मोर्चा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। विपिन त्यागी को किसान मोर्चा का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर महानगर एवं जिला इकाई  के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई देते हुए किसान प्रकोष्ठ को और मजबूत करने  के लिए उनका सहयोग करने की अपील की।

शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

मेरठ में वीकेंड लॉकडाउन का फर्जी मैसेज वायरल, जिला प्रशासन ने कहा- व्यापारी परेशान न हों खुलेंगे सभी बाजार

 मेरठ में वीकेंड लॉकडाउन का फर्जी मैसेज वायरल, जिला प्रशासन ने कहा- व्यापारी परेशान न हों खुलेंगे सभी बाजार

एडीएम सिटी अजय तिवारी ने इस मैसेज को फेक और भ्रामक बताते हुए कहा है कि प्रशासन ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। मेरठ सूमेत पूरे यूपी में शनिवार और रविवार को सभी बाजार और प्रतिष्ठान खुलेंगे।


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

मेरठ में वीकेंड लॉकडाउन का फर्जी मैसेज वायरल, जिला प्रशासन ने कहा- व्यापारी परेशान न हों खुलेंगे सभी बाजार












मेरठ । उत्तरप्रदेश या मेरठ जिले में वीकेंड लॉकडाउन लगाने के बारे में एक मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस मैसेज को पूरी तरह से नजरअंदाज करें। राज्य सरकार या जिला प्रशासन ने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया है। प्रदेश में लॉकडाउन पूरी तरह से हटा दिया गया है, सिर्फ रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू लागू है, जिसका सभी को सख्ती से पालन करना होगा। 

यह था मैसेज

दरअसल शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक न्यूज पेपर की प्लेट शेयर की जा रही है जिसमें लिखा है कि उत्तरप्रदेश में आज रात नौ बजे से फिर 58 घंटे का कोरोना कर्फ्यू शुरू हो जाएगा। शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी के कारण सभी बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहेंगे। इस खबर में जिलाधिकारी केबालाजी के हवाले से बताया गया था कि शनिवार और रविवर को सिर्फ आवश्यक सेवाओं की दुकानें ही खुलेंगी, अन्य सबकुछ बंद रहेगा।

 एडीएम सिटी ने किया खंडन

समाचार पत्र की यह प्लेट तेजी से व्हाट्सएप और फेसबुक पर वायरल हुई, जिसके चलते व्यापारी परेशान हो उठे। लोग एक दूसरे से वीकेंड लॉकडाउन के बारे में पूछने लगे, जिसके बाद इसकी जानकारी जिला प्रशासन तक भी पहुंची। अब एडीएम सिटी अजय तिवारी ने इस मैसेज को फेक और भ्रामक बताते हुए कहा है कि प्रशासन ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। शनिवार और रविवार को सभी बाजार और प्रतिष्ठान खुलेंगे। बाजारों में पूर्व निर्धारित साप्ताहिक बंदी ही लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक प्रदेश में सिर्फ नाइट कर्फ्य लागू रहेगा। रात 10 बजे बाजार बंद कर दिए जाएंगे।

समाचार पत्र ने मांगी माफी

उधर जिस समाचार पत्र की यह प्लेट वायरल हुई है उनका कहना है कि गलती से व्हाट्सएप पर पुराना मैसेज शेयर हो गया, जिसके लिए उन्हें खेद है। हालांकि जैसे ही उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ उन्होंने इसे सुधारते हुए इस खबर का खंडन किया और शनिवार और रविवार को सभी बाजार खुलने की पोस्ट शेयर की।


दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी जन्माष्टमी, नोट कर लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय

 

दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी जन्माष्टमी, नोट कर लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। धर्म । नई दिल्ली















जन्माष्टमी 2021 : हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल 30 अगस्त को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन को बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। महंत विष्णु दत्त स्वामी के अनुसार इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष है। 29 अगस्त को रात 11.24 मिनट 38 सेकेंड पर अष्टमी प्रारंभ हो जाएगी। जो 30 अगस्त के आधी रात के बाद 1.59 दो सेकेंड तक रहेगी। मार्तंड स्वामी ने बताया कि इसी दिन शाम 6.37 बजे रोहिणी नक्षत्र लग रहा है। करीब 15 साल बाद अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं। पूरे देश में एक ही दिन अष्टमी मनाई जाएगी। 30 अगस्त को रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा। दिन सोमवार रहेगा। यह दुलर्भ संयोग है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पूजा - विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट...


