सोमवार, 24 जनवरी 2022

सुभारती लॉ कॉलिज में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 

सुभारती लॉ कॉलिज में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ

मेरठ ।24 जनवरी सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। सुभारती विधि संस्थान एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किये गये। इस कार्यक्रम की रूपरेखा सुभारती विधि संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो.(डा.) वैभव गोयल भारतीय ने रखी। इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुभारती लॉ कॉलिज की एसोसिएट प्रो.(डा.) सारिका त्यागी ने स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के थपलियाल को सम्बोधन के लिए आमांत्रित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। महिलाओं को लेकर हमें अपनी सोच बदलनी होगी। आज भी बलात्कार, अपहरण जैसी घटनाएं हमें झकझोर देती हैं। सविंधान महिलाओं और पुरूषों में कोई अन्तर नही करता और सबको बराबरी का अधिकार देता है। आज बेटी बचाओं बेटी पढाओं तथा मिशन शक्ति आदि सरकार द्वारा योजना चलायी जा रही है। हमें अपना दृष्टिकोण बदलना होगी कि बेटा मजबूत होता है और बेटी कमजोर, बेटी पराया धन होती है तथा खानदान आगे बढ़ाने के लिए बेटा जरूरी है आदि जैसी सोच गलत है। इस वेबिनार के माध्यम से समाज में यह संदेश जरूर जाना चाहिए कि नारी सशक्तिकरण के बिना कोई भी समाज समृद्ध नही हो सकता।

अपने सम्बोधन मे डा.रीना बिश्नोई ने कहा कि जागरूकता के अभाव में बेटियों पर अत्याचार किया जाता है। लड़कियों के पैदा होते ही परिवार में उन्हें बोझ मान लिया होता है। समाज में फैले हुए अपराध को देखते हुए भी अभिभावक बेंटी नही चाहते हैं। कुपोषण, गरीबी, अशिक्षा और स्वास्थ्य के मोर्चे पर अभी बहुत काम करना बाकी है। बालिकाओं की रक्षा एवं शिक्षा की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नही है, बल्कि समाज को भी इसके लिए आगे आना होगा। अवि चौधरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि बालिकाओं ने भारत को एक नई दिशा दी है, उन्होंने अनेक ऐसी लड़कियों के नाम लिये जिन्होंने अपनी सफलता के झण्डे अलग अलग क्षेत्रों में लहराये है। लेकिन आज भी महिला की दुश्मन खुद महिला होती है। पढ़ी लिखी  महिला भी संतान के रूप में बेटे की ही कामना करती है। केवल कानून बना देने भर से समाज की सोच नही बदली जा सकती। अत: जागरूकता फैला कर ही  बालिकाओं को सशक्त कर हमें नारी सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ना होगा। सुकन्या समृद्धि योजना तथा उड़ान स्कीम आदि सरकारी योजनाओं का भी लाभ हमें लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी बचेगी तभी तो सृष्टि सजेगी ।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ की सचिव अंजू काम्बोज ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारा समाज पितृतात्मक समाज है, ऐसे समाज में बेटों को वरियता शुरू से ही दी जाती है। हालांकि वर्तमान समय में बेटियाँ पढ़ लिखकर सक्षम हो रही हैं  परन्तु फिर भी कन्याभ्रूण हत्या, परिवार में बेटा व बेटी में भेदभाव, अशिक्षा तथा महिलाओं से सम्बधिंत अपराध आज भी नही रूक पा रहे हैं। ऐसे में महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। आज का यह सफल कार्यक्रम समाज को नयी दिशा देना का कार्य करेगा तथा नारी सशक्तिकरण में अपनी भूमिका निभाएगा। सुभारती लॉ कॉलिज के निदेशक राजेश चन्द्रा (पूर्व न्यायमूर्ति प्रयागराज उच्च न्यायालय) ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरूआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार में 2008 में की थी। आज का दिन बालिकाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित उनकी शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, उनके उत्थान के विषय में जागरूकता फैलाने का दिन है। आज लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली सभी असमानताओं के बारे में भी लोगों को जागरूक करना होगा। बालिकाओं की शिक्षा के बारे में तो बात की जाती है, परन्तु उनके स्वास्थय और पोषण के महत्व पर बहुत कम चर्चा की जाती है। इस कार्यक्रम का उद्धेश्य भारत में लैंगिक असमानता, बालिका शिक्षा का महत्व, उसके स्वास्थ्य व पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने का उद्धेश्य भी है। लड़के और लड़की में किया जाने वाले भेदभाव हमें परिवार के स्तर से ही खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम सही मायनों में समाज की सोच को बदलने का कार्य करेगा। कार्यक्रम के अंतिम चरण में विकास त्यागी ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े सभी अतिथियों, शिक्षकों तथा छात्रों आदि का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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