अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जिस तरह की आर्थिक नीतियों की अपेक्षा सरकार से की जा रही थी, उसमें सरकार विफल हो गई है।
By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी ।। मेरठ
मेरठ।लम्बा भाषण भी किसी को प्रभावित नहीं कर पाया, इसी से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जिस तरह की आर्थिक नीतियों की अपेक्षा सरकार से की जा रही थी, उसमें सरकार विफल हो गई है। मध्यम वर्ग को इस बजट से घोर निराशा हाथ लगी है। देश के ज्वलंत विषयों बेरोजगारी और रोजगार उपलब्ध कराने की नीतियों पर सरकार कहीं भी आगे बढ़ती दिखाई नहीं दे रही है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी सरकार याद करने को तैयार नहीं है। स्मार्ट सिटी की बातें भी हवा-हवाई ही रह गई। इस बजट ने किसान, युवा, छात्र, श्रमिक, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग के साथ सभी वर्गों को निराश किया है। सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बाजार में मांग बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ रोजगार देने की नीतियों को प्रमुखता देनी चाहिए क्योंकि रोजगार बढ़ेगा तो बाजार में मांग बढ़ेगी, मांग बढ़ेगी तो उत्पादन बढेगा लेकिन सरकार अभी शायद केवल अपने पुराने वादों और नारों के मकडजाल में ही अटकी प्रतीत हो रही है इसलिए लम्बे भाषण के बाद भी जनमानस में निराशा का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। आम आदमी अब इनके प्रभाव में आने वाला नहीं है क्योंकि इनके दावों और जुमलों की सच्चाई सामने आ चुकी हैै।
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