पूजा- विधि


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
लड्डू गोपाल की आरती करें।
इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

काबुल एयरपोर्ट से निकाले गए 95 अफगानियों के शव, मौतों का आंकड़ा बढ़ा; अमेरिका ने फिर शुरू किया बचाव अभियान

 

काबुल एयरपोर्ट से निकाले गए 95 अफगानियों के शव, मौतों का आंकड़ा बढ़ा; अमेरिका ने फिर शुरू किया बचाव अभियान

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। नई दिल्ली














अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए सीरियल ब्लास्ट में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो चुकी है। इस हमले के एक दिन बाद अमेरिका ने फिर से अपने नागरिकों और अधिकारियों को काबुल से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तालिबान के कब्जे से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों के एक दिन बाद अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में, काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बृहस्पतिवार के बम धमाकों में कम से कम 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए।

काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके के बाद अभी तक मरने वालों की संख्या 95 बताई जा रही है। न्यूज एजेंसी 'AFP' ने पहले स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया था कि मृतकों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है। हालांकि, एक तालिबानी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि इस धमाके में कम से कम 75 अफगानी मारे गये हैं। जबकि एक के बाद एक हुए इस हमले में 150 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कुछ न्यूज एजेंसियों ने एक अधिकारी के हवाले से अब कहा है कि 95 अफगानियों की बॉडी हमले की जगह से ले जाते हुए देखा गया है। यानी यहां मृतकों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है।


काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके के बाद अभी तक मरने वालों की संख्या 95 बताई जा रही है। न्यूज एजेंसी 'AFP' ने पहले स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया था कि मृतकों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है। हालांकि, एक तालिबानी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि इस धमाके में कम से कम 75 अफगानी मारे गये हैं। जबकि एक के बाद एक हुए इस हमले में 150 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कुछ न्यूज एजेंसियों ने एक अधिकारी के हवाले से अब कहा है कि 95 अफगानियों की बॉडी हमले की जगह से ले जाते हुए देखा गया है। यानी यहां मृतकों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है।


इधर ऑस्ट्रेलिया ने अभी अपने नागरिकों और वीजा रखने को वहां से निकालने की प्रक्रिया को रोक दिया है। यह फैसला एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले के बाद लिया गया है। इसके अलावा कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और बेल्जियम ने ऐलान किया है कि काबुल एयरपोर्ट से फिलहाल उनके देश के लिए कोई विमान उड़ान नहीं भरेगा। स्पेन में सरकारी सूत्रों से खबर सामने आई है कि उसने अपने सभी डिप्लोमैटिक स्टाफ को सुरक्षित दुबई पहुंचा दिया है। उसके दो मिलिट्री विमान शुक्रवार की सुबह दुबई पहुंचे। इन विमानों में 81 लोग सवार थे। 

इधर ब्रिटेन भी अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में है। यूके में डिफेंस मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि उसकी सेना अब वहां से अपने लोगों को निकालने के अंतिम चरण में है।


सिख योद्धा हरी सिंह नालवा से खौफ खाते थे अफगान, बच्चे रोते थे तो मां कहती थीं, ‘चुप हो जा वरना नालवा आ जाएगा’

 




सिख योद्धा हरी सिंह नालवा से खौफ खाते थे अफगान, बच्चे रोते थे तो मां कहती थीं, ‘चुप हो जा वरना नालवा आ जाएगा’

