शनिवार, 21 अगस्त 2021

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा बी. ए , बी. कॉम हेतु सत्र 2021 -22 के फैज ए आम डिग्री कॉलेज मेरठ मे पंजीकरण प्रारंभ हो गए।

 चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा  बी. ए , बी. कॉम हेतु सत्र 2021 -22 के फैज ए आम डिग्री कॉलेज मेरठ मे पंजीकरण प्रारंभ हो गए।

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

फैज ए आम डिग्री कॉलेज मेरठ मे पंजीकरण प्रारंभ हो गए।






फैज ए आम डिग्री कॉलेज मेरठ  के प्रधानाचार्या एफ.रहमान 


मेरठ।  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा बी.ए.,बी.काॅम.हेतु सत्र 2021-2022 के लिए पंजीकरण प्रारंभ हो चुके हैं । सभी छात्र/छात्राओं एवं अभिभावकों से अनुरोध है।  कि पंजीकरण करते समय फ़ैज़ ए आम डिग्री कॉलेज मेरठ को भी चयन करें। 

          

शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

वेंटीलेटर पर कल्याण सिंह: पूर्व सीएम की फिर बिगड़ी हालत, दिल्ली से सीधे अस्पताल पहुंचे योगी

 वेंटीलेटर पर कल्याण सिंह: पूर्व सीएम की फिर बिगड़ी हालत, दिल्ली से सीधे अस्पताल पहुंचे योगी

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी लखनऊ

संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रोफ़ेसर आरके धीमान का कहना है कि कल्याण सिंह वेंटीलेटर पर है। उनका ब्लड प्रेशर काफी लो है और यूरिन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें डायलिसिस के लिए भेजा गया है।


लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को पीजीआई में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को देखने पहुंचे। वह अपने दिल्ली के दौरे से सीधे संजय गांधी पीजीआई पहुंचे जहां उनका इलाज चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत चिंताजनक बनी हुई है। शुक्रवार को उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई। सीएम योगी आदित्यनाथ समय-समय पर उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए अस्पताल जाते रहते हैं। बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनसे मुलाकात की और हालचाल जाना था।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को देखने पहुंचे सीएम योगी 











संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान का कहना है कि कल्याण सिंह वेंटीलेटर पर है। उनका ब्लड प्रेशर काफी लो है और उन्हें यूरिन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें डायलिसिस के लिए भेजा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। देर शाम तक या कल सुबह तक उनके स्वास्थ्य के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।


गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री को चार जुलाई को स्थिति खराब होने के बाद पीजीआई भर्ती कराया गया था। जहां क्रिटिकल केयर मेडिसिन के आईसीयू में उनका उपचार किया जा रहा है। पहले उनकी स्थिति में काफी सुधार हुआ था। वह लोगों की बातचीत के दौरान प्रतिक्रिया देने के साथ ही उत्तर भी देने लगे थे। लेकिन 17 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। उन्हें एनआईवी के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही है। उनके फेफड़े, दिल, गुर्दा और लिवर पर दबाव बढ़ गया है। इसका असर दिमाग पर भी पड़ रहा है।


यूपी चुनाव: CM योगी की मौजूदगी में अमित शाह और नड्डा से मिले संजय निषाद, मांगी इतनी सीटें

 

यूपी चुनाव: CM योगी की मौजूदगी में अमित शाह और नड्डा से मिले संजय निषाद, मांगी इतनी सीटें

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।।लखनऊ
यूपी इलेक्शन एमएलसी बनाए जाने को लेकर संजय निषाद कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।उनका साफ तौर पर कहना है कि जो समाज की समस्याएं थी उस को लेकर चर्चा हुई है।

अमित शाह और जेपी नड्डा से मिले संजय निषाद

















यूपी विधासभा चुनाव 2022: कल दिल्ली में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात हो रही थी, उस दौरान एक तस्वीर सामने आई और उसके बाद सियासी सरगर्मियां फिर से तेज हो गयी हैं। दरअसल संजय निषाद को भी देर रात इस बैठक में बुलाया गया। बैठक में शामिल होने के बाद संजय निषाद आज सुबह-सुबह लखनऊ पहुंचे हैं। एबीपी गंगा से बातचीत में संजय निषाद का साफ तौर पर कहना है कि जो समाज की समस्याएं थी उस को लेकर चर्चा हुई है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा है कि आगामी चुनाव में निषाद पार्टी ने 12 सीटें बीजेपी से मांगी है।


