मंगलवार, 18 जनवरी 2022

मानव कल्याण के संकल्प के साथ डा.मुक्ति भटनागर का हुआ रूपकायावशेष पूर्ण समाधिस्थ अनुष्ठान



मानव कल्याण के संकल्प के साथ डा.मुक्ति भटनागर का हुआ रूपकायावशेष पूर्ण समाधिस्थ अनुष्ठान

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ










मेरठ। संघमाता डा. मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउण्डेशन एवं सुभारती ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में सुभारती विश्वविद्यालय की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर की 65 वी जयंती पर मनाएं गये संघमाता सप्ताह के अंतिम दिन संघमाता डा. मुक्ति भटनागर की पवित्र अस्थियां को बोधि उपवन में बौद्ध रीति रिवाज के अनुसार समाधि के रूप में स्थापित कर दिया गया है।

रूपकायावशेष पूर्ण समाधिस्थ अनुष्ठान का शुभारंभ विश्वविद्यालय परिसर स्थित संघमाता के निवास स्थान से कलश यात्रा के रूप में उनकी अस्थियों को सुभारती परिसर में सुभारती परिवार के सभी सदस्यों द्वारा भ्रमण कराया गया। इसके बाद बोधि उपवन स्थित बौद्ध मठ में कुशीनगर के भिक्षु संघ अध्यक्ष भदंत एबी ज्ञानेश्वर, अंतराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव डा. धम्मापिया एवं अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ के भूतपूर्व अध्यक्ष डा. नन्द रतन थेरो ने मंत्रोचारण किया। सुभारती ग्रुप के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने अपने हाथों से संघमाता की अस्थियों को समाधि में विधिवत स्थापित किया। इस दौरान कलश यात्रा मार्ग के दोनां ओर सुभारती परिवार के सभी सदस्यों ने खड़े होकर पवित्र अस्थि कलश पर पुष्प वर्षा की एवं नम्न आंखों से अन्तिम विदाई दी।

भिक्षु संघ अध्यक्ष भदंत एबी ज्ञानेश्वर ने कहा कि मृत्यु जीवन का परम सत्य है। उन्होंने कहा कि बौद्ध दर्शन में मानव को शान्ति के साथ जीवन व्यतीत करने एवं मानव उत्थान के कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संघमाता ने अपने पूरे जीवन काल में समाज के हर वर्ग को प्रेम, करूणा, मैत्री के भाव से विकसित करने का कार्य किया है वह पूरे विश्व के लिये पंचशील का जीवंत उदाहरण है।

अंतराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव डा. धम्मापिया ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय का बोधि उपवन संघमाता की स्मृतियों को जीवित रखते हुए विश्व कल्याण केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि संघमाता डा. मुक्ति भटनागर ने जिस प्रकार बौद्ध धर्म को पल्लवित करने हेतु उत्कृष्ट कार्य करके मानवता को लाभान्वित किया है, इससे पूरे विश्व को एकता के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिली है।

सुभारती ग्रुप के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने बताया कि संघमाता की पवित्र अस्थियों को संग्रहित करके बोधि उपवन में बौद्ध रीति रिवाज के अनुसार रूपकायावशेष पूर्ण समाधिस्थ अनुष्ठान किया गया है। उन्होंने कहा कि संघमाता की जयंती के अवसर पर सुभारती ग्रुप ने यही संकल्प लिया है कि पंचशील के सिद्धांत पर अग्रसर होकर मानव कल्याण के कार्य किये जाएंगे ताकि संघमाता के विचारों को आत्मसात किया जा सकें।

इस अवसर पर उमालोक के न्यासी डा. आलोक भटनागर, सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा.हिरो हितो, कुलपति डा. जी.के. थपलियाल, सीईओ डा.शल्या राज, लोकप्रिय अस्पताल के निदेशक डा. रोहित रविन्द्र, सुभारती अस्पताल के चिकित्सा उपाधीक्षक डा. कृष्णा मूर्ति, डा. आकांक्षा, अवनी कमल, कुलसचिव डीके. सक्सैना, चेयरमैन क्यूसी डा. एनके आहूजा, प्रतिकुलपति डा. अभय शंकरगौड़ा, डा. एसडी खान, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, डा. पिंटू मिश्रा, डा. नीरज कर्ण सिंह, डा. वैभव गोयल भारतीय, डा. संदीप कुमार, डा. महावीर सिंह, डा. मनोज कपिल, डा. सोकिन्द्र कुमार, विवेक तिवारी, विशाल सिंह, हर्षवर्धन कौशिक, राहुल, राजेश कौशिक, राजकुमार सागर, संजीव कुमार, एसी पाठक, आनन्द पाल, नरेश कुमार आदि सुभारती परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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