परिवार के साथ देखने वाली फिल्म बनाएं: के0जी0 सुरेश

 परिवार के साथ देखने वाली फिल्म बनाएं: के0जी0 सुरेश

भारतीय परिवार मूल्यों को नष्ट करने की साजिश

कहानियों को फिल्म का रूप देने की कोशिश करें


By - मेरठ ख़बर लाइव न्यूज सह संपादक प्रवेश कुमार रोहतगी।। मेरठ














मेरठ। साहित्य और समाज का अध्ययन करें। ऐसे फिल्म बनाएं जो परिवार के साथ देखी जा सकें। वर्तमान में ऐसे फिल्म बनाई जा रही है जो कि परिवार के साथ देखी नहीं जा सकती हैं। भारतीय परिवार मूल्यों को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है। कहानियों को फिल्म का रूप देने की कोशिश करें। आजकल बिना पढे लिखना व बिना सुने बोल देने की परंपरा चल पढी है। क्योंकि हमने पढना व लिखना छोड दिया है। यह बात पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ व मेरठ चलचित्र सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में ब्रहस्पति भवन में आयोजित नवांकुर फिल्म महोत्सव 2021 के दौरान मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति के0जी0 सुरेश ने कही।

भारत में भारतीय सिनेमा है

के0जी0 सुरेश ने कहा कि फिल्म या तो अच्छी है या फिर अच्छी नहीं है। हर निर्माता का उददेश्य फिल्म को अच्छा बनाना का ही होता है। भारत में भारतीय सिनेमा है हाॅलीवुड या फिर बाॅलीवुड क्या आवश्यकता है। आजकल मोबाईल के माध्यम से भी फिल्म बनाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए अध्ययनशीलता बनाए रखें। अगर क्रिएटीविटी नहीं है, रचनात्माकता नहीं है तो फिल्म बनाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास को पढना जरूरी है वर्तमान की फिल्मों में इतिहास को तोडमरोडकर पेश किया जाता है।

पत्रकारिता का साहित्य से नाता टूटा

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति के0जी0 सुरेश ने कहा पत्रकारिता का साहित्य से नाता टूट गया है। पत्रकारिता का स्तर गिरा है, साहित्य के बिना पत्रकारिता अधूरी है। विवादित पत्रकारिता का राष्ट्रीयता से क्या लेना देना है। पत्रकारिता को साहित्य से नाता जोडना चाहिए। पत्रकारिता के संस्कारों में बदलाव आया है, पत्रकारिता में अब उन्माद, आक्रमकता आ गई है। सयंम, संवेदशीलता, व सौहार्द की भाषा ही पत्रकारिता है। साहित्य को पढना चाहिए, इससे भाषा, संस्कार, संस्कृति से परिचित होते है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विश्व गुरू का मार्ग प्रशस्त किया

के0जी0 सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विश्व गुरू का मार्ग प्रशस्त किया। हम परीक्षा देने के लिए न पढें बल्कि जीवन के लिए तैयार करें। खूब पढें घूमें लोगों से मिलें। हर व्यक्ति से कुछ सीखने को मिलता है। आंख कान को खुले रखें। सोशल मीडिया पर समय खराब करने से अच्छा है कि कहानी और जीवनी को पढें। एपिक चैनल को देखें, बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

विशिष्ट अतिथि धमेंद्र भारद्वाज एमआईटी ग्रुप आॅफ काॅलेज के चेयरमैन ने कहा कि समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए अच्छे विषयों पर फिल्म बननी चाहिए और इस प्रकार के प्लेटफाॅर्म पर इनको प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

इन्हे मिला पुरस्कार

10 मिनट श्रेणी

प्रथम - आॅक्सीजन - महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा महाराष्ट्र

द्वितीय - विभाजन की विभीषिका पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

सांत्वना पुरस्कार -

 लगन देश सेवा की - पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, नजरिया -डीसीटी स्टूडियो, डिस्पोजन फैमिली - पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, मुतासिर रामजी से मास्टर स्कूल आॅफ मैनेजमेंट मेरठ, हिन्दी हैं हम - चंडीगढ विश्वविद्यालय पंजाब

05 मिनट श्रेणी

 प्रथम - आंदोलन दाॅ ट्रूथ - एसआर डी मीडिया

द्वितीय - मोबाइल के मारे है हम - पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

सांत्वना पुरस्कार -

कैंची बाजार मेरठ - आईआईएमटी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, दाॅ फस्र्ट डे - पाॅइंट एंड ऑफ दाॅ सेंटेंस, दाॅ अनरिकाॅगनाइज बोस, आईएमएस नोएडा, नाॅट जस्ट ए ड्रीम - आईआईएमटी ग्रेटर नोएडा, लुक डू लाई - पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

कार्यक्रम की अध्यक्षता चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेंद्र कुमार तनेजा ने की। निर्णायक भूमिका में नीता गुप्ता, सुमंत डोगरा व डाॅ0 दिशा दिनेश रही। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निदेशक प्रो0 प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागत किया। मेरठ चलचित्र सोसाईटी अजय मित्तल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान कार्य परिषद के सदस्य डाॅ0 दर्शन लाल अरोडा, श्याम बिहार, सुरेंद्र कुमार, प्रो0 नवीन चंद्र लोहानी, डाॅ0 मनोज कुमार श्रीवास्तव, डाॅ0 अशोक कुमार, लव कुमार, अमरीश पाठक, बीनम यादव, मितेन्द्र कुमार गुप्ता, ज्योति वर्मा, उपेश दीक्षित, राकेश कुमार, राजीव, नाजर आदि मौजूद रहे।

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