एमएलसी बनाए जाने को लेकर संजय निषाद कुछ भी बोलने से बच रहे हैं

हालांकि एमएलसी बनाए जाने को लेकर संजय निषाद कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। लेकिन उनकी मुस्कुराहट इस बात के संकेत जरूर दे रही है कि उन्हें कुछ पॉजिटिव मैसेज जरूर मिला है, वो ये भी कह रहे हैं कि मछुआ समुदाय के लिए योगी आदित्यनाथ लंबे समय से काम करते चले आ रहे हैं और अगर वही मुख्यमंत्री रहेंगे तो उससे समाज का भला होगा।


संजय निषाद के मुताबिक कल अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देर रात हुई बैठक में संजय निषाद ने ये मुद्दा उठाया कि मंझवार को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र उसके सर नेम और पूकारु नामों का भी प्रमाण पत्र देना चाहिए। इस पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें आश्वस्त किया है कि अब सर नेम के हिसाब से ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा, और संजय निषाद अब उम्मीद जता रहे हैं कि इसके लिए जल्द आदेश भी जारी हो सकता है।


CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान, यूपी के एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन देगी सरकार

 

CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान, यूपी के एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन देगी सरकार

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।।लखनऊ

उत्तर प्रदेश विधानमंडल मानसून सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौजवानों के लिए खास तौर पर उपहारों की बरसात कर दी। उन्होंने घोषणा की है कि एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन दिया जाएगा।


लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के कुछ माह पहले लाए गए अनुपूरक बजट से योगी सरकार ने न सिर्फ अपने घोषणा पत्र के कुछ बचे वादों को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया है, बल्कि चुनावी गणित भी साधा है। मानसून सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौजवानों के लिए खास तौर पर उपहारों की बरसात कर दी। उन्होंने घोषणा की है कि एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन दिया जाएगा। प्रतियोगी छात्रों को तीन परीक्षाओं तक भत्ता दिया जाएगा तो संस्कृत छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की भी व्यवस्था सरकार करने जा रही है।




विधानसभा सत्र में बुधवार को पेश किए गए अनुपूरक बजट पर गुरुवार को चर्चा शुरू हुई तो विपक्ष ने इसे चुनावी और निरर्थक बताया। वहीं, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर चर्चा शुरू की तो समझा दिया कि इस बजट का क्या गुणा-भाग है। नौजवानों की बड़ी आबादी को सरकार चुनाव से पहले तोहफा देने जा रही है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने तीन हजार करोड़ की निधि बनाई है। इससे एक करोड़ नौजवानों को टैबलेट या स्मार्ट फोन दिया जाएगा। इसके पात्र स्नातक, परास्नातक, तकनीकी या डिप्लोमा के छात्र होंगे। उन्हें जरूरत के अनुसार डिजिटल एक्सेस भी मुफ्त मिलेगा। अगली घोषणा भी युवाओं के लिए ही थी। योगी ने कहा कि कारपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड, अन्य वित्तीय संस्थाओं और विश्वविद्यालयों के सहयोग से तीन हजार करोड़ रुपये का एक बड़ा कोष गठित किया जाएगा। उससे किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए परीक्षार्थी को तीन परीक्षाओं तक सरकार भत्ता देगी।

विपक्ष पर संस्कृत विद्यालयों को बंद करने और उनमें छात्रों के प्रवेश न होने देने का आरोप लगाते हुए योगी ने कहा कि सभी संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती मानदेय पर करने के लिए जिलों में विद्यालय प्रबंधकों की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी गई है। इसके अलावा संस्कृत छात्रों को अभी तक कोई सुविधा नहीं मिलती थी। पहली बार सरकार ने तय किया है कि संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। इसके कुछ देर बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

यूपी : संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर नियुक्त किए जाएंगे संस्कृत शिक्षक

 यूपी : संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर नियुक्त किए जाएंगे संस्कृत शिक्षक 


