रविवार, 23 जनवरी 2022

समाज को अज्ञान अंधकार की बेड़ियों से मुक्त कराने का लिया संकल्प

  

समाज को अज्ञान अंधकार की बेड़ियों से मुक्त कराने का लिया संकल्प

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।।सरधना/मेरठ

सरधना/मेरठ।रविवार को ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आर्य वीर दल जनपद मेरठ के तत्वाधान में एक वेबीनार आयोजित की गई। जिसमें सर्वप्रथम आचार्य गौरव आर्य (संगठन मंत्री आर्यवीर दल मेरठ) ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित प्रकाश डालते हुए बताया कि 21 अक्टूबर सन 1943 को उन्होंने स्वतंत्र भारत की अस्थाई सरकार बनाई जिसे 11 देशों ने चीन, जापान, फिलीपींस, जर्मनी आदि देशों ने मान्यता भी प्रदान की। तत्पश्चात आज के *मुख्य वक्ता प्रो डॉ राम शर्मा* (अंग्रेजी विभागाध्यक्ष-जाट कॉलेज बड़ौत)  ने अपने वक्तव्य के माध्यम से बताया कि सुभाष चन्द्र बोस अद्भुत प्रतिभा के धनी थे, जिनमें एक राष्ट्रभक्त, स्वतंत्रता सेनानी या प्रशासनिक अधिकारी निहित था। जिसने उस समय की सबसे जटिल परीक्षा आई सी एस ई उत्तीर्ण की । कांग्रेस के दो बार निर्वाचित अध्यक्ष बने गांधी जी को महात्मा नाम देने वाले भी नेताजी सुभाष बाबू ही थे। प्रोफ़ेसर साहब ने अपनी कविता के माध्यम से प्रेरित किया कि हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेकर एक दीपशिखा, दियासलाई के रूप में अपने जीवन को प्रकाशित करते हुए सारे समाज को प्रकाश प्रदान करने का प्रयत्न करें। ललित मोहन आर्य (आर्यवीर दल मीडिया प्रभारी जनपद मेरठ) द्वारा सभी को धन्यवाद एवं नेताजी के विषय में बताते हुए कहा कि अकेले ही संगठन को तैयार कर ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाले एक मात्र स्वतन्त्रता सेनानी थे। प्रेमपाल कवि जी ने अपनी कविता के माध्यम से नेताजी के पूरे जीवन पर आधारित कविता प्रस्तुत की जिसमें जन्म से लेकर उनके जीवन में किस प्रकार से संघर्ष, कार्य, संगठन आदि की गतिविधियों के विषय में बताते हुए कविता का पाठ किया । अंत में डॉ कपिल आचार्य ने सभी का आभार एवं धन्यवाद करते हुए अपने उद्बोधन के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर एवं आर्यवीर दल जो युवा इकाई के रूप में संगठन को एक रूपता दिखाते हुए समझाया कि जैसे नेता जी ने उस समय अंग्रेजों की गुलामी से निकलने के लिए संगठन तैयार किया, उसी प्रकार से आज हम भी अंधविश्वास, अज्ञानता, अंधकार के रूप में मानसिक रूप से गुलाम है उससे दूर होने के लिए आर्य वीर दल संगठन के रूप में कार्य कर रहा है और नेता जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए हम सब मिलकर अपने इस संगठन को आगे बढ़ाते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने और यह मानसिक गुलामी से दूर रहने का निरंतर सफल प्रयास हम करते रहे और आगे बढ़े। अंत मे अपनी इन पंक्ति के माध्यम से मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर, लोग मिलते गए और कारवां बनता गया। इस अवसर पर कन्या गुरुकुल झिटकारी-भमोरी की प्राचार्या आदेश मलिक, सागर जी नागपुर, मनीता तोमर, विद्यासागर आर्य (मेरठमण्डल संचालक आर्यवीरदल) ओमवीर आर्य, सोहनवीर आर्य, भीष्म आर्य, दीपक शास्त्री, ऋषिपाल आर्य, कृष्णपाल आर्य, कमलेश आर्या, आदि अनेक संख्या में युवक और युवतियों ने भाग लिया। तुषार आर्य ने कार्यक्रम का संचालन बड़ी कुशलता से किया गया।

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