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। अफ़ग़निस्तान








अफगानिस्तान को सल्तनतों की कब्रगाह कहा जाता है। आज तक कोई भी इस पर पूरी तरह से काबिज नहीं हो सका है। आलम यह है कि सोवियत संघ और अमेरिका जैसी महाशक्तियों को भी यहां से अपनी सेना को वापस बुलाना पड़ा है। लेकिन भारत में एक ऐसा योद्धा पैदा हुआ था, जिसने अफगानों को नाको चने चबवा दिए थे। उस महान योद्धा का नाम था हरी सिंह नालवा। अफगानों के जेहन में हरी सिंह के नाम क्या खौफ था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अफगान महिलाएं अपने रोते हुए बच्चों को चुप कराने के लिए कहती थीं, चुप हो जाओ, नहीं तो नालवा जा आएगा। आज जानते हैं आखिर कौन थे हरी सिंह नालवा? 

हरी सिंह नालवा कौन थे?

हरी सिंह नालवा महाराज रणजीत सिंह की फौज के सबसे भरोसेमंद कमांडर थे। वह कश्मीर, हाजरा और पेशावर के गवर्नर रहे। उन्होंने कई अफगान योद्धाओं को शिकस्त दी और यहां के कई हिस्सों पर अपना वर्चस्व स्थापित किया। साथ ही उन्होंने अफगानों को खैबर दर्रे का इस्तेमाल करते हुए पंजाब में आने से रोका। असल में 1000 एडी से 19वीं सदी की शुरुआत तक खैबर दर्रा ही विदेशी हमलावरों के लिए भारत आने का एकमात्र रास्ता था। इंडियन एक्सप्रेस ने गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के वाइस चांसलर डॉ. डीपी सिंह के हवाले से हरी सिंह नालवा के बारे में और जानकारी दी है।

अजेय माना जाता था अफगानिस्तान

इसके मुताबिक अफगानिस्तान तब भी एक अजेय इलाका माना जाता था। लेकिन हरी सिंह नालवा ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती हिस्सों और खैबर दर्रे पर कब्जा करके अफगानों के लिए इस रास्ते से भारत में आने की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया। वीसी डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि जब अफगान लगातार पंजाब और दिल्ली आ रहे थे तो महाराजा रणजीत सिंह ने अपने साम्राज्य की सुरक्षा के लिए दो तरह की सेनाएं बनाईं। एक सेना को व्यवस्थित रखने के लिए फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, रशियन और ग्रीक्स योद्धा नियुक्त किए गए थे। वहीं दूसरी सेना हरी सिंह नालवा के अंडर में थी। यह महाराजा रणजीत सिंह की सबसे बड़ी ताकत थी। हरी सिंह नालवा ने इस सेना के साथ अफगान आदिवासी हाजरा को हजारों बार मात दी। नालवा की बहादुरी को सम्मान देते हुए 2013 में भारत सरकार ने उनके ऊपर एक डाक टिकट जारी किया था।

आखिर अफगान नालवा से इतने डरते क्यों थे?

हरी सिंह नालवा ने अफगानों के खिलाफ कई युद्धों में हिस्सा लिया था। इन लड़ाइयों में उन्होंने अफगानों को उनके कई इलाकों से बेदखल कर दिया था। 1807 में महज 16 साल की उम्र में नालवा ने कसूर (अब पाकिस्तान में) के युद्ध में हिस्सा लिया। इस युद्ध में उन्होंने अफगानी शासक कुतुबुद्दीन खान को शिकस्त दी थी। वहीं 1813 में नालवा ने अन्य कमांडरों के साथ मिलकर अटॉक के युद्ध में हिस्सा लिया और आजिम खान व उसके भाई दोस्त मोहम्मद खान को मात दी। यह दोनों काबुल के महमूद शाह की तरफ से यह युद्ध लड़ रहे थे। सिखों की दुर्रानी पठानों के खिलाफ यह पहली बड़ी जीत थी।

पंजाब-अफगान सीमा पर रखी थी निगाह

1818 में सिख आर्मी ने नालवा के नेतृत्व में पेशावर का युद्ध जीता और नालवा को वहां रुकने के लिए कहा गया था। यहां से उन्हें पंजाब-अफगान सीमा पर निगाह रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। 1837 में नालवा ने जमरूद पर कब्जा जमाया, जो कि खैबर पास के रास्ते अफगानिस्तान जाने का रास्ता था। इतिहासकार डॉ. सतीश के. कपूर के मुताबिक मुल्तान, हजारा, मानेकड़ा, कश्मीर आदि युद्धों में अफगानों की शिकस्त ने सिख साम्राज्य को और विस्तार दिया। फिलहाल कपूरथला के हिंदू कन्या कॉलेज के निदेशन डॉ. सतीश के. कपूर बताते हैं इस तरह की जीतों ने अफगानों के मन में नालवा के प्रति दहशत पैदा कर दी थी। 


नालवा की इन जीतों का भारत के लिए क्या मतलब रहा?

इतिहासकार बताते हैं कि अगर हरी सिंह नालवा ने पेशावर और उत्तरी-पश्चिमी युद्धक्षेत्र जो कि आज पाकिस्तान का हिस्सा हैं, में युद्ध न जीते होते तो आज यह अफगानिस्तान का हिस्सा होते। ऐसा होने पर पंजाब और दिल्ली में अफगानों की घुसपैठ कभी नहीं रोकी जा सकती थी। इस तरह अफगानिस्तान हमेशा-हमेशा के लिए भारत के लिए सिरदर्द बन जाता।



गिरफ्तारी पर भड़के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, गाड़ी में बैठने से किया इनकार, दारोगा को मारा थप्पड़, VIDEO वायरल

 

गिरफ्तारी पर भड़के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, गाड़ी में बैठने से किया इनकार, दारोगा को मारा थप्पड़, VIDEO वायरल


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। लखनऊ















लखनऊ । रिटायर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी के दौरान जमकर हंगामा हुआ। अमिताभ ठाकुर को गिररफ्तार कर वाहन में बैठाने के लिए पुलिस वालों को मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान अमिताभ ठाकुर ने दारोगा को थप्पड़ भी मार दिया। किसी तरह उन्हें गाड़ी में बैठाकर थाने लाया गया। पूरे घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।


बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने वाली युवती ने अमिताभ ठाकुर पर भी कई आरोप लगाए थे। जांच के लिए बनी एसआईटी ने अमिताभ ठाकुर पर पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था, इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके घर पहुंची थी। 

पुलिस ने उनसे हजरतगंज थाने चलने को कहा तो अमिताभ ठाकुर ने एफआईआर की कापी मांगी। पुलिस कोई कागज नहीं दिखा सकी तो अमिताभ ने जाने से इनकार कर दिया। इस पर पहले पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन अमिताभ नहीं मानें तो जोर जबरदस्ती शुरू कर हो गई। एक साथ तीन पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया और जबरिया गाड़ी में भरने की कोशिश शुरू की। उन्हें कभी गोद में उठाकर तो कभी पैर पकड़कर गाड़ी में भरने की कोशिश की गई।

जब तीन पुलिसकर्मी उन्हें गाड़ी में नहीं डाल सके तो दो और पुलिसकर्मी पहुंचे। कभी उनका पैर पकड़कर गाड़ी में डाला जाता तो कभी कमर पकड़कर गाड़ी में धकेलने की कोशिश होती। जब भी पुलिस उन्हें अंदर डालने की कोशिश करती वह गाड़ी की छत पकड़ लेते। इस दौरान लगातार नहीं जाऊंगा, ऐसे नहीं जाऊंगा भी चिल्लाते रहे। 

उनके साथ मौजूद परिवार के सदस्य और पत्नी ने ने इस तरह से जबरिया उठाने का विरोध भी किया। लेकिन किसी की एक नहीं चली। कुछ औऱ पुलिस वालों की मदद से काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें गाड़ी में भरा गया और हजरतगंज थाने लाया गया। 

कभी भी हो सकती है अप्रिय घटना
उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने कहा कि अयोध्या और गोरखपुर यात्रा निकट आते ही पहले अमिताभ ठाकुर को नजरबंद कर दिया गया। फिर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस घर पहुंच गई। पुलिस से गिरफ्तारी का कारण पूछा गया तो बताया भी नहीं गया। पुलिस बिना कारण बताए और एफआईआर की कापी दिखाए ही जबरिया उन्हें उठा ले गई है। एक पूर्व अधिकारी के साथ दिनदहाड़े इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया गया। उनके साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।


देहरादून-ऋषिकेश मार्ग पर रानीपोखरी पुल गिरा, कई गाड़ियां नदी में बहीं

 देहरादून-ऋषिकेश मार्ग पर रानीपोखरी पुल गिरा, कई गाड़ियां नदी में बहीं

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। देहरादून









देहरादून। उत्‍तराखंड में भारी बारिश के बीच देहरादून-ऋषिकेश मार्ग पर रानीपोखरी पुल टूट गया है। हादसे के दौरान पुल से गुजर रहीं कई गाड़ियां नदी में गिर गईं। हालांकि अभी तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है लेकिन कुछ लोग घायल बताए जा रहे हैं। 

बताया जा रहा है कि पुल गिरने के साथ तीन गाड़िया जिनमें दो लोडर और एक कार शामिल हैं नदीं में गिर गईं। एक घायल को वहां से इलाज के लिए भेजा गया है। पुल गिरने की सूचना पर पुलिस और राहत दल आनन-फानन में मौके पर पहुंच गया है। इस हादसे की वजह से फिलहाल देहरादून से ऋषिकेश के मुख्‍य मार्ग का संपर्क कट गया है। गाड़ियों को देहरादून से नेपाली फार्म की ओर डायवर्ट करके ऋषिकेश भेजा जा रहा है।

इस बीच घटनास्‍थल का एक वीडियो सामने आया है जिसमें रानीपोखरी पुल बीचोंबीच से टूट कर गिरता दिख रहा है। पुल टूटने के दौरान ही उससे गुजर रहे वाहन भी नदी में जा गिरे। लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि पुल तेजी से नहीं टूटा और हादसे के वक्‍त नदी का बहाव बहुत तेज नहीं था, अन्‍यथा नुकसान काफी अधिक हो सकता था। 

लगातार बारिश से बिगड़े हालात

उधर, राजधानी देहरादून में मंगलवार से ही सड़कों पर सैलाब जैसी स्थिति बनी हुई है। लगातार बारिश के चलते लोगों के घरों तक में पानी भर गया है। दो दिन पहले संतला देवी मंदिर के पास 40 से ज्यादा घरों में मलबा भर गया था। बारिश ने गांव से शहर तक कहर ढाया। माता संतला देवी मंदिर के पाास खाबड़वाला में अतिवृष्टि से 40 से ज्यादा घरों में मलबा भर गया था। जान बचाने को लोग घरों से निकल आए। एसडीआरएफ को मोर्चा संभालना पड़ा। किशननगर, विजय कॉलोनी, भगत सिंह कॉलोनी में घरों में बारिश का पानी घुस गया। जैंतनवाला से आगे खाबड़वाला में भारी बारिश की सूचना पर मंत्री गणेश जोशी अफसरों के साथ मौके पर पहुंचे। यहां राहत और बचाव दल ने काम शुरू किया। जोशी ने बताया कि खाबड़वाला में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। गांव के अधिकतर घरों में मलबा घुस गया और सड़क बंद हो गई।



भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...