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी। लखनऊ

काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

















लखनऊ। सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के लिए के लिए संविदा पर संस्कृत शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है।



मुफ्त टैबलेट देने से डिजिटल इंडिया मिशन मजबूत होगा : स्वतंत्र देव

 मुफ्त टैबलेट देने से डिजिटल इंडिया मिशन मजबूत होगा : स्वतंत्र देव

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। लखनऊ

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अनुपूरक बजट में युवाओं, कर्मचारियों और किसानों के साथ समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह









लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अनुपूरक बजट में युवाओं, कर्मचारियों और किसानों के साथ समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं का भत्ता देने का एलान और एक करोड़ को टैबलेट उपलब्ध कराने से डिजिटल इंडिया के मिशन को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने 28 लाख कर्मचारियों की पेंशन में बढ़ोतरी करने का भी शानदार निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 2017 के संकल्प पत्र में लिए सभी संकल्पों को भाजपा सरकार पूर्ण कर रही है।


कैग रिपोर्ट में खुलासा : पशुपालन विभाग में मनमानी, उदासीनता व फिजूलखर्ची का राज

 कैग रिपोर्ट में खुलासा : पशुपालन विभाग में मनमानी, उदासीनता व फिजूलखर्ची का राज

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। लखनऊ

प्रदेश के पशुपालन विभाग में हर स्तर पर मनमानी का राज है। विभाग न सिर्फ अपने कार्यों व योजनाओं को लेकर लगातार उदासीन बना हुआ है, बल्कि कई केंद्रीय योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रदेश में विफल करने का काम कर रहा है।

लखनऊ।प्रदेश के पशुपालन विभाग में हर स्तर पर मनमानी का राज है। विभाग न सिर्फ अपने कार्यों व योजनाओं को लेकर लगातार उदासीन बना हुआ है, बल्कि कई केंद्रीय योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रदेश में विफल करने का काम कर रहा है। इससे पशुधन संरक्षण में मुश्किलें आ रही हैं और सरकारी खजाने को चपत भी लग रही है।

पशुपालन विभाग







 

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पशुपालन विभाग की मूलभूत आवश्यकताओं की उपलब्धता व विकास से संबंधित कार्यवाही की समीक्षा की। कैग ने विभाग की गतिविधियों की नमूना जांच के लिए आगरा, बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, महराजगंज, मथुरा व सहारनपुर को चयनित किया। वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच इस संबंध में किए गए प्रयासों की पड़ताल में बड़े पैमाने पर मनमानी का खुलासा हुआ। पता चला न सिर्फ केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाने में सुस्ती बरती जा रही है बल्कि बजट खर्च में भी उदासीनता बरकरार है। अस्तपालों में डॉक्टर-फार्मासिस्ट की कमी है, लेकिन बिना उपकरण व कार्मिक मोबाइल क्लीनिक दौड़ाई जा रही है।



कैग ने सिफारिश की है कि विभाग अपने पास उपलब्ध संसाधनों का सर्वे कराकर पशुपालन संबंधी बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के सृजन का काम करे। साथ ही समयसीमा तय कर पशु चिकित्सालयों की कमी दूर करे और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराए। केंद्रीय योजनाओं का लाभ तेजी से लाभ उठाने का तंत्र विकसित करने की संस्तुति की है।

हर कदम पर मनमानी का राज

- विभाग को 2014-15 से 2018-19 के बीच पशु चिकित्सालयों की स्थापना आदि के लिए 969 करोड़ रुपये मिले, लेकिन 309 करोड़ खर्च नहीं कर पाया। 

- चारा व चारागाह, पशु जैव विविधता और बेसिक इन्फ्रास्टक्चर के विकास के लिए व्यापक पशुधन नीति नहीं थी। फिर भी राष्ट्रीय पशुधन नीति 2013 नहीं अपनाई गई।

- पशु चिकित्सालयों की स्थापना के लिए मानक बनाए, लेकिन उसे जरूरीसंसाधनों से सुसज्जित करने के कोई मानक नहीं तय किए।

- केंद्र ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन शुरू किया और आर्थिक सहायता दी। विभाग इसका लाभ नहीं उठा सका और 5.43 करोड़ रुपये केंद्र को लौटा देने पड़े।

- सरकार ने वर्ष 2005 में कम से कम 15 हजार पशुधन पर एक पशु चिकित्सक की तैनाती का लक्ष्य रखा गया। पर, पशु चिकित्सकों व सहायक पशु चिकित्सीय कर्मचारियों के संवर्ग में 12 से 47 प्रतिशत तक कमी थी।

- अस्पतालों के लिए दवाओं व उपकरणों की लिस्ट तय की गई, लेकिन पशु चिकित्सालयों में इनकी आपूर्ति नहीं हो रही थी।

- मोबाइल क्लीनिक शुरू किए गए, पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट और आवश्यक उपकरण नहीं दिए गए। 

- पशु चिकित्सा जैविक संस्थान लखनऊ की टीका उत्पादन इकाई खामियों की वजह से बंद कर दी गई, लेकिन इसे फिर से शुरू कराने में उदासीनता बनी रही। इससे प्रति वर्ष वैक्सीन खरीद में बड़ी धनराशि खर्च करनी पड़ी।

- बिना अधिकार अलीगढ़ व मेरठ में मांस-गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला बनवाने लगे। बाद में प्रोजेक्ट रद्द करना पड़ा। इस पर खर्च 79.56 करोड़ का खर्च बेकार साबित हुआ।

केंद्र की राष्ट्रीय पशुरोग सूचना प्रणाली का भी ठीक से उपयोग नहीं किया जा सका।

चकगजरिया उजाड़ दिया, लेकिन 679 करोड़ रुपये नहीं दिया

सरकार ने आईटी सिटी व अन्य प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए पशुपालन विभाग के चकगजरिया फार्म की 846.49 एकड़ भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण (526.49 एकड़) व अन्य राजकीय विभागों (320 एकड़) को हस्तांतरित कर दी थी। एलडीए को जमीन के बदले 679.91 करोड़ रुपये पशुपालन विभाग को देने थे। इससे फार्म की गतिविधियां अन्य स्थानों पर शुरू करने की योजना थी। कैग ने खुलासा किया कि मार्च 2020 तक एलडीए ने वह धनराशि पशुपालन विभाग को नहीं दी। साथ ही अश्व प्रजनन केंद्र व चारा बीज उत्पादन इकाई नए स्थान पर स्थापित नहीं कराई गई। इसे बाराबंकी में स्थापित कराना था।

आगरा में सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम पर 1.88 करोड़ की फिजूलखर्ची

जिला चिकित्सालय आगरा में सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम लगाने में 1.88 करोड़ की फिजूलखर्ची की गई। इसके बाद भी आठ से 10 साल बाद सिस्टम शुरू नहीं हो सका।

कैग के अनुसार, जिला चिकित्सालय आगरा के उच्चीकरण के दौरान फरवरी 2010 में 2.76 करोड़ व दिसंबर 2011 में 2.70 करोड़ स्वीकृत किए गए। सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम के लिए मार्च 2010 में 0.83 करोड़ और मार्च 2012 में 1.29 करोड़ की लागत से 110 बेड के लिए सिस्टम आपूर्ति की गई। अनुबंध में आपूर्तिकर्ताओं ने न तो सिस्टम की स्थापना और न ही क्रियाशील करने संबंधित कोई शर्त रखी गई। सिस्टम के काम करने से पहले ही आपूर्तिकर्ता को 2.12 करोड़ देने के कारण उसने आगे कोई रुचि नहीं ली। मई 2016 में जिला चिकित्सालय ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को 77,950 की अतिरिक्त राशि देने या सिस्टम को चलाने के लिए आपूर्तिकर्ता को निर्देश देने को कहा गया। डीएम ने दोनों आपूर्तिकर्ता को पत्र लिखा तो एक ने 3.61 लाख अतिरिक्त मांगे। जून 2020 तक यह राशि जारी नहीं की जा सकी। शासन ने मामले की जांच कराने और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने की बात कही।

भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी जेवर को ज्ञापन सौंपा

  भारतीय किसान यूनियन जनसेवाशक्ति ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में माननीय प्रधानमंत्री के नाम उपजिला...