शनिवार, 16 अक्तूबर 2021

तालिबान की तालिबान की मौजूदगी वाली मास्को फॉर्मेट वार्ता में भारत की उपस्थिति कैसे होगी अहम?

 तालिबान की तालिबान की मौजूदगी वाली मास्को फॉर्मेट वार्ता में भारत की उपस्थिति कैसे होगी अहम?

By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। नई दिल्ली







नई दिल्ली।रूस के आमंत्रण पर 20 अक्तूबर को अफगानिस्तान मसले पर होने वाली मास्को फॉर्मेट वार्ता में भारत का शामिल होना काफी महत्वपूर्ण होगा। इसमें तालिबान भी शामिल होगा। भारत संयुक्त सचिव स्तर पर वार्ता में शिरकत करेगा। तालिबान से जुड़ी चिंताओं को स्पष्ट तौर पर बैठक में रखा जाएगा। आमने-सामने की वार्ता में तालिबान की मौजूदगी पर भारत के रुख पर सबकी नजर रहेगी। गौरतलब है कि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिन चुनिंदा देशों का साथ मिला है वे भी उसको मान्यता नहीं दे रहे हैं। तुर्की के साथ तालिबान प्रतिनिधियों की बैठक में तालिबानी झंडा लगाने की भी अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में मास्को फॉर्मेट वार्ता पर सबकी निगाह टिकी है।

भारत, तालिबानी व्यवस्था को लेकर अपनी मुखर आपत्ति दर्ज करा चुका है। उसने कहा है कि अफगान जमीन का उपयोग आतंकवाद और कट्टरपंथ के लिए नहीं होना चाहिए। तालिबानी व्यवस्था में सभी वर्गों का प्रतिनधित्व नहीं होने को लेकर भी आपत्ति जताई गई है। हालांकि भारत बैक डोर चैनल से सभी सम्बद्ध पक्षों से बातचीत का चैनल खुला रखा हुआ था, जिससे भारत के नागरिकों की सुरक्षा व अन्य चिंताओं का समाधान किया जाए। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि भारत को अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए ‘मास्को फॉर्मेट’ में शामिल होने का न्योता मिला है और वह 20 अक्तूबर को होने वाली बातचीत में शामिल होगा।

बातचीत में शामिल होने के लिए मिला न्योता 

अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद यह पहला मास्को फॉर्मेट सम्मेलन होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक हमें मास्को फॉर्मेट के लिए न्योता मिला है। हम इसमें शामिल होंगे। अरिंदम बागची ने कहा कि मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता कि कौन बातचीत में शामिल होगा, लेकिन इसकी संभावना है कि संयुक्त सचिव स्तर का कोई अधिकारी इसमें भाग लेगा। अफगानिस्तान मुद्दों पर रूस 2017 से मास्को फॉर्मेट का आयोजन करता रहा है। 

वार्ता में तालिबान भी रहेगा 

पिछले हफ्ते, अफगानिस्तान पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने कहा कि मास्को ने 20 अक्तूबर को अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। इससे वे भारत के आमने-सामने होंगे। शासन बदलने के बाद भारत ने अपने राजनयिक और कर्मचारियों को अफगानिस्तान से निकाल लिया था। उधर, तालिबान के प्रतिनिधि ने वार्ता में शामिल होने को लेकर पुष्टि कर दी